अंग्रेजों के कानून अब खत्म, देशद्रोह, हत्या, रेप के अपारधियों को मिलेगी भारतीय न्याय संहिता में सजा ?
CRPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS , और इसके साथ इंडियन एविडेंस ऐक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम BSA लागू हो गया है
1 जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। IPC की जगह अब भारतीय न्याय संहिता यानी BNS लेगा, वहीं CRPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS , और इसके साथ इंडियन एविडेंस ऐक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम BSA लागू हो गया है। साल 2023 में संसद में इन तीनों कानूनों को पास किया गया था. नए कानूनों के लागू होने के साथ ही अंग्रेजी हूकुमत के समय के कानूनों का अंत हो गया है।
कई ऐसे अपराध थे जिन्हें IPC में पारिभाषित नहीं किया गया था। इसमें ये नहीं बताया गया था कि कौन से अपराध आतंकवाद की श्रेणी में आएंगे। नए कानून में भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने को आतंकवाद की श्रेणी में रखा गया है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 113 में इसे रखा गया है। इसमें Indian Currency की Smuggling भी शामिल होगी। आतंकवादी गतिविधियों के लिए उम्रकैद या फिर मौत की सजा भी हो सकती है।
कानून के मुताबिक आतंकी साजिश रचने के लिए पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा आतंकी संगठन से जुड़ने पर उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान है। आतंकियों को छिपाने पर तीन साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
भारतीय न्याय संहिता में राजद्रोह को समाप्त कर दिया गया है। वहीं भारत की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले कृत्यों को देशद्रोह में शामिल किया गया है। इसके लिए BNS की धारा 152 लगाई जाएगी। वहीं IPC में Mob Lynching का भी जिक्र नहीं था। अब इस अपराध के लिए उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा हो सकती है। इसे BNS की धारा 103 (2) में शामिल किया गया है।
हत्या के लिए IPC में धारा 302 थी जो कि BNS में धारा 101 हो गई है। हत्या का प्रयास का मुकदमा जो धारा 307 के तहत दर्ज होता था, अब धारा 109 के तहत दर्ज होगा। गैर इरादतन हत्या के लिसए धारा 105 लागू होगी जो कि IPC में धारा 304 थी। दहेज हत्या से जुड़ी धारा 80 होगी जो कि IPC में धारा 304बी थी। चोरी के लिए अब धारा 303 में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। IPC के तहत धारा 379 में चोरी का मुकदमा दर्ज होता था।
इसी तरह रेप की धारा 376 से बदलकर अब 64 हो गई है। छेड़छाड़ का मुकदमा धारा 74 के तहत दर्ज होगा। धोखाधड़ी का केस धारा 420 की जगह अब 318 के तहत दर्ज होगा। लापरवाही से मौत का मामला धारा 106 के अंतरगत आएगा जो कि पहले 304ए में आता था। आपराधिक षड्यंत्र के लिए धारा 120बी की जगह धारा 61 लागू होगी। मानहानि के लिए धारा 499, 500 की जगह अब 356 लागू होगी। लूट और डकैती के लिए क्रमशः धारा 309 और धारा 310 होगी।