Category Archives: राज्य

जौनपुर मे तेज हुआ कृपाशंकर सिंह का चुनावी अभियान

जौनपुर मे भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह का चुनावी अभियान धीरे-धीरे तेज हो रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं से बैठक पूरी कर चुके कृपाशंकर सिंह ने अब चौपाल के माध्यम से गाँव के लोगों से संपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है।

जौनपुर,  मल्हनी  विधानसभा के सलार पूर गाँव मे चौपाल की बैठक आयोजितकीगई.. आयोजन स्थानीय प्रधान सुनील मिश्रा, विधानसभा संयोजक प्रभु दुबे, विधानसभा प्रभारी प्रभा श्रीवास्तव, जिला पंचायत सदस्य आशीष सिंह उर्फ आशु, किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष नीलेश यादव की उपस्थिति मे हुआ…कृपाशंकर के संपर्क अभियान से ग्रामीण बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं.।

उत्तर प्रदेश पुलिस करती है आरोपियों से साठगांठ

श्रीश उपाध्याय/मुंबई: उत्तर प्रदेश के सुजानगंज पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा आरोपी से साठगांठ का मामला प्रकाश में आया है.
श्री दुर्गा मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के दुर्गेश सिंह ने उत्तर प्रदेश, जौनपुर जिले के सुजानगंज थाने में रेगुलर मीडिया के अरविंद सिंह, अल्का सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज कराया था. एफआईआर क्रमांक 0288/23 के अंतर्गत 31 दिसम्बर 2023 को अरविंद सिंह और अल्का सिंह के ख़िलाफ़ धारा 420, 419, 63(A) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.

इसी मामले में कार्रवाई करने सुजानगंज पुलिस नोएडा पहुची. आरोपी अरविंद सिंह से मुलाकात की. चाय-पानी किया और अरविंद सिंह को बिना गिरफ्तार किए ही वापस लौट गई.
सुजानगंज थाने के एस.आई राय से बात करने पर उन्होंने बताया कि उक्त मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. हालांकि आर्या न्यूज के पास आरोपी अरविंद सिंह और सुजानगंज थाने के एस.आई राय के मुलाकात की तस्वीरे है जिनमे से एक तस्वीर प्रकाशित की जा रही है.

इस मामले के बारे में पूछे जाने पर शिकायतकर्ता दुर्गेश सिंह ने आरोप लगाया कि सुजानगंज पुलिस आरोपी से मिलकर रिश्वत लेती है और साठगांठ कर उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है.
तस्वीरों से एक बात तो स्पष्ट है कि आरोपी अरविंद सिंह से सुजानगंज थाने के एस.आई राय मिले लेकिन एक आरोपी से मिलने के बाद गिरफ्तार क्यों नहीं किया ? इसका जवाब उनके पास शायद ही हो.

Bareilly News: तौकीर रज़ा ने दी पीएम मोदी को धमकी, CM Dhami बताया पागल

Bareilly News: हल्द्वानी हिंसा के बाद मौलाना तौकीर रज़ा का भड़काऊ बयान सामने आया है। मौलाना तौकीर रजा ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार और पीएम मोदी को खुली चेतावनी दी है। तौकीर रजा ने कहा है कि अगर उनके घरों पर बुलडोजर चला तो उनकी हिफाजत खुद करेंगे। लेकिन आपको बतादें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी को लेकर जो धमकी भरे लहजे में मौलाना ने बयान दिया है वहां सिर्फ अवैध कब्जों पर ही बुलडोजर चला है और उन्हीं अवैध कब्जों को मौलाना तौकीर अपना घर बता रहे हैं। इतना ही नहीं तौकीर रजा ने यहां तक कहा है कि अगर कोई उनपर हमला करेगा तो वो उसे जान से मार देंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अब किसी बुलडोजर को बर्दाशत नहीं किया जाएगा। मौलाना तौकीर रज़ा ने यूपी से लेकर उत्तराखंड तक माहौल बिगाड़ने का पूरा इंतजाम कर दिया है। यूपी के बरेली में तो हजारों की संख्या में लोग सड़को पर उतर आए हैं हालात को काबू में रखने के लिए इस्लामिया ग्राउंड में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

