DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को आज़ाद किया। देश में आज चारो तरफ इन्ही चीतों के बारे में चर्चा की जा रही हैं। ये चीते भारत में बड़ी चर्चा का विषय बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हे अपने जन्मदिन पर देश को समर्पित किया है।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की सरकार को धन्यवाद देते हुए नागरिकों को बधाई दी: “आज, चीता दशकों बाद हमारी भूमि पर वापस आए हैं। इस ऐतिहासिक दिन पर, मैं सभी भारतीयों को बधाई देना चाहता हूं और नामीबिया की सरकार को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। यह उनकी मदद के बिना संभव नहीं हो सकता था।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार- उन्होंने कहा, “दशकों पहले जैव विविधता की सदियों पुरानी कड़ी टूट गई थी और विलुप्त हो गई थी, आज हमारे पास इसे फिर से जोड़ने का मौका है। इन चीतों के साथ-साथ भारत की प्रकृति-प्रेमी चेतना भी पूरी ताकत से जागी है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि “हमने 1952 में देश से चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया, लेकिन दशकों तक उनके पुनर्वास के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, तो देश ने एक नई ऊर्जा के साथ चीतों का पुनर्वास करना शुरू कर दिया है।”
DESK : मध्य प्रदेश की राजनीति में फिलहाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक ट्वीट से भूचाल मचा हुआ है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा है “देख रहा है ना बिनोद यह कांग्रेसी अब तिरंगे पर भी राजनीति कर रहे हैं” जहां एक पीएम नरेंद्र मोदी लगातार घर-घर तिरंगा अभियान को लेकर लोगों से अपील कर रहे हैं और अभियान के प्रति काफी गंभीर दिखाई दे रहे हैं दूसरी ओर उनके इस अभियान में उनके साथ कदम से कदम मिलाकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
आज सुबह से लगातार हर-घर तिरंगा अभियान को लेकर उन्होंने कई ट्वीट किए हैं। चाहे वह बात करें छिंदवाड़ा के पर्वतारोही नीरज डहेरिया (neeraj dehariya) के उस वीडियो को ट्वीट कर सराहना करने की। जिसमें नीरज अपनी साइकिल पर बैठकर एक तिरंगा लेकर छिंदवाड़ा से दिल्ली (chhindwara to delhi) के लाल किले के लिए निकले हैं। चाहे बात करें उनके उस ट्वीट के बारे में, जिसमें वो दलगत राजनीति से परे हटकर इस अभियान में जुड़ने के लिए अपील करने की।
उन्होंने 9 घंटे पहले एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा है “देख रहा है ना बिनोद, कांग्रेसी अब कैसे तिरंगे पर राजनीति कर रहे हैं”। अब तक 1000 से ज्यादा लोगों ने कमेंट किया है। वहीं बात करें रिट्वीट (retweet) कि 3 हजार लोगों ने इसे रिट्वीट किया है। इसके साथ ही 20,000 से भी ज्यादा लोगों ने इस ट्वीट को लाइक किया है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत 2 के एक फेमस डायलॉग को कांग्रेस पर तंज कसने के लिए उपयोग किया है, तो दूसरी ओर ट्वीट को लेकर अब तक कांग्रेस की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया है।
DESK:इस सावन के महीने में देवों के देव महादेव अर्थात भगवान शिव की पूजा की जाती है. हर सोमवार शिवालयों के बाहर बेलपत्र लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. ज्यादातर शिवभक्त इस महीने कांवड़ लेकर देवघर जाते हैं, लेकिन भारत में ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां शिव की पूजा अर्चना होती है.
आइये बताते सावन में कौन कौन से मंदिर जाने से मनोकामना होती है पूर्ण
पशुपतिनाथ मंदिर
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में बसा यह इकलौता पशुपतिनाथ का मंदिर है. यह स्थित पशुपतिनाथ की प्रतिमा करीब सवा सात फीट ऊंची है. कहते हैं यहां सच्चे मन मांगी हुई मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं.
लिंगराज मंदिर
भुवनेश्वर में स्थित यह सबसे बड़े मंदिरों में शुमार है. सावन महीने में सुबह से ही शिवभक्त महानदी से पानी भरकर पैदल मंदिर तक आते हैं. माना जाता है कि इसके पानी से कई तरह की शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं.
सावन के महीने में यहां साधुओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. यहां तक की दुनिया के अलग-अलग हिस्से से लोग मंदिर में जल . गुजरात में स्थित जूनागढ़ की शिवरात्रि काफी प्रसिद्ध है.
तुंगनाथ मंदिर
उत्तराखंड में स्थित यह मंदिर दुनिया की सबसे ऊंची मंदिर है, जो बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के बीच स्थित है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर जहां भगवान शिव के प्रिय ‘नंदी’ की मूर्ति विराजमान है. वहीं द्वार के दाईं ओर भगवान गणेश की मूर्ति है.
