Breaking NewsTop Newsराज्य

दिल्ली HC ने केंद्र और राज्ये सरकार से मांगा जवाब ,’वंदे मातरम’ को भी ‘राष्ट्रगान’ के बराबर मिले सम्मान…

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रगान ‘जन गण मन' और राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम' के समान प्रचार के लिए नीति बनाए जाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर बुधवार को केंद्र और...

desk : दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ और राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के समान प्रचार के लिए नीति बनाए जाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से अपना रुख बताने को कहा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति की पीठ ने भाजपा के नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर नोटिस जारी किया।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया है कि सभी विद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में प्रत्येक कामकाजी दिन ‘जन गण मन’ और ‘वंदे मातरम’ बजाया जाए। इस बीच, अदालत ने सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध किए जाने से भी पहले उसे दायर करने की बात प्रचारित करने पर याचिकाकर्ता के प्रति नाराजगी जताई और कहा कि इससे लगता है कि याचिका प्रचार के लिए दायर की गई है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

अदालत ने हालांकि इस बात पर गौर किया कि याचिकाकर्ता ने खेद व्यक्त किया है और उन्हें ऐसे काम दोबारा नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उसने कहा कि वह मौजूदा जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी कि ‘वंदे मातरम’ के सम्मान को लेकर कोई दिशा-निर्देश या नियम नहीं होने के कारण राष्ट्रगीत को ‘‘असभ्य तरीके” से गाया जा रहा है और फिल्मों एवं समारोहों में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। उपाध्याय ने कहा कि इस गीत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 1950 में दिए गए बयान के मद्देनजर इसे ‘जन गण मन’ के बराबर ही सम्मान दिया जाना चाहिए। इस मामले पर आगे की सुनवाई 9 नवंबर को होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button