वहीं मुस्लिम युवक भी भारी संख्या में ग्राउंड पर पहुंचे हैं और नारेबाजी करते दिखाई दिए हैं। पुलिस ने मौलाना के आवास सहित प्रमुख सड़कों पर पुलिस बल को तैनात किया हुआ है. हालात की नजाकत को देखते हुए बरेली में स्कूलों में हाफ डे करते हुए बच्चों को छुट्टी दे दी गई. शहर के बीच रोडवेज बस अड्डे में बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई है. बसों को शहर से निकाल दिया गया है. दरअसल मौलाना तौकीर रजा ने ज्ञानवापी और मथुरा के धर्मस्थलों को लेकर दिए गए कोर्ट के आदेश से असहमति जताते हुए सामूहिक गिरफ्तारी देने का ऐलान किया था. नमाज पर जाने से पहले तौकीर रजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों का हनन हो रहा है. अगर कोई अपराधी है तो उसके मकान, मदरसा और मस्जिद पर बुलडोजर क्यों चलाया जा रहा है, इसका विरोध करेंगे. मौलाना तौकीर रजा ने यह भी कहा कि पुलिस और हिंदूवादी दल मुल्क को बर्बाद कर रहे हैं।

इसके खिलाफ जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा, जो देशव्यापी चलेगा. लेकिन इसकी शुरुआत बरेली से करेंगे. तौकीर रजा ने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो मुझपर UAPA लगा सकती है. तौकीर रज़ा मुस्लिम समुदाय को भड़का कर सड़को बुलाया है जेल भरने की बात बोल रहे हैं लेकिन आपको बता दे कि तौकीर ने सिर्फ ज्ञानवापी और मथुरा की वजह से तौकीर रजा ने जहर उगला है… बल्कि ये और इसके जैसे दूसरे मौलाना और मुस्लिम नेता कई दूसरी बातों से भी भड़के हुए हैं। जिनमें राम मंदिर का बनना, वहां भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होना उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना जिसे ये कुरान के खिलाफ बताते हैं और हाल ही में भड़काउ भाषण देने के लिए मोलाना सलमान का गिरफ्तार होना, जिसने हिन्दुओं के लिए अपशब्द कहे थे। उघर इससे पहले AIMIM के चीफ अवैसी भी अपने कई भाषणों में बोल चुके हैं कि अगर कोई उनकी मस्जिदों की तरफ देखेगा तो ठीक नहीं होगा। यहां देखने वाली बात ये है कि मुस्लिम नेता से लेकर मौलाना तक सिर्फ और सिर्फ युवा मुस्लिमों को भड़काने और देश की आबो हवा में जहर घोलने का काम कर रहे हैं।

देवभूमि में साजिश के तहत हुआ हंगामा,धामी ने दिये “शूट एट साइट” के आदेश

उत्तराखंड मे हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की, यह हिंसा को पूरा सोच समझकर एक समुदाय विशेष के लोगों ने इसे अंजाम दिया है और इसके सबूत भी अब सामने आ गए हैं। किन बातों से ये पता चलता है उन सब का खुलासा इस आर्टिकल में होने जा रहा है इसलिए आखिर तक इस आर्टिकल के साथ जुड़े रहे ताकी आपको पता चल सके की उत्तराखंड की शांति को आग लगाने वालों ने कैसे तैयारियां की हैं। लेकिन आपको बता दे किए हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने अब शूट एट साइट के ऑर्डर दे दिए हैं और दू टूत ये संदेश दिया है कि अगर कोई दंगा करता मिलेगा तो उसका दि एंड वहीं के वहीं हो सकता है। इस पूरी हिंसक घटना की शुरुआत होती है हल्द्वानी में अवैध मस्जिद-मदरसे पर बुलडोजर एक्शन से, हलद्वानी के बनभूलपुरा इलाके में नगर निगम ने मस्जिद ( MASJID) और मदरसे (MADARSE) को जेसीबी (JCB) मशीन से मिट्टी मे मिला दिया। इसके बाद हिंसा की आग इतने भयानक तरीके से फैली कि पूरे इलाके में दंगा शुरु हो गया, शहर छावनी में तब्दील हो गया और कर्फ्यू लगा दिया गया. लेकिन ये सब अचानक नहीं हुआ था। दंगे की ये साजिश पहले से रची गई थी, जिसे लेकर हल्द्वानी के प्रशासन ने बड़ा खुलासा भी कर दिया है. हल्द्वानी हिंसा पर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने जो खुलासे किए हैं, वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं।