DESK : मध्य प्रदेश में एक मगरमच्छ द्वारा 7 साल के बच्चे को निगलने का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जरअसल, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में चंबल नदी में नहा रहे सात साल के बच्चे को मगरमच्छ ने निगल लिया। इसकी बात जैसे ही आसपास के लोगों को मिली तो उन्होंने मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर बंधक बना लिया और उसके मुंह में एक मोटा बांस फंसा दिया, जिससे की बच्चा बाहर आ सके।
वहीं उनका कहना है कि बच्चा मगर के पेट में है, जब तक वह उसे उगल नहीं देता मगर को छोड़ेंगे नहीं। वहीं, वन विभाग का कहना है कि मगरमच्छ हमला कर सकता है लेकिन बच्चे को निगल नहीं सकता।
जानकारी के अनुसार मामला श्योपुर जिले के रघुनाथपुर क्षेत्र के रीझेटा घाट का है। जहां सोमवार को लक्ष्मण सिंह केवट का बेटा अंतर सिंह केवट चंबल नदी में नहा रहा था कि इसी दौरान मगरमच्छ उसे खींचकर नदी में ले गया था जिसे लेजाते हुए उसे वहां मौजुद अन्य बच्चों ने देखा था।
वहीं इस मामले की खबर मिलते ही घड़ियाल विभाग की टीम वहां पहुंची और ग्रामीणों के कब्जे से मगरमच्छ को छुड़ाने के लिए बात कही लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि बच्चा मगर के पेट में है। बच्चे को उगलवाने के इंतजार में ग्रामीण देर शाम तक मगरमच्छ को बांधकर चंबल नदी के किनारे पर बैठे रहे।
ग्रामीणों का कहना है कि उसे मगरमच्छ ने निगल गया है। घटना के तुरंत बाद ग्रामीण और बच्चे के परिजन बालक की तलाश में जुट गए थे, लेकिन कहीं पता नहीं चला। हालांकि SDRF की टीम भी बालक की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई पता नहीं चला है।
DESK : भोपाल में शराब के नशे में धुत 2 लड़कियों का आपस में झगड़ा हो गया। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। बुधवार देर रात दोनों ने मारपीट करते हुए एक-दूसरे के बाल खींचे, गंदी गालियां दी और लात-घूंसे भी चलाए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, दोनों लड़कियों अपने दोस्तों के साथ शराब पीने होशंगाबाद रोड एक बार आई थीं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच पहले बॉयफ्रेंड को लेकर बहस हुई। इसके बाद वह बार से निकली और रोड पर आते-आते दोनों आपस में मारपीट करने लगी। वहीं बीच-बचाव करने आई उनकी दो दोस्त भी झगड़ेने लगी। बीच रोड पर आकर एक-दूसरे को गंदी गालियां देने लगी।
थाने में आते ही उतर गया नशा
घटना की खबर मिलते ही पहुंची मिसरोद थाना पुलिस ने सभी लड़कियों और उनके साथ आए युवकों को देर रात थाने ले आई। इसके बाद सभी का मेडिकल कराया गया। वहीं जब लड़कियों का नशा उतर गया तो वे थाने में गिड़गिड़ते हुए पुलिस से माफी मांगने लगी। पुलिस ने दो पक्षों में समझौता होने के बाद सभी को छोड़ दिया।
DESK : बीजेपी मंत्री ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर झूठ परोसने का आरोप लगाया है। बीजेपी नेता ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि जब से भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी है। तभी से छत्तीसगढ़ में माफिया राज चल रहा है। कोयला में माफिया, रेत में माफिया, शराब में माफिया उसी तरह खाद में भी माफिया आ गया है।
उन्होंने बताया कि 250 से 260 की खाद को किसान मजबूरी में 800 से 900 में खरीद रहे हैं। यह लोग केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हैं, जब केन्द्र सरकार खाद भेज देती है तो यहां बांटने का काम राज्य सरकार का है, उसे ठीक से करना चाहिए। ओपी चौधरी ने आरोप लगाया कि जिस तरह से खाद की कालाबाजारी हो रही है, इसके लिए जिम्मेदार राज्य सरकार है। जिस तरह से माफिया राज चला रहा है इसी कारण से खाद की किल्लत हो रही है।
इसके लिए सीएम भूपेश बघेल को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यही दुखद है। किसानों को दो रुपया किलो के गोबर को दस रुपया में बेच रहे हैं। भाजपा के प्रदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि छ्तीसगढ़ में प्रशासनिक भष्टाचार चरम पर है। अधिकारियों का ट्रांसफर उद्योग (transfer) चरम पर पहुंच गया है। इसलिए भष्टाचार बढ़ गया था। इसी बात से अब मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात के बहाने जबरदस्ती नौटंकी कर रहे हैं
रोजगार पर झूठ बोल रही है भूपेश सरकार: बीजेपी नेता- उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई कर जताने की कोशिश कर रहे है कि हम संजीदा है। जबकि छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर उद्योग फलफूल रहा रहे हैं। भष्टाचार को छत्तीसगढ़ में पनपा रहे हैं। प्रदेश में भष्टाचार और प्रशासनिक उद्योग को रोकने में नाकाम कोशिश राज्य सरकार कर रही है। छत्तीसगढ़ में 5 लाख रोजगार देने का मुख्यमंत्री होर्डिंग लगाए थे। विधानसभा में जब लिखित में जवाब देने की बारी आई तो 20 हजार रोजगार नौकरी देने की बात कही। भूपेश बघेल झूठ बोल रहे हैं, कहीं से सर्वे करा लाए 2 % ही बेरोजगारी है।
