कांग्रेस से नाराज ‘ममता दीदी’ प्रियंका के साथ !
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच दोस्ती कम और टकराहट ज्यादा दिखाई देती है, वो तो चुनावों में मोदी के खिलाफ खड़ा होना था
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच दोस्ती कम और टकराहट ज्यादा दिखाई देती है, वो तो चुनावों में मोदी के खिलाफ खड़ा होना था इसलिए ये दोनों दल और इनके नेता करीब आए थे. लेकिन चुनाव होने से पहले ही कांग्रेस और टीएमसी के बीच जमकर जुबानी जंग शुरु हो गई थी, जिसके बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपने राज्य में एक भी सीट नहीं दी, लेकिन अब हालात थोड़े सामान्य नजर आ रहे हैं. दरअसल ममता बनर्जी वायनाड में प्रियंका गांधी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगी। कांग्रेस पार्टी ने उनसे यह अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले ममता बनर्जी ने ही प्रियंका गांधी वाड्रा को वाराणसी से चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कोलकाता में सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ बैठक की थी। सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम गांधी परिवार के दूत के रूप में ममता से मिलने के लिए गए थे, जहां दोनों पार्टियों के बीच आई दरार को खत्म करने की कोशिश की गई.
दरअसल, टीएमसी सुप्रीमो कांग्रेस से नाराज हैं और उन्होंने कांग्रेस-टीएमसी गठबंधन को आई चोट के लिए बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया है। बंगाल में टीएमसी की बड़ी जीत के बाद टीएमसी के दूसरे सबसे बड़े नेता अभिषेक बनर्जी कांग्रेस को छोड़कर इंडिया गठबंधन के घटक दलों से मिलने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यानी टीएमसी ने इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को ही साईड कर दिया।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा से नई दिल्ली में मुलाकात की और उसके बाद उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मुंबई चले गए। लेकिन मेल मिलाप की इस कड़ी में राहुल गांधी का नाम नहीं था.
टीएमसी 29 सांसदों के साथ विपक्षी खेमे में लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। टीएमसी की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने चिदंबरम को ममता बनर्जी के साथ सीधी बातचीत करने और मतभेदों को सुलझाने के लिए भेजा था। वहीं, बार बार ममता बनर्जी को निशाने पर लेने वाले अधीर रंजन चौधरी ने भी अपना रुख नरम करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ उनके मतभेद पूरी तरह से राजनीतिक हैं। यह व्यक्तिगत नहीं हैं। अब ममता बनर्जी का दिल कांग्रेस को लेकर पसीजा है या नहीं तो और बात है, लेकिन इतना तो फिलहाल तय है कि वायनाड में प्रियंका का साथ देने के लिए वो पहुंच रही है