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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई

उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वैदिककाल से प्रतिष्ठित आयुष प्रविधियों की महत्ता को आधुनिक काल में स्थापित करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में आयुष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथी व सिद्ध के अलग-अलग महाविद्यालयों के सत्र, पाठ्यक्रम, परीक्षा और परिणाम के नियमन तथा इन चिकित्सा पद्धतियों का लाभ आमजन तक और सुलभ कराने का काम करेगा। प्राचीन एवं परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्थापित होने वाला यह विश्वविद्यालय परम्परागत चिकित्सा पद्धति के विकास में मील का पत्थर स्थापित करेगा। पूर्वांचल के लिए गौरव की बात यह होगी कि इस आयुष विश्वविद्यालय का नाम योग की तमाम विधाओं के प्रणेता महायोगी गोरखनाथ के नाम पर होगा

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भटहट के पिपरी में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास स्थल पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कर आधारशिला रखी और इसके बाद मुख मंच से शिलान्यास पट्टिका का बटन दबाकर अनावरण किया। भूमि पूजन कार्यक्रम में उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। शिलान्यास समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने वैदिक काल से ही आरोग्य को सर्वाधिक महत्व दिया है। उनका मानना था कि किसी भी लक्ष्य को साधने के लिए शरीर पहला साधन होता है। योग के माध्यम से सामाजिक जागरण का अलख जगाने वाले महायोगी गोरखनाथ ने कहा है, ‘यदे सुखम तद: स्वर्गम, यदे दुखम तद नर्कम’। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने की जो पद्धतियां प्राचीन काल से प्रचलित रही हैं, उन्हें ही सामूहिक रूप में आयुष कहा गया। उन्होंने यह कहते हुए प्रसन्नता जताई कि महायोगी गोरखनाथ के नाम पर आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है और जल्द ही इससे संबद्ध होकर उत्तर प्रदेश में आयुष के सभी संस्थान और बेहतर कार्य कर सकेंगे।

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राष्ट्रपति कोविंद ने जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग की उपयोगिता से हम सभी परिचित हैं। भारत का योग यहां की संस्कृति जितना ही प्राचीन हैराष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने के लिए भारत में तमाम प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां हैं। आयुष विद्यालयों से इन चिकित्सा पद्धतियों की सुव्यस्थित शिक्षा दी जाती है। दक्षिण में आज तमाम लोग आयुष चिकित्सा पद्धति को अपना रहे हैं। ऐसे ही प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने का महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय बड़ा माध्यम बनेगाराष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भटहट के पिपरी में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के भूमि पूजन व शिलान्यास के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शरीर ही सभी संकल्पों को पूरा करने का प्रथम माध्यम है। आप स्वस्थ रहें, निरोगी रहें, इसके लिए ही महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इस आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास से मुझे अति प्रसन्नता हो रही है। महायोगी गुरु गोरक्षनाथ ने पूरी दुनिया में योग की महिमा को स्थापित किया था। उन्होंने योग साधना से जुड़े गुरु गोरक्षनाथ के तमाम श्लोकों का जिक्र करते हुए कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नित्य योग साधना करना ही पर्याप्त है

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को अपना रही है। इन पद्धतियों को अपनाकर असाध्य रोगों का आसानी से उपचार हो जाता है और जीवन सुखमय हो जाता है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में मौसम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह जब लखनऊ पहुंचे तो मौसम खराब था। लग रहा था कि कार्यक्रम में कोई बाधा न आए, लेकिन यहां के लोगों का महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के प्रति असीम समर्पण ने इंद्रदेव को भी बाध्य कर दिया। अब तो वह कार्यक्रम खत्म होने के बाद ही लोगों को अपना आशीर्वाद देने आएंगेराष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने शनिवार सुबह प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का गोरखपुर भटहट विकास खंड के पिपरी में शिलान्यास किया। भूमि पूजन में उनके साथ उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द व उनकी बेटी स्वाती कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी मौजूद रहे