नैनीताल डीएम वंदना सिंह के खुलासे से ये साफ हो रहा है कि हल्द्वानी हिंसा के पीछे एक सोची-समझी साजिश थी. नैनीताल डीएम वंदना सिंह के मुताबिक, मस्जिद-मदरसे को ध्वस्त करने से पहले नोटिस दिया गया था. जब नोटिस दिया गया था, तब वहां इतनी भारी मात्रा में पत्थर नहीं थे. मगर एक्शन वाले दिन वहां पत्थरों का अंबार लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने के आधे घंटे बाद ही आगजनी हो गई और मस्जिद के आसपास के घरों वाले छतों से पुलिसकर्मियों और नगर निगम के अफसरों पर पत्थरों की बरसात होने लगी।

Bareilly News: मौलाना तौकीर रजा ने दिया भड़काऊ भाषण “हमारे सब्र को हमारी कमजोरी ना समझा जाए”,पुलिस ने लिया एक्शन

पहले अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उसके बाद काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने मिले हिंदू पक्ष को पूजा के अधिकार के बाद इन दिनों मुस्लिम धर्म गुरु और नेताओं की जुबान कुछ ज्यादा तल्ख हो गई है। सोशल मीडिया के सहारे वो समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं, फिर चाहे फेसबुक हो, ट्वीटर हो, या फिर यूट्यूब हो। कई मौलानाओं के ऐसे जहरीले भाषण देखने और सुनने को मिल रहे हैं। अभी हाल ही में मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी का हिन्दुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण वायरल हुआ, जिसके बाद सलमान अजहरी की गिरफ्तारी हो गई, और अब इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो भारत में गृह युद्ध की धमकी देते नजर आता हैं। मौलाना जिस लहजे में बोल रहे हैं उसे देखकर लगता है कि तौकीर रज़ा मुस्लिम युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहा है। तौकीर रज़ा कहता है कि बाबरी मस्जिद में जो हुआ उसमें हमने सब्र किया. उन्होंने कहा कि अब हम आगे ऐसा नहीं होने देंगे. बाबरी मस्जिद में हमारे सब्र को बुजदिली समझा गया. ज्ञानवापी मामले पर बोलते हुए मौलाना तौकीर रजा ने धमकी दी. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को हथियाने की कोशिश हो रही है. हमें आजादी का कोई हक नहीं है, हमें गिरफ्तार हो जाना चाहिए ।

तौकीर रज़ा ने कहा कि हूकूमत की कोशिश है कि देश में गृहयुद्ध हो लेकिन मेरी कोशिश है कि देश में गृह युद्ध न हो. रजा ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि हमारी मस्जिदें तोड़ दी गई. हमारे मदरसे तोड़ दिए गए, हमने कोई रिएक्शन नहीं दिया. जिस दिन रिएक्शन देंगे उस दिन फसाद होने का अंदेशा है।

उधर मौलाना सलमान अजहरी जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है उनके तो कई ऐसे भाषण है जो देश में जहर घोलने का काम करते हैं। हाल ही में अजहरी ने कहा था की अभी कुत्तों को दौर है, हमारा भी आएगा, इसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है और गुजरात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

ये पहली बार नहीं है कि मौलाना सलमान अजहरी ने कोई भड़काऊ ने भाषण दिया हो। वो हेट स्पीच का सीरियल ऑफेंडर है। उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें वो जिहाद की धमकी दे रहा है। वो मुस्लिम समुदाय को हिंदुओं और देश के खिलाफ भड़काते हुए नजर आता है। एक वायरल वीडियों में वो मुस्लिमों से इंतजार करने के लिए बोल रहा है और कह रहा है कि समय आने पर मस्जिदों को तोड़कर बनाए गए मंदिरों को मुस्लिम तोड़ेंगे और फिर से वहाँ नमाज पढ़ेंगे। वीडियो में वह बोलता है, “आज की जिम्मेदारी इतनी है, हालात देखकर बच्चों को ये न कहना कि बेटा अब जैसे हालात चल रहे वैसे ही चलते रहो।”

एक वीडियो में मौलाना अजहरी गजवा-ए-हिंद के बारे में बता रहा है। वो बोलता है, “ये कयामत के करीब होने वाला है, कयामत के करीब होने वाला है। और उसको कहा क्या जा रहा है? गजवा-ए-हिंद। और गजवे की डेफिनेशन मैंने क्या बताया?” उसने आगे बताया कि इसे जंग-ए-हिंद की जगह गजवा-ए-हिंद क्यों कहा जाता है।

