कन्नौज : कोरोना का तांडव, 50 से ज्यादा शवों का रोज हो रहा है अंतिम संस्कार
18 अप्रैल से पहले इन शमसान घाटों पर 18 से 20 शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे लेकिन 18 अप्रैल के बाद अचानक 50 से ज्यादा शव रोज अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं।

कन्नौज। कोरोना का कहर बड़े शहरों के बाद किस कदर छोटे शहरों में अब तबाही मचा रहा है इसकी एक भयानक तस्वीर यूपी के कन्नौज जिले से आई। यहां सरकारी आकंडों में लोगो की मौतों की संख्या भले ही दो से पांच प्रतिदिन दिखाई जा रही है लेकिन इसकी हकीकत शमशान घाटों में एक के बाद एक जलती चिताओं को देखकर लगा सकते हैं।
रोज बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। 18 अप्रैल से पहले इन शमसान घाटों पर 18 से 20 शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे लेकिन 18 अप्रैल के बाद अचानक 50 से ज्यादा शव रोज अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं। शमशान घाट कर्मी राजनारायण पांडेय ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार घाटों पर नहीं देखा। उन्होंने बताया कि 18 अप्रैल को 50 शव अंतिम संस्कार के लिए आये थे उसके बाद लगातार शवों की संख्या बढ़ती जा रही है।
22 अप्रैल को मेहंदी गंगा घाट स्थित शमसान घाट पर 64 लोगों का व 23 अप्रैल को 67 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने बताया कि मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग है। कोरोना से मरने वाले वालों का शव भी अंतिम संस्कार के लिए आता है। उन शवों को दूर हटकर जलाया जाता है।
आपको बता दे कि कन्नौज जिले में दो तीन स्थानों पर लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। ये आंकड़ा सिर्फ एक शमशान घाट का है जबकि दूसरे शमशान घाट में शवो के अंतिम संस्कार का आंकड़ा नहीं मिल सका है लेकिन, सूत्र बताते हैं कि दूसरे शमशान घाट पर भी कतारों में चिताएं जलाई जा रही हैं। विपक्षी नेता सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार की बदइंतजामी के चलते मरीजों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा, जिस कारण वह दम तो रहे हैं और सरकार मौतों के आंकड़ों को छिपा रही है। वहीं, कन्नौज के जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा का कहना है की कोरोना संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा है। कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों से भी लोगों की मौत होती रहती है। उनकी निगरानी टीम मुस्तैद है। वह लगातार हालात पर नजर बनाये हुए हैं।
रिपोर्ट-सी.पी सिंह