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने शनिवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का गोरखपुर भटहट विकास खंड के पिपरी में शिलान्यास किया। भूमि पूजन में उनके साथ उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ मौजूद रहेप्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द सुबह करीब 11 बजे भटहट के पिपरी में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। सुबह करीब साढ़े 11 बजे वैदिक मंत्रोचार के साथ उन्होंने आयुष विश्वविद्यालय के लिए भूमि पूजन किया। शिलान्यास के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम ईंट रखी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद रविकिशन आदि मंच पर पहुंचे। मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्प देकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का स्वागत किया। आयुषमंत्री धर्मसिंह सैनी ने अपने संबोधन में विस्तार से आयुष विश्वविद्यालय के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह आयुष विश्वविद्यालय मात्र 36 माह की अवधि में पूरा हो जाएगा। उनके संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने शिलापट का अनावरण किया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। आज उसी क्रम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय ने लोगों को आरोग्यता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप है। दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिसने भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का अनुसरण न किया हो। आज दुनिया में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लग रही है। जबकि अपने यहां वर्षों से हर भोज्य पदार्थ में हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है। देश की आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने के क्रम में ही प्रदेश सरकार आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इस आयुष विश्वविद्यालय का राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के कर कमलों से भूमि पूजन व शिलान्यास हो चुका है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी आयुष विद्यालय, होम्योपैथिक कालेज के शैक्षणिक सत्र को एकरूपता प्रदान करेगा। बता दें यह विश्वविद्यालय 299.87 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग डीपीआर बनाकर भेज चुकी है

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भटहट के पिपरी स्थित आयुष विश्वविद्यालय की नींव रखीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी पत्नी सविता कोविन्‍द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का अभिवादन किया। कहा कि राष्ट्रपति अपना आशीर्वाद देने आए हैं, यह गर्व की बात है। आयुष मंत्री ने कहा कि मुख्‍यमंत्री की रुचि शुरू से ही आयुष में रही है। कोरोना से लड़ने में इसका इस्‍तेमाल कर उन्‍होंने इसको प्रमाणिकता दी। आयुष शिक्षा पद्धति की सभी परेशानियां अब दूर होंगी और उत्‍तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को नई पहचान दी। 56 एकड़ में 300 करोड़ की लागत से यह विश्‍वविद्यालय 36 माह में तैयार हो जाएगा। सैनी के संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने बटन दबाकर शिलापट्ट का शिलान्यास कियामंच को संबोधित करने आए योगी आदित्‍यनाथ ने आते ही भारत माता की जय और वंदेमातरम से जोश भरा। पूरा पंडाल जय श्री राम के नारे से गूंज उठा। मुख्‍यमंत्री ने सभी का अभिवादन किया। कहा कि गोरखनाथ की धरती पर राष्ट्रपति का स्वागत करता हूं। यह हम सब का सौभाग्य है कि भारत की चिकित्सा पद्धति को नरेंद्र मोदी ने जो पहचान दी उसका लोहा पूरी दुनिया मान रहा है।

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द भटहट के पिपरी स्थित आयुष विश्वविद्यालय के कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। उन्‍होंने प्रदेश के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की नींव रखी। उनके साथ उनकी पत्नी एवं देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन भी हैं। सांसद रविकिशन भी साथ में हैं। मंच पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी, सांसद रवि किशन, महेंद्रपाल बैठे। राष्ट्रपति की बेटी स्‍वाती कोविन्‍द भी अपनी कुर्सी पर बैठ गईं। उनके लिए वीआइपी दीर्घा में अलग से कुर्सी लगाई गई है। राष्ट्रपति भटहट के पिपरी स्थित आयुष विश्वविद्यालय के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी एवं देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व उनकी बेटी भी हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द शनिवार सुबह 10.31 बजे अपनी पत्नी एवं देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ एयरफोर्स स्टेशन गोरखपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मेयर और भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। सुबह 11.01 बजे राष्ट्रपति भटहट के पिपरी में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के लिए सेना के हेलीकाप्टर से निकले। वहां से मानीराम के सोनबरसा में महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण करेंगे। 3.15 बजे राष्ट्रपति एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द पिपरी से निकलकर 12.25 बजे मानीराम सोनबरसा में महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण करने पहुंचेंगे। यहां भी उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे। यहां के मंच पर राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति प्रो. यूपी सिंह, कुलपति मेजर जनरल अतुल बाजपेयी मौजूद रहेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति यहां अतिथि गृह में दोपहर का भोजन करेंगे और आमंत्रित 10 लोगों से मुलाकात करेंगे। वह दोपहर बाद 3.15 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट से लखनऊ रवाना हो जाएंगे। 

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