मौलाना सलमान अजहरी के भड़काऊँ भाषणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। लेकिन जिस तरह से ये लोग भारत में रह कर भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और मुस्लिम युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं.. उसे देखकर लगता है कि इन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए… अब आप बताइए की ऐसे मौलानाओं को क्या सजा मिलनी चाहिए.. अपना जवाब हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

भव्य मंदिर तोड़कर मुगल शासक ने बनवाई थी मस्जिद, RTI ने किया बड़ा खुलासा

मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। पता चल गया है कि किस मुगल शासक ने मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई थी। ये खुलासा हुआ है एक RTI के जरिए, RTI यानी सूचाना के अधिकार के जवाब में Archaeological Survey of India ने बताया है कि परिसर में मुगल शासक औरंगजेब ने मस्जिद के लिए हिंदू मंदिर तोड़ा था। हालांकि, RTI के जवाब में विशेषरूप से ‘कृष्ण जन्मभूमि’ का जिक्र नहीं है, लेकिन केशवदेव मंदिर की बात कही गई है। कहा जा रहा है कि शाही ईदगाह हटाने के लिए जारी कानूनी जंग में RTI का जवाब अहम साबित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह ने RTI दाखिल कर केशवदेव मंदिर को तोड़े जाने से जुड़ी जानकारी मांगी थी। इसके कृष्ण जन्मभूमि परिसर में होने का दावा किया गया था। RTI का जवाब ASI आगरा सर्किल के अधिकारी की तरफ से दिया गया था। इसमें पुष्टि की गई है कि विवादित स्थान पर केशवदेव मंदिर को मुगल शासक ने तोड़ दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ASI ने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के 1920 गजट के ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स के आधार पर यह जानकारी दी है। इसमें गजट का कुछ अंश भी शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया, ‘कटरा टीले के कुछ हिस्से जो नजूल के कब्जे में नहीं थे, जहां पहले केशवदेव का मंदिर था, उसे तोड़ दिया गया था और औरंगजेब की मस्जिद के लिए इस्तेमाल किया गया।’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि वो अहम सबूत को इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक सबूत के आधार पर हमने अपनी याचिका में बताया है कि औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में केशवदेव मंदिर को गिराने का फरमान जारी किया था।’

एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘इसके बाद शाही ईदगाह मस्जिद का वहां निर्माण किया गया। अब ASI ने RTI के जवाब में जानकारी दी है। हम 22 फरवरी को अगली सुनवाई के दौरान ASI के जवाब को भी हाईकोर्ट में पेश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि यह शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे की हमारी मांग को मजबूत करेगा।

Rahul Gandhi हिंदूओं का दिल जीतने पहुंचे वैद्यनाथ मंदिर,”नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, राहुल गांधी मुर्दाबाद” के नारे सुनकर लौटे

राहुल गांधी कब क्या बोल दें क्या कर दें ये किसी को कुछ पता नहीं होता है। आजकल राहुल गांधी देश में भारत जोड़ों न्याय यात्रा लेकर निकले हैं। अभी असम में इस यात्रा को लेकर उनकी वहां के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा से खूब नोंकझोक हुई थी, लेकिन अब ये यात्रा झारखंड पहुंच चुकी है। न्याय यात्रा के 21वें दिन राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय झारखंड के देवघर पहुंची तो राहुल गांधी यहां के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंच गए। इस दौरान राहुल गांधी ने जो वेशभूषा पहन रखी थी उसे देखकर आप भी एक बार सोच में पड़ जाएंगे। गुलाबी धोती पहने और माथे पर चंदन लगाए ये राहुल गांधी ही हैं।

लेकिन जब इतनी तैयारी के बाद भी पूजा की ये वीडियो सामने आई तो लोगों ने ये पूछना शुरू कर दिया क्या कोई जबरदस्ती उनसे पूजा करवा रहा था ? जनता तो जनता है। राहुल जब मंदिर से निकले तो वहां मौजूद लोगों ने राहुल गांधी की हूटिंग करते हुए नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे लगा दिए। पब्लिक यहीं नहीं रूकी उसने जय श्रीराम के नारों से राहुल को चिढ़ाना शुरू कर दिया। जिसके बाद राहुल शाम को देवघर से धनबाद के लिए निकल गए क्योंकि रात को यात्रा यहीं रूकी थी। अब राहुल गांधी की न्याय यात्रा आज झारखंड के धनबाद से बोकारो के लिए निकल गई। राहुल बोकारो में चास के जोधाडीह मोड़ से राजेंद्र नगर तक पदयात्रा करेंगे।राहुल गांधी ने 14 जनवरी को मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। 20 मार्च को खत्म होने वाली यात्रा 15 राज्य और 110 जिलों के 337 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6700 किमी का सफर तय करेंगे।

