मैनपुरी : खनन माफिया कर रहे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन
जिला प्रशासन के तालाबों को हरा-भरा बनाने के दावे फेल नजर आ रहे हैं।
मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के औंछा क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन माफियाओं की मनमानी जोरों पर है। पुलिस की चुप्पी से बढ़े इनके मनोबल के कारण दबंग खनन माफियाओं का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि क्षेत्र के तालाबों के किनारों की जमीन, सरकारी जमीनें और चारगाह गहरे गड्ढों में तब्दील हो गये हैं। ऐसे में जिला प्रशासन के तालाबों को हरा-भरा बनाने के दावे फेल नजर आ रहे हैं।
बता दें कि क्षेत्र में पुलिस की नाक नीचे रातभर मिट्टी की खुदाई का काम चलता रहता है। जेसीबी और ट्रैक्टरों का शोर पुलिस को सुनाई नहीं देता। ऐसे में क्षेत्रवासी उपजाऊ मिट्टी के इस दोहन को देखकर चिंतित हैं। यह सरलता से समझा जा सकता है कि रातभर दौड़ लगाती जेसीबी और मिट्टी से भरी ट्रालियां किसकी शह पर बेखौफ होकर वारे-न्यारे कर रही हैं।
क्षेत्रवासियों ने बताया कि थाने से मात्र 500 मीटर की दूरी पर 2 दिन पहले जमीन सपाट पडी थी। मात्र 2 दिन में ही उस जमीन से हजारों ट्रालियां मिट्टी उठ गईं और लगभग 20 एकड जमीन गड्ढे में बदल गई, पर इसकी खबर न तो पुलिस को लगी और न प्रशासन को। क्षेत्र के एटा रोड पर बमियाँ तालाब के चारों तरफ,लखोरा रोड पर ग्राम नगला कन्हई पर दर्जनों बीघा जमीन,ग्राम होलूपुरा के पास भिटाई,नगला देवी मोड़, नगला मिन्ते भट्टा के पास अवैध मिट्टी के खनन के कारण गहरे गड्ढे हैं।
क्षेत्रवासी देवेंद्र, रामरूप, करन सिंह, हरिओम आदि ने कहा कि वह प्रतिदिन व्यासमुनि आश्रम पर दर्शन के लिये जाते हैं। कुछ दिन पहले जो जमीन सपाट पड़ी थी वह 3 दिन में ही गहरे गड्डो में तब्दील हो गई है। प्रकृति के साथ इंसान का ये व्यवहार देखकर दुख होता है। उन्होंने जीवन काल में इस कदर प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन होते नहीं देखा। पुलिस और प्रशासन की चुप्पी भी निराशाजनक है।