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17 दिन तक तपोवन में बेटे को खोजते रहे पिता,मायूस होकर लौटे तो पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार

चमोली।सात फरवरी को उत्तराखंड के तपोवन में आई जलप्रलय में लापता हुए बेटे के मिलने की उम्मीद एक परिवार ने छोड़ दी है। घटना के दिन से ही बेटे की तलाश के लिए उत्तराखंड में जमे कस्बे के जोगीराम  मायूस होकर वापस अपने घर लौट आए हैं।

वहां के हालात देखकर परिवार की नाउम्मीदी और मायूसी का आलम यह है कि उन्होंने अपने बेटे गौरीशंकर का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया है।

उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में चल रहे प्रोजेक्ट में मजदूरी करने कस्बे से गए तीन मजदूरों के शव अभी तक नहीं मिले हैं। इनमें तिकुनियां में अपनी ससुराल में रह रहे शाहजहांपुर के खुटार निवासी शेरसिंह समेत कस्बे के 22 वर्षीय गौरीशंकर और रामू शामिल हैं।

इनके परिवार के सदस्य रो-रोकर और उनके लौटने का इंतजार करके थक चुके हैं। उन्होंने अब सब कुछ भगवान पर छोड़ते हुए लापता सदस्यों के मिल पाने की उम्मीदें भी छोड़ दी है।

थारू जाति के गौरीशंकर के पिता जोगीराम सैलाब की खबर पाकर सात फरवरी को ही तपोवन चले गए थे। वह तभी से वहां अपने जवान बेटे की तलाश में दर-दर ठोकरें खा रहे थे।

सत्रह दिन बाद भी बेटे का कोई सुराग न लगने पर उनके समेत परिवार के लोगों ने उसके जीवित मिलने की उम्मीद छोड़ दी है। बेहद दुखी मन से जोगीराम का कहना था कि अब नहीं लगता कि तपोवन की रेत में खोया उनका लाड़ला वापस मिल सकेगा।

इतने दिनों से सैलाब के थपेड़ों की मार खाकर कोई कैसे जिंदा रह पाएगा। घरवालों ने यह भी बताया कि वहां की सरकार ने लापता लोगों के परिवारवालों को मृत्यु प्रमाणपत्र देने की बात कही है।

रोज शाम वह फोन पर परिवारवालों को अपनी दिन भर की भागदौड़ के बावजूद नाकामी हाथ लगने की खबर सुनाते थे। इसी वजह से घरवालों के कहने पर वह मंगलवार को वापस आ गए।

चमोली के जलप्रलय ने छीन से एक बाप से उसके बुढ़ापे की लाठी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला एक इंजीनियर चमोली जल प्रलय में बहकर लापता हो गया। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद आई जल प्रलय मे बुलंदशहर का रहने वाला एक जूनियर इंजीनियर पानी के बहाव के साथ बह गया। मदद के लिए तैनात प्रशासन को अभी तक उसकी कोई खोज-खबर नहीं मिल पाई है। वहीं घर के इकलौते चिराग के लापता होने से परिजन काफी परेशान हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को ढूढ़ा जाए।

दरअसल, गुलावठी थानाक्षेत्र में बराल गांव के चतरपाल सिंह का इकलौता बेटा सुमित कुमार चमोली जिले के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के NTPC में टेक्नीशियन यानी जूनियर इंजीनियर था। अगस्त 2020 में उसने यहां नौकरी शुरू की थी। अभी एक महीना पहले ही वह घर से वापस काम पर गया था। 6 फरवरी की रात सुमित ने पत्नी मनीषा से फोन पर बात की थी। रविवार सुबह 7.40 बजे पत्नी को मोबाइल पर मैसेज भी किया। इसके बाद कोई फोन नहीं आया और न कोई जानकारी मिली।

जब परिजनों को खबरों से जलप्रलय की जानकारी मिली तो परिजन परेशान हो गए। मंगलवार को कंपनी के एक अधिकारी ने घर पर फोन करके बताया कि जलप्रलय में सुमित बह गया है। तलाश अभी भी जारी है। इसके बाद एनटीपीसी अधिकारियों का तीन बार फोन आ चुका है। आसपास गांवों के लोग और उनके रिश्तेदार भी घर पर पहुंच रहे हैं। पूरा गांव सुमित की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा है।

सुमित के पिता चतरपाल सिंह सेना से सेवानिवृत्ति के बाद बैंक आफ बड़ौदा में गार्ड हैं। चतरपाल ने बताया कि पांच दिन बाद गुरुवार दोपहर बाद हलका लेखपाल जानकारी करने उनके घर पहुंचा। सुमित के दो बच्चे हैं। एक चार साल का है जबकि दूसरे की उम्र दस माह का है।

चमोली में ग्लेशियर पिघलने से बढ़ा गंगा नदी का जलस्तर, बिजनौर में किसानों की फसल चौपट

बिजनौर। उत्तराखंड के चमोली मे अचनाक ग्लेशियर पिघलने से मची तबाही के बाद अब उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में इसका असर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसे जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं बिजनौर में बने गंगा बैराज में जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे लगी किसानों की सब्जी की फसल खतरे में आ गई है।

दरअसल, उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर पिघलने की वजह से भारी जान-माल की हानि हुई है। जिले में ताबाही की मंजर साफ देखा जा सकता है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से हरिद्वार से 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से बिजनौर में बने गंगा बैराज घाट पर करीब एक मीटर तक पानी किनारे पहुंच गया है, जिससे किसानों की सब्जी की फसब पूरी तरह से चौपट हो गई है। वहीं, प्रशासन ने भी बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों को गंगा पार खेती करने से रोक दिया है।

प्रशासन ने ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी ग्रामीण गंगापार खेती करने न जाए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्षेत्र में प्रशासन ने पुलिस बल तैनात कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक अभी हरिद्वार से और ज्यादा पानी छोड़े जाने की संभावना है। जिससे गंगा नदी का जलस्तर बढ़ सकता है।

बता दें कि गंगा नदी पर बने पैंटून पुल से आने-जाने वालों पर रोक लगा दी गई है। इस पुल से 12 से अधिक गांव के लोग रोजाना खेती के लिए आते-जाते हैं।

 बिजनौर से लोकेंद्र कुमार की रिपोर्ट

संसद में गृहमंत्री ने उत्तराखंड की तबाही का बताया पूरा हाल, कहा- पीएम खुद कर रहे हैं निगरानी

नई दिल्ली। रविवार को उत्तराखंड में आई त्रासदी पर मंगलवार को संसद में बात करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ITBP के 450 जवान, NDRF की 5 टीमें, भारतीय सेना की 8 टीमें, एक नेवी टीम और 5 IAF हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए है। आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब से बड़ा नुकसान हुआ है।

संसद में अपनी बात रखते हुए गृहमंत्री ने कहा कि मैं सदन को केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करता हूं कि राहत और बचाव के सभी संभव उपाय राज्य सरकार के साथ समन्वय बैठाकर किए जा रहे हैं साथ ही जो बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने चहिए, वो उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की ओर से स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे उच्च स्तरीय निगरानी की जा रही है। खुद प्रधानमंत्री अपनी देखरेख में हर संभव मदद का प्रयास कर रहे हैं। राज्य को हर संभव मदद देने के साथ-साथ गृह मंत्रालय के दोनों कंट्रोल रूम के द्वारा नजर रखी जा रही है। उत्तराखंड सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कल शाम 5 बजे तक 20 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जानकारी के मुताबिक 197 लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें NTPC के निर्माणाधीन परियोजना के 139, ऋषि गंगा के 46 व्यक्ति और 12 ग्रामीण लोग शामिल हैं।

शाह ने कहा कि 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा की सहायक नदी क्षेत्र में हिमस्खलन की घटना घटी। जिसके कारण नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई। अचानक आई बाढ़ से निचले क्षेत्र में धौलीगंगा नदी पर स्थित NTPC की निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना को भी काफी नुकसान हुआ है।

उत्तराखण्ड आपदा:सुरंग में फंसे हैं 34 लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

देहरादून। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से बीते रोज आई तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आइटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन की टीम आपरेशन में जुटी हैं। रातभर चले ऑपरेशन में सुरंग से 130 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है।

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। बता दें कि अब भी 173 लोग लापता हैं, जबकि अभी तक 26 के शव बरामद किए जा चुके हैं। कुल लापता 202 व्यक्तियों में से और पांच व्यक्ति सोमवार को सुरक्षित लौट आए। दूसरी ओर वायुसेना ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री बांटने का काम प्रारंभ कर दिया।

