DESK: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुभाष चंद्र बोस अविभाजित भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। बता दें इसी के साथ रक्षा मंत्री ने यह भी दावा किया कि देश को आजादी मिलने के बाद उनके योगदान को नजरअंदाज कर दिया गया है।
अब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को वह सम्मान फिर से दिया जाने लगा है, जिसके वे हमेशा से सच्चे हक़दार थे। नेताजी से जुड़े करीब 300 से अधिक दस्तावेजों को जिन्हें लम्बें समय से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा था हमने उन्हें अवर्गीकृत करके भारत की जनता को समर्पित किया.
हालांकि बात करें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित ‘शोधवीर समागम’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका और दूरदृष्टि का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है। वहीं इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा की नेताजी ने भारत माता की गुलामी को बेड़ियों को खत्म करने का एक सपना देखा था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बोला
सभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आजाद हिंद सरकार जो अखंड भारत की पहली स्वदेशी सरकार थी वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बनाई और 21 अक्तूबर 1943 को उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। आगे कहा कि नेताजी ने छोटी सी अवस्था में ही भारत माता की गुलामी की बेड़ियों को खत्म करने का एक सपना देखा। उसके चलते उन्होंने आईसीएस जैसी नौकरी को ठोकर मार दी। उन्होंने अपना एक ही लक्ष्य बनाया भारत को अंग्रेजी हुकूमत से हर कीमत पर आजाद कराना है। इसके लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज बनाई।