तेजी से सामने आई है प्रदेश सरकार की नाकामी- जबकि 98% छत्तीसगढ़ के युवा रोजगार हैं। संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों को सरकर बनने के 10 दिन में नियमित करने का वादा किया था। लेकिन आज 4 साल गुजर गए हैं। बिजली विभाग के कर्मचारियों के ऊपर लाठी डंडा बरसा रहे हैं। मनरेगा कर्मचारी 12 हजार साथी एक साथ सामूहिक इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ये छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार की नाकामी है।
DESK : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 28 जून 2022 को कैबिनेट की अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखें जाएंगे, जिन पर चर्चा की जाएगी और फिर मंजूरी दी जाएगी। इसमें सबसे खास मुख्यमंत्री और विधायकों का स्वेच्छानुदान होगा।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का स्वेच्छानुदान पिछले साल की तुलना में ज्यादा यानि 200 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष होगा। यह वर्ष 2021-22 में 110 करोड़ रुपये था, जिसमें अनुपूरक बजट के माध्यम से 16 करोड़ 80 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रविधान किया गया था।
स्वेच्छानुदान से उपचार के लिए सबसे ज्यादा राशि दी जाती है। वही विधायकों, कलेक्टरों सहित अन्य माध्यमों से सीएम हाउस प्रकरण भेजे जाते हैं और प्राथमिकता के आधार पर राशि स्वीकृत करके सीधे संबद्ध अस्पतालों को भेजी जाती है।
DESK : सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तीन चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निशाने पर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ग्वालियर से कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी शोभा सिकरवार के पति कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार रहे।
उन्होंने उन पर पैसे बांटने के गंभीर आरोप लगाएं। सीएम ने अपने संबोधन में कहा शिकारी आएगा दाना डालेगा। लेकिन उसके दाने में फंसना नहीं है। उसके बाद उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी आपको साड़ी बांट सकता है, आपको पैसे बांट सकता है लेकिन आप को प्रलोभन में नहीं आना है और सिर्फ भाजपा को वोट ही देना है।
यह दूसरा मौका है जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार पर निशाना साधा है। इससे पहले उन्होंने ग्वालियर में बीजेपी की महापौर पद की प्रत्याशी सुमन शर्मा के नामांकन भरने के दौरान सतीश सिकरवार पर चुनावों में धनबल का उपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए थे। अब एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार पर जनता को पैसे बांटने और प्रलोभन देने के भरे मंच से आरोप लगाए हैं।
DESK : मध्य प्रदेश में त्रिस्तीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग और काउंटिंग होने के साथ ही रंजिशें सामने आने लगी हैं। ताजा मामला लौर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का है। यहां हारे हुए प्रत्याशी के घर में घुसकर हमला बोल दिया। हमले का आरोप जीते हुए प्रत्याशी समेत सचिव और उनके समर्थकों पर हैं। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। इधर हमले में घायल लोगों को उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि रामपुर गांव में शनिवार को मतदान हुआ वोटिंग के बाद शाम के वक्त गणना हुईं। इस गांव से सरपंच पद के लिए शुक्ला परिवार के लोग आपस में लड़े थे। उसमें से अखिलेश गुलाम को बहुमत मिला और जो जीत गए। इसके बाद उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ रैली निकाली। तभी रास्ते में हारे हुए प्रत्याशी ठाकुर प्रसाद शुक्ल का घर मिला। जहां पर रैली में शामिल समर्थक शूटिंग करने लगे और देखते ही देखते विवाद बढ़ा।
इसके बाद दर्जन भर लोग घर में घुस गए। इस दौरान ठाकुर प्रसाद समेत उनके परिवार के लोगों को बेरहमी से पीटा और वहां से चले गए।घटना में कई लोग घायल हुए हैं। जिन्हें इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
DESK : मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के ग्रामीण इलाकों में ऐसा उत्साह देखने को मिला, जहां जान खतरे में डाल नर्मदा नदी को पार करके वोट डालने पहुंचे ग्रामीण मतदान केंद्र की दूरी करीब 2 किलोमीटर थी और बीच में नर्मदा नदी जिसको पार कर के काफी तादात में लोग मतदान करने के लिए पहुंचे। न सिर्फ युवा बल्कि बुजुर्ग एवं महिलाएं भी मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए नजर आए।
बारिश के मौसम में जब नर्मदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है। ऐसे में नर्मदा को पार करना खतरनाक साबित हो सकता है जिसका अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। गांव के लोग नर्मदा नदी में पुल नहीं बनने से काफी मायूस भी हैं लेकिन शायद लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि सबकुछ भुलाकर लोग लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान के लिए निकल पड़े।
ग्रामीणों ने विश्वास जताया कि गांव की सरकार बनने के बाद उनके गांव का समुचित विकास होगा तो वहीं ग्रामीणों ने इलाके के सांसद व विधायक पर नर्मदा नदी में पुल निर्माण में अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है।