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कन्नौज : चुनाव में गड़बड़ी करने वालों को डीएम का सख्त संदेश, कहा- माहौल खराब करने वालों भेजा जाएगा जेल  

कन्नौज। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथियों की घोषणा के बाद जिला प्रशासन भी निष्पक्ष शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है। वहीं, डीएम राकेश कुमार मिश्रा पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा, अपर जिलाधिकारी गजेंद्र कुमार ने एक प्रेसवार्ता कर पत्रकारों को चुनावी तैयारियों से अवगत कराया। चुनाव में गड़बड़ी करने वाले लोगो को शख्त सन्देश देते हुए डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि अगर जिले में कही भी आदर्श आचार संहिता का उलंघन व विवाद फैलाने की कोशिश भी की तो उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अपर जिलाधिकारी गजेंद्र कुमार ने बताया कि कन्नौज जिले में 11 लाख 18 हजार 744 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। 8 विकास खंडों की 499 ग्राम पंचायतो में मतदान होगा। जिसमे 81 न्याय पंचायत 6 हजार 327 ग्राम पंचायत सदस्य, 6 सौ 76 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 28 जिला पंचायत सदस्यों की संख्या होगी। जिले में 832 मतदान केंद्र व 1842 मतदान स्थल बनाये गए हैं। जिसमे सामान्य मतदान स्थलों की संख्या 587, संवेदनशील मतदान स्थल 606, अतिसंवेदनशील मतदान स्थल 416, अतिसंवेदनशील प्लस मतदान स्थल 235 को चिन्हित किया गया है।

मतदान से पहले सभी आठों विकास खंडो से पोलिंग पार्टिया रवाना की जाएगी। 30 जोनल मजिस्ट्रेट 148 सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाये गए है। सुरक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने कहा कि फोर्स की पर्यात व्यवस्था होगी। कन्नौज में मतदान 19 अप्रैल को है मतदान से पहले जिले को फोर्स उपलब्ध हो जाएगी।

यूपी पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम पंचायतों में मची उथल-पुथल, आर्या न्यूज के कैमरे पर झलका ग्रामीणों का आक्रोश

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर मुरादाबाद जिले की ग्राम पंचायतों में अलग-अलग नजारे देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला मुरादाबाद के कुंदरकी ब्लॉक से महज 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत चिड़ियाढ़ेर व कुत्तेपुर का है।

दरअसल, आर्या न्यूज की टीम गांव में पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीणों की राय जानने पहुंची तो गांव में लगे गंदगी के अंबार, पानी से भरे रास्ते और टूटी हुए शौचालय देखने को मिले। ग्रामीणों का गुस्सा कैसरे के सामने साफ झलका। ग्रामीण अपने ग्राम प्रधान से काफी नाराज नजर आए। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रधान पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया और कहा कि ग्राम प्रधान ने अपना महल बनाकर खड़ा कर लिया, जबकि गांव में कोई विकास कार्य नहीं किया।

वहीं, जब आर्या न्यूज की टीम ग्रामीणों द्वारा लगाए आरोपों की पुष्टि के लिए प्रधान के पास पहुंची तो प्रधान अपने घर से लापता मिले। फिलहाल ग्रामीण जनता ने आने वाले चुनाव को लेकर सही प्रत्याशी चुनने का फैसला किया और विकास कार्य कराने वाले व्यक्ति को मैदान में लाकर अपना मुखिया बनाना चाहती है।

ग्राम पंचायत चुनावः बुलंदशहर में प्रधानों का सच आया सामने, कैमरे में कैद हुई गांव की बदहाल तस्वीर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत का चुनाव नजदीक है, लेकिन पंचायत चुनाव से पहले आर्या न्यूज की पड़ताल में कई सच सामने आए हैं। बुलंदशहर में कई ऐसे गांव हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी देखने को मिली है। बात अगर सड़कों की करें तो सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास और उन्नति को दर्शाती हैं, लेकिन गांव के प्रधान इस बार से बेफिकर हैं और सड़कें बद से बदत्तर हो चली हैं।

जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों के जरिए कई बार शिकयात की गई हैं। बावजूद इसके कोई सुधार नहीं किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के बीचों-बीच गहरे गड्ढों की भरमार हो चुकी है। वाहन चालक जान जोखिम में डालकर वाहन चला रहे हैं। खस्ताहाल सड़क के चलते अक्सर हादसों का अंदेशा बना रहता है। खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए तो सड़क पर पड़े गड्ढे किसी मुसीबत से कम नहीं है। ऐसा लगता है कि प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है, तभी तो बदहाल सड़क की हालत को दुरूस्त नहीं कर रहा है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची का इंतजार हुआ खत्म, जिला चुनाव अधिकारी ने जारी की लिस्ट

नई दिल्ली। गोरखपुर जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की अंतिम सूची आज गोरखपुर जिला चुनाव अधिकारी/सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने जारी की। ग्राम पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य(बीडीसी) व ब्लाक प्रमुख के 4 पदों के लिए आरक्षण सूची आज देर शाम 7 बजे जारी की गई। घंटों इंतजार के बाद आज जब लिस्ट चस्पा किया गया तो लोग एक दूसरे पर चढ़कर सूची का फोटो खींचने लगे।

हालांकि आंशिक परिसीमन के कारण जिला पंचायत ने इस बार सीटें कम कर दी हैं। इस नई लिस्ट के अनुसार 33% महिलाओं को विशेष वरीयता दी गई है।

