उत्तराखंड

हरिद्वार : प्रशासन के दावों को मुंह चिढ़ा रहा गंगा में जा रहा गंदा पानी, नाराज व्यापारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

व्यापारियों ने की नमामि गंगे व संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

हरिद्वार।  धर्मनगरी हरिद्वार में हिंदू संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व कुंभ का आयोजन होने वाला है। इसको लेकर मेला प्रशासन द्वारा पूरे शहर में धार्मिकता का रंग दिया जा रहा है। जगह-जगह भारतीय और उत्तराखंड संस्कृति के साथ साथ कई महापुरुषों के चित्र दीवारों पर बनाए जा रहे हैं। मगर, धरातल पर जो कार्य होने चाहिए मेला प्रशासन द्वारा वह कार्य नहीं किए गए हैं।

ललतारो घाट स्थित पेयजल निगम जल संस्थान द्वारा जनता को शुद्ध पेयजल की पूर्ति के लिए बनी 17 नं. टंकी से शुद्ध पेयजल के रिसाव के कारण पानी गंदा होकर सीधा गंगा में गिर रहा है। इसको लेकर व्यापारियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। आक्रोशित व्यापारियों ने नमामि गंगे व संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी।

लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि हरिद्वार में तमाम घाटों की व्यवस्था नमामि गंगे द्वारा देखी जा रही है। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि कहीं पर भी गंदा पानी गंगा में ना जाए। जल संस्थान द्वारा जनता को शुद्ध पेयजल की पूर्ति के लिए बनी टंकी से शुद्ध पेयजल के रिसाव के कारण शुद्ध पानी गंदा होकर सीधा गंगा में गिर रहा है। मेला प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और जो लापरवाह अधिकारी है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्वाई नहीं होती है तो हम लोग आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

रिपोर्ट- देवेश सागर

 

 

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