राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR ने कहा है कि उसे असम और मणिपुर में छह बाल गृहों की ओर से धन का दुरुपयोग किए जाने की जानकारी मिली है। एक बाल गृह जो कि ‘मरकजुल मारिफ’ नाम की संस्था के तत्वाधान में चल रहा था, उसमें अंतरराष्ट्रीय एनजीओ से पैसे मिले हैं। इसको लेकर चल रही जांच आतंकवादी संगठन अल-कायदा से कथित संबंधों के संदर्भ में हो रही है।
आयोग ने बताया कि उसके निरीक्षण दल के अनुसार इन बाल गृहों में 778 बच्चे रह रहे हैं। इन बालगृहों की स्थापना लोकसभा सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने की थी। बता दें कि लोकसभा की वेबसाइट पर दिए गए उनके परिचय में जानकारी दी गई है कि, इन बाल गृहों में 1,010 बच्चे हैं। हालांकि इस मामले को लेकर अजमल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
बाल आयोग ने कहा, ‘मरकजुल मारिफ की वेबसाइट पर कहा गया है कि इन बाल गृहों में 1080 बच्चे हैं। ऐसे में वेबसाइट पर उपलब्ध संख्या के मुकाबले निरीक्षण दल ने इन बाल गृहों द्वारा बताई गई संख्या में अंतर पाया है। इस अंतर की जांच करना और 300 बच्चों के बारे में स्थिति का पता करना जरूरी है।
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की से ताल्लुक रखने वाले इस एनजीओ के पदाधिकारियों से वहां के प्रशासन ने अलकायदा से इसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। मामले की रिपोर्ट आयोग ने असम और मणिपुर की सरकारों को सौंपी है।