‘अजान से मेरी नींद खराब होती है’, इलाहाबाद के कुलपति के पत्र ने छेड़ा सियासी संग्राम
समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया ने बयान दिया कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, सिर्फ जाति-धर्म की बात हो रही है रोज़गार पर जोर नहीं दिया जा रहा है।
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प्रयागराज, इलाहाबाद। आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहां से मेरी नाक शुरू होती है। ये कहावत एकदम सटीक बैठती है उस पत्र पर जो इलाहाबाद के कुलपति ने प्रयागराज जिलाधिकारी को सौंपा है। बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम के बाद इलाहाबाद के कुलपति ने भी मस्जिदों पर लगे लॉउडस्पीकर को हटवाने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि रोज सुबह लगभग साढ़े पांच बजे उनके आवास के नजदीक के मस्जिद से लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान से उनकी नींद इस तरह बाधित हो जाती है कि उसके बाद तमाम कोशिश के बाद भी वह सो नहीं पातीं। जिसकी वजह से उन्हें दिनभर सिरदर्द बना रहता है और कामकाज भी प्रभावित होता है। कुलपति ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हैं। वह अपनी अजान लाउडस्पीकर के बगैर कर सकते हैं जिससे दूसरों की दिनचर्या प्रभावित न हो आगे ईद से पहले सहरी की घोषणा भी सुबह चार बजे होगी। यह भी उनके और दूसरों की परेशानी की वजह बनेगा।
समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया ने बयान दिया कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, सिर्फ जाति-धर्म की बात हो रही है रोज़गार पर जोर नहीं दिया जा रहा है। किसी शिक्षा संस्थान को इस तरह के मसले पर जोर नहीं देना चाहिए। वहीं भाजपा प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव का कहना है कि नमाज़ करना अधिकार है, लेकिन कोर्ट पहले ही कह चुका है कि लाउडस्पीकर लगाना निजता का हनन है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि लॉउडस्पीकर का प्रयोग करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है।
अब जब सियासत इस मुद्दे पर गरमा ही गई है तो भला मुस्लिम धर्मगुरू कहा चुप बैठने वाले थे। लगे हाथ मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना सैफ अब्बास ने भी इलाबाद के कुलपति का विरोध करते हुए कह डाला कि आरती से भी लोगों की नींद हराम होती है। वह भी बंद होनी चाहिए।