न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुंबई में खत्म होगी। 66 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। राहुल अपनी इस न्याय यात्रा के जरिए 15 राज्यों की 100 लोकसभा सीटों पर फोकस कर रहे हैं।आपको बता दें भारत जोड़ो न्याय यात्रा सबसे ज्यादा दिन UP में रहेगी। यह यात्रा 11 दिन में 20 से ज्यादा जिले कवर करके कुल 1074 KM की दूरी तय करेगी। UP में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन साल 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक सीट पर सिमट गई थी। रायबरेली से केवल सोनिया गांधी को जीत मिली थी।

इस चुनाव में कांग्रेस अपनी पैतृक सीट अमेठी भी हार गई थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को बड़े अंतर से हरा दिया था। ऐसे में कांग्रेस का फोकस लोकसभा की कई अहम सीटों पर रहेगा। इनमें वाराणसी, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ और प्रयागराज शामिल हैं।

गुजरात में Hate Speech देने वाले मौलाना मुफ्ती मुंबई पुलिस के घेरे में,”कुत्ते” जैसे शब्द का किया था इस्तेमाल

Mumbai Maulana Salman Azhari: मुफ्ती ने गुजरात के एक समबोधन में सारी हदे पार करदी। उन्होनें स्पीच में जवान से जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ा, वो अपने स्पीच में साफ साफ मुस्लिम कौम को भड़काते हुए नजर आ रहा है। मौलाना का एक विडिओं  सामने आया जिसमें साफ दिख रहा की मौलाना साहब किस तरहा बदले की भावना से अपना दौर आने का इंतेजार कर रहे है। यह मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मुफ्ती है जो अपने स्पीच में कुत्ते जैसे शब्द का इस्तेमाल कर रहे है लेकिन इन जनाब से कोई पूंछे की ये शब्द इन्होने किस के लिए इस्तेमाल किया है भारत में रह रहे हिंदूओ के लिए या भारत की सरकार के लिए या देश के आला अधिकारीयों के लिए खैर ये सावल तो अब इनसे पुलिस पूंछ रही है क्योंकि जनाब अब पुलिस गिरफ्त में हैं क्योकि मौलाना मुफ्ती ने बीती 31 जनवरी को गुजरात के जूनागढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार उनके भाषण की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसे विवादित बताया जा रहा है। इसे लेकर मौलाना और कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। दो आयोजकों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

लेकिन गिरफ्तारी से पहले जानकारी के अनुसार मौलाना मुफ्ती के समर्थकों ने उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद से ही घाटकोपर पुलिस थाने को घेर लिया था लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल पाई है। वहीं, गुजरात एटीएस ने स्पष्ट कह दिया है कि वह मुफ्ती को गिरफ्तार करके ही ले जाएगी।भड़काऊ भाषण केस में आरोपी मुफ्ती सलमान अजहरी को रविवार को गुजरात ATS दो दिन के ट्रांजिट रिमांड पर जूनागढ़ ले गई। मौलाना पर 31 जनवरी को जूनागढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जिसका विरोध करते हुए हिन्दू संगठनों ने केस दर्ज करवाया था हिन्दू संगठनों ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए मौलाना पर धारा 153A, 505, 188, 114 के तहत मामला दर्ज किया था।गुजरात ATS ने मुंबई की एक अदालत में मुफ्ती सलमान अजहरी की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने रविवार शाम को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर ली। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे घाटकोपर पुलिस थाने लाया गया था।रात एक बजे मौलाना के हजारों समर्थकों ने उसकी रिहाई के लिए घाटकोपर थाने का घेराव किया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। रात 2 बजे गुजरात ATS मौलाना को लेकर जूनागढ़ रवाना हो गई।मुंबई के मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सफाई दी थी। अजहरी की तरफ से लिखा गया है कि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने हमारे बयान पर ट्वीट किया है और कहा है कि हम हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने का काम करते हैं।

