तांडव वेब सीरीज केस में अमेजन प्राइम ने पहली बार लेटर लिखकर मांगी माफी, यहां देखे पत्र;

नई दिल्ली। अमेज़न प्राइम वीडियो ने तांडव वेब सीरीज़ प्रकरण में माफ़ीनामा जारी किया है। मीडिया हाउसेज़ को भेजे गये इस माफ़ीनामे में कहा गया है कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा उद्देश्य नहीं था। जो आपत्तिजनक हिस्सा था उसे हटा दिया गया है। बता दें, तांडव के कुछ दृश्यों को लेकर काफ़ी विवाद हुआ था और मामला कोर्ट में चल रहा है।

अमेज़न प्राइम वीडियो पर तांडव इसी साल 15 जनवरी को स्ट्रीम की गयी थी। इस महत्वाकांक्षी वेब सीरीज़ में सैफ़ अली ख़ान, डिम्पल कपाड़िया, मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब, अनूप सोनी, सुनील ग्रोवर, कुमुद मिश्रा और गौहर ख़ान मुख्य किरदारों में नज़र आये थे। गौरव सोलंकी लिखित सीरीज़ का निर्देशन अली अब्बास ज़फ़र ने किया। मंगलवार को अमेज़न ने माफ़ीनामा जारी किया, जिसे नीचे पढ़ा जा सकता है। बता दें, अमेज़न की ओर से पहली बार माफ़ीनामा जारी किया गया है।

विवाद के बाद निर्देशक ने मांगी थी माफ़ी

सीरीज़ प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होने के साथ ही इसके कुछ दृश्यों को लेकर बवाल शुरू हो गया था। मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब के किरदार शिवा पर फ़िल्माए गये एक दृश्य और अनूप सोनी के किरदार को लेकर संवाद ख़ास तौर पर निशाने पर आये। इसको लेकर देश के कई हिस्सों में ख़ूब प्रदर्शन हुए। बढ़ते विवाद को थामने की गरज से सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भी अमेज़न के अधिकारियों के साथ मीटिंग की, जिसके बाद निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र की ओर से 18 और 19 जनवरी को ट्विटर के माध्यम से माफ़ीनामा जारी किये गये, जिसमें कहा गया था कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से हमें लोगों की भावनाओं और याचिकाओं के बारे में बताया गया है। इसमें तांडव की पूरी कास्ट और क्रू की ओर से बिना शर्त माफ़ी मांगी गयी थी।

हालांकि, इसके बाद भी तांडव को लेकर विरोध थमा नहीं। इस बीच देश के कई हिस्सों में निर्माताओं और कलाकारों के ख़िलाफ़ पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ करवाने की ख़बरें आयीं। लखनऊ में अमेज़न की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज़ करवायी गयी है।

पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपर्णा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके ख़िलाफ़ अपर्णा पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर 3 मार्च को सुनवाई होनी है। लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस अशोक भूषण अपर्णा पुरोहित की याचिका पर सुनवाई करेंगे।

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