जोशीमठ-मलारी हाइवे पर मोटरपुल टूटने से कट गए गांवों में भी राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राहत व बचाव कार्यों को तेज करने के लिए चमोली जिले को 20 करोड़ की राशि जारी की गई। केंद्रीय मंत्रियों डा रमेश पोखरियाल निशंक और आरके सिंह ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा। शाम देर शाम मुख्यमंत्री ने तपोवन पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों का मुआयना किया। मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम वहीं करेंगे।

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा, राहत और बचाव कार्य जोरों पर

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के बाद जहां एक तरफ जिंदगी को बचाने की जंग जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ जो बर्बाद हो गया उसे फिर से खड़ा करने की बड़ी चुनौती भी सामने खड़ी है। हादसे के बाद लगातार चल रहा बचाव और राहत कार्य जारी है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत राज्य प्रशासन का अमला युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। उत्तराखंड के सासंदों के एक दल ने पीएम मोदी से मुलाकात की, तो प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।

तपोवन स्थित हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दो किमी से भी लंबी सुरंग में पहुंचे राहत और बचावकर्मियां के दल को भारी गाद और कीचड़ की वजह से रेस्क्यू कार्य चलाने     में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। टीम ने विशेष कैमरा, स्निफर डॉग के साथ अंदर जाने की कोशिश की। ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस ये टीम काफी मशक्कत के बाद 100 मीटर से आगे नहीं बढ़ सकी और इसे वापस लौटना पड़ा। कीचड़ और गाद की सफाई के लिए मशीनों का प्रयोग करना पड़ा. हालांकि एक छोटी टनल को पूरी तरह साफ कर लिया गया है।

उधर, सेना का एक कॉलम रातभर मलबा हटाने वाले उपकरण के साथ जनरेटर और सर्चलाइट की रोशनी में रातभर राहत और बचाव कार्य में जुटा रहा। त्रासदी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जो घटनास्थल पर लोगों को ज़रूरी चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं।

रविवार को आईटीबीपी के जवानों द्वारा बचाए 12 लोगों का जोशीमठ में आईटीबीपी के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

आपदा में कई पुलों के ध्वस्त हो जाने के कारण कई गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। संपर्क टूटने वाले गांवों में हेलीकाप्टर से फूड पैकेट्स गिराए जा रहे हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस 8वीं बटालियन इस कार्य में जुटी हुई है। लोगों को राशन मुहैया कराया जा रहा है। सहायता कार्य के लिए कंट्रोल रोम स्थापित किया गया है। डीआरडीओ के वैज्ञानिक हिमस्खलन के और खतरों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय नौसेना के गोताखोरी दल भी राहत और बचाव कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं।

इस बीच आपदा के मद्देनजर उत्तराखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। प्रतिनिधिमंडल ने आपदा के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी। केंद्र ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। बैठक में भविष्य में आने वाली आपदाओं से निपटने पर चर्चा हुई।

 

 

उत्तराखंड ग्लेशियर हदसाः रेस्क्यू के लिए तपोवन टनल में घुसे सेना के जवान, 202 लोग लापता  

उत्तराखंड। चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहीं आर्मी, ITBP और SDRF की टीमों के जवान तपोवन टनल में घुस गए हैं।

वहीं, इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि हादसे के बाद से 202 लोग लापता हैं और अलग-अलग स्थानों से अब तक 19 लोगों के शव बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार ऋत्विक कंपनी के 21 लोग लापता हैं, जबकि उसकी सहयोगी कंपनी के 100 लोगों का अब तक पता नहीं चला है। ऋत्विक और उसकी सहयोगी कंपनी के अलावा ऋषिगंगा कंपनी के लोग भी बड़ी संख्या में लापता हैं।

उत्तराखंड ग्लेशियर हदसाः बुलंदशहर में सुरक्षित स्थान पर पहुंचे गंगा किनारे बसे लोग, सीएम योगी ने जारी किया अलर्ट

लखनऊ। उत्तराखंड के चमोली में बांध टूटने से पैदा हुई स्थिती से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के संबंधित विभागों और अफसरों को अलर्ट कर दिया है। सीएम ने कहा है कि पूरी नजर मुस्तैदी से रखी जाए। साथ ही SDRF को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा नदी किनारे बसे सभी जिलों के डीएम, एसपी को अलर्ट करते हुए पूरी तरह से सतर्क रहने के निर्देश दिए है। सीएम के आदेश के तहत बुलंदशहर जिले में गंगा नदी के किनारे बसे गांव और बाजारों में सभी को अलर्ट कर दिया गया है। राजघाट, रामघाट, नरौरा घाट, और छोटी काशी, अनूपशहर घाट पर भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ लोगों से अपील कर रहे हैं कि सभी लोग सावधान रहें। किसी भी तरीके की कोई दिक्कत आती है तो तत्काल प्रभाव से प्रशासन उनकी मदद करेगा।

गौरतलब है कि आपदा को देखते हुए प्रशासन की ओर से आपातकालीन बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के आदेशानुसार प्रशासन के अधिकारियों ने घाटों के किनारे गोताखोरों को भी लगा दिया है। किसी भी तरीके की कोई समस्या आती है तो तत्काल प्रभाव से प्रशासन को सूचित करने की अपील के साथ जिला प्रशासन लगातार ढोल बजाकर नुमादी कर रहा है। जो भी लोग गंगा घाट के किनारे जाफरी डाल कर अपना जीवन यापन कर रहे थे और दुकान चला रहे थे वह लोग भी सुरक्षित स्थानों पर अपनी दुकानों को लेकर जा रहे हैं। फिलहाल सभी ने गंगा घाट के किनारे से अपनी-अपनी दुकानों तक को हटा लिया है। जिला प्रशासन भी सभी लोगों से अपील कर रहा है कि किसी भी तरीके से वह सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं और किसी को भी कोई परेशानी ना हो इसको लेकर लगातार जिला प्रशासन हाई अलर्ट जारी किए हुए हैं।

घाट पुरोहित नरेंद्र उपाध्याय का कहना है कि लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं और किसी भी तरीके की कोई समस्या फ़िलहाल नहीं है। प्रशासन भी उनकी पूरी मदद कर रहा है।

उत्तराखंड त्रासदी : जान गंवाने वालों को 4-4 लाख रूपये मुआवजा देगी राज्य सरकार

उत्तराखंड। चमोली जिले में ग्‍लेशियर फटने से भारी तबाही के कारण अब तक 10 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 150 से ज्‍यादा लापता हैं। माना जा रहा है कि मृतकों का आकड़ा अभी बढ़ सकता है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवार को PMNRF से 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस घटना में जिन लोगों की मृत्‍यु हुई है, उन सभी के परिवार को राज्‍य सरकार 4-4 लाख रुपये मुआवजा देगी।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ITBP के जवान रस्सी से सुरंग के अंदर पहुंचे। अभी 1 घंटे पहले तक वो लगभग 150 मीटर अंदर तक पहुंच पाए थे। ये सुरंग लगभग 250 मीटर लंबी है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना के लोग वहां पहुंच गए हैं। NDRF की एक टीम दिल्ली से यहां पहुंची है। मेडिकल सुविधा की दृष्टि से वहां सेना के, पैरामिलिट्री फोर्सेज के और हमारे राज्य के डॉक्टर के वहां कैंप किए गए हैं।

 

चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद हरिद्वार जिले के लक्सर में हाई अलर्ट

उत्तराखंड। चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद हरिद्वार जिले के लक्सर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, लक्सर में गंगा के पास बसे रामपुर राय घाटी गांव के जो किसान अपने खेतों में काम करने के लिए गंगा नदी के उस पार गए हुए थे। उन्हें भी वापस बुला लिया गया है, जिससे की कोई अप्रिय घटना न घटे। वहीं, मौके पर मौजूद लक्सर के एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि अभी पानी हरिद्वार जिले में नहीं पहुंचा है। लोगों को अनाउंसमेंट के जरिए सूचित कर दिया गया है, हमारे राजस्व विभाग व पुलिस विभाग के सभी कर्मचारी अलर्ट पर हैं।

वहीं, मौके पर मौजूद सीओ लक्सर विवेक कुमार ने बताया की चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। गंगा नदी किनारे बसे जितने भी गांव हैं सबको बता दिया गया है की वह सतर्क रहें क्योंकि किसी भी वक्त गंगा नदी का जल स्तर बढ़ सकता है। इसी को देखते हुए गंगा नदी के किनारे बसे हुए सभी गांव में अनाउंसमेंट कर सभी को अलर्ट कर दिया गया है। सभी लोगों से अपील की गई है की वह गंगा नदी के किनारे ना जाए लक्सर प्रशासन नहीं चाहता की इसमें कोई चूक हो इसीलिए वह गांव-गांव जाकर लोगों को हिदायत दे रहे हैं।