जिला पंचायत अधिकारी/सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आरक्षण लिस्ट में जैसे-जैसे जिओ की गाइडलाइन दी गई थी हम लोगों ने उसमें होमवर्क कर हर गाइडलाइन को फॉलो किया और हर टाइम लाइन को फॉलो किया। उसकी पूरी स्टडी करके उन लोगों ने सूची तैयार की। इस संबंध के सभी अधिकारियों को हमें बुलाकर क्रॉस चेक किया और कंप्यूटर पर डाल करके उसको चेक किया। हमें 2 दिनों का समय मिला था परंतु हमने आज ही जिओ को प्रकाशित कर दिया। इसमें आपत्ती के लिए 4 तारीख से 8 तारीख तक का समय है। आपत्ती हमारे विकास भवन, डिवीजन ऑफिस में भी दे सकते हैं और ब्लॉक ऑफिस में भी दे सकते हैं। आपत्ती को लेकर जो हमारी कमेटी गठित की गई है वह सुनेगी उसका निस्तारण भी करेगी और फाइनल कम्युनिकेशन 15 मार्च को कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमने जिओ के गाइडलाइन को फॉलो किया गया है। इस तरह से महिलाओं के लिए जो आरक्षित सीटें थी उन नियमों को ध्यान में रखते हुए जिओ लागू किया गया है। जिओ में जिस तरह से एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य की आरक्षित सीटें थी। हमने उन सभी नियमों को पालन करते हुए यह सूची जारी की है।

यूपी पंचायत चुनाव :जानिए इस बार कौन-कौन नहीं लड़ पाएंगे चुनाव,क्या है नया नियम

उत्तरप्रदेश । पंचायत चुनाव में सहकारी समितियों के बकायेदार बकाया चुकता करने के बाद ही चुनाव लड़ सकते हैं, अन्यथा चुनाव लड़ने से वंचित कर दिये जाएंगे। यह जानकारी सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता प्रमोद वीर आर्य ने दी है।

आर्य के अनुसार समितियों में राजनीतिक व्यक्तियों के लम्बे बकाये चल रहे हैं, जिसके चलते समितियों की पूंजी डूबी हुई है। पहली बार चुनाव लड़ने वालों को किस्त अदा कर नोड्यूज लेने के बाद ही चुनाव लड़ने दिया जायेगा। यदि ऐसा नहीं होता तो उनका पर्चा निरस्त कर दिया जायेगा।

यूपी में ग्राम पंचायतों के चुनाव को लेकर आरक्षण के नोटिफिकेशन का इंतजार अब खत्म होने वाला है। पंचायतों के आरक्षण को लेकर यूपी कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद पंचायत चुनाव की सरगर्मी और बढ़ गई है। संभावित प्रत्याशियों की निगाहें अब ग्राम पंचायत के आरक्षण पर टिक गई हैं।

यह तय है कि इस बार चक्र चलेगा गोरखपुर के सीडीओ इंद्रजीत सिंह का कहना है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही नोटिफिकेशन हो जाने की उम्मीद है। शासन से फार्मूला आने के बाद जिले स्तर पर आरक्षण की सूची तैयार की जाएगी। दूसरी ओर मंगलवार को कैबिनेट का फैसले की जानकारी मिलते ही दावेदार और उनके समर्थक, पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को फोन लगाने लगे। सभी सिर्फ यही जानना चाहते थे कि आरक्षण कब तक तय होगा।

जानिए किस पल को याद करके भावुक हुए पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर राज्यसभा को संबोधित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें विदाई दी गई। पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेता की खूब तारीफ की और एक आंतकी घटना का जिक्र करते हुए भावुक हो गए और कहा कि वे एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का  घटनाओं और अनुभव के आधार पर आदर करते हैं।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थोड़ी देर में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना पर राज्यसभा में बयान देंगे। इस दौरान वह राहत एवं बचाव अभियान के बारे में जानकारी देंगे। ‘शून्यकाल’ के दौरान राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वह गृह मंत्री सदन को इस बारे में जानकारी देने के लिए कहेंगे ।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आजाद समेत जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने पर विदाई भाषण में कहा कि श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘एक बार गुजरात के यात्रियों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने हमला कर दिया। करीब 8 लोग मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया, वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था। उनके आंसू रूक नहीं रहे थे। उन्होंने मुझे फोन किया और अपने परिवार के सदस्य की तरह चिंता की। मेरे लिए वो बड़ा भावुक पल था।  उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शरीरों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए, तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। लेकिन गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे, उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करें, वैसी चिंता वो कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने कही ये बात, जानिए कब तक संपन्न होंगे चुनाव ?  

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और सरकार को मई तक यूपी में पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है। विजय उपाध्याय की याचिका पर हाईकोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि 30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव, 15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव और 15 मई तक ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराने की व्यवस्था चुनाव आयोग और सरकार कराएं।

बता दें कि  विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। चुनाव आयोग के शेड्यूल पेश करने के बाद आयोग ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था, जिस पर आज यानी बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में जो शेड्यूल पेश किया था, उसमें चुनाव मई तक होने की बात सामने आई। इस पर हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पंचायत चुनाव मई में कराने का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि नियमानुसार 13 जनवरी 2021 तक चुनाव पूरे करा लिए जाने थे। हाईकोर्ट ने शेड्यूल को संवैधानिक उपबंधों के विपरीत मानते हुए अस्वीकार कर दिया।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार 75 जिला पंचायत, 826 क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक), 58,194 ग्राम पंचायत, 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75,855 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। इस तरह कुल 8,69,814 जनप्रतिनिधियों का चुनाव होना है।