बयान में एक कविता का जिक्र है जिसे आपको ध्यान से सुनना चाहिए। उसमें कहीं भी हिंदू शब्द नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता त्रिवेदी ने इसमें जबरन हिंदू शब्द डाला है और हिंदुओं को कुत्ता कहा है, इसलिए सभी हिंदुओं को इस नफरत फैलाने वाले प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन इस बयान के पीछे मौलाना साहब की मंशा क्या थी क्या नहीं यो तो अब कोर्ट की फैसला करेगा क्योंकी हिंदू संगठन तो मौलाना मुफ्ती के सलाखों के पीछे पहुचाने की पूरी वय्वस्था कर चुके है।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वर्ष1991 से वर्ष 2024 तक कब-कब क्या हुआ

22 जनवरी को रामलला आये और अब भोले के भक्तों को महादेव के आने का इंतजार है. पहले राम मंदिर के लिए हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में लंबी लडाई लड़ी और अब एक बार फिर हिन्दू पक्ष इतिहास दोहराने के लिए तैयार है. राम मंदिर बनने से पहले ही नारे लगने लगे थे कि अय़ोध्या तो बस अभी झांकी है काशी मथुरा बाकी है और ठीक ऐसा ही होता भी नजर आ रहा है. पहले रामलला की प्राण प्रतिष्ठता फिर कुछ दिन बाद ज्ञानवापी पर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट. जिसमें इस बात के प्रमाण मिले कि जिस जगह मौजूदा निर्माण है पहले वहां मंदिर था और फिर कुछ दिन के अंदर बनारस जिला कोर्ट का फैसला आया जिसमें हिंदू पक्ष को व्यास जी तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया.खैर अब कोर्ट का फैसला आ चुका है और व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना भी शुरू हो चुकी है लेकिन आज हम आप को प्वाइंट में बताएंगे की अब तक फैसला आने से पहले क्या कुछ हुआ ज्ञानवापी केस में.         

  • काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में 1991 में वाराणसी कोर्ट में पहला मुकदमा दाखिल हुआ था. याचिका में ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति मांगी गई. प्राचीन मूर्ति स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर की ओर से सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय बतौर वादी इसमें शामिल थे.
  • मुकदमा दाखिल होने के कुछ महीने बाद सितंबर 1991 में केंद्र सरकार ने पूजास्थल कानून बना दिया. ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजास्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजास्थल में नहीं बदला जा सकता. अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.
  • अयोध्या का मामला उस वक्त कोर्ट में था इसलिए उसे इस कानून से अलग रखा गया था. लेकिन ज्ञानवापी मामले में इसी कानून का हवाला देकर मस्जिद कमेटी ने याचिका को हाईकोर्ट में चुनौती दी. 1993 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टे लगाकर यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया.
  • 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी भी मामले में स्टे ऑर्डर की वैधता केवल छह महीने के लिए ही होगी. उसके बाद ऑर्डर प्रभावी नहीं रहेगा.
  • इसी आदेश के बाद 2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर से इस मामले में सुनवाई शुरू हुई.
  • 2021 में वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मंजूरी दी गई.
  • आदेश में एक कमिशनर नियुक्त किया गया और इस कमिशनर को 6 और 7 मई को दोनों पक्षों की मौजूदगी में श्रृंगार गौरी की वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए. 10 मई तक अदालत ने इसे लेकर पूरी जानकारी मांगी थी.
  • छह मई को पहले दिन का ही सर्वे हो पाया था, लेकिन सात मई को मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा.
  • 12 मई को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने कमिश्नर को बदलने की मांग खारिज कर दी और 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करवाकर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि जहां, ताले लगे हैं, वहां ताला तुड़वा दीजिए. अगर कोई बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई करिए, लेकिन सर्वे का काम हर हालत में पूरा होना चाहिए.
  • 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने से इनकार करते हुए कहा था कि हम बिना कागजात देखे आदेश जारी नहीं कर सकते हैं. मामले की सुनवाई 17 मई को करने को कहा.
  • 14 मई से ही ज्ञानवापी के सर्वे का काम दोबारा शुरू हुआ. सभी बंद कमरों से लेकर कुएं तक की जांच हुई. इस पूरे प्रक्रिया की वीडियो और फोटोग्राफी भी हुई.
  • 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ. हिंदू पक्ष ने दावा किया कि कुएं से बाबा मिल गए हैं. इसके अलावा हिंदू स्थल होने के कई साक्ष्य मिले. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सर्वे के दौरान कुछ नहीं मिला.
  • इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने पूजा स्थल कानