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आर्मी चीफ की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- सीमा पर पैदा हो सकती है टकराव की स्थिति

सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत के लिए कई खतरे को जन्म देने की कोशिश में हैं और इस बात झुठलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि हमने उत्तरी बॉर्डर और लद्दाख में उच्च स्तर की तैयारी की है और सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

नई दिल्ली। आर्मी चीफ ने अपने वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सीमा से जुटी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि देश की सेना न केवल पूर्वी लद्दाख में, बल्कि उत्तरी बॉर्डर पर भी अलर्ट मोड में है। सेना हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि पिछला साल काफी चुनौती पूर्ण रहा। कोरोना जैसी महामारी के खतरे के अलावा बॉर्डर पर तनाव भी मौजूद था, लेकिन फिर भी सेना ने बड़ी ही मुस्तैदी के साथ इन चुनौतियों का सामना किया।

खतरनाक है चीन और पाक की दोस्ती

सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत के लिए कई खतरे को जन्म देने की कोशिश में हैं और इस बात झुठलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि हमने उत्तरी बॉर्डर और लद्दाख में उच्च स्तर की तैयारी की है और सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

चुनौती का सामना करने को तैयार है आर्मी

लद्दाख और उत्तरी सीमा की तैयारियों के बारे में बताते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि सेना ने सर्दियों को लेकर पूरी तैयारी की है। लद्दाख की स्थिति की जानकारी देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हमें शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद है, लेकिन हम किसी भी आकस्मिक चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। इसके लिए भारत की सभी लॉजिस्टिक तैयारी संपूर्ण है।

सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हम चौकस है। चीन के साथ कॉर्प्स कमांडर लेवल की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है हम अगले राउंड की वार्ता का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि संवाद और सकारात्मक पहल से इस मुद्दे का हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारी बेहद उच्च कोटि की है और हमारी सेना का मनोबल ऊंचा है।

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति

पाकिस्तान का जिक्र करते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवाद के साथ गलबहियां कर रहा है, लेकिन आतंकवाद के प्रति हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। हम अपने पसंद के समय, स्थान और लक्ष्य पर प्रतिक्रिया देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं, ये स्पष्ट संदेश हमने सीमा पार बैठे पड़ोसी देश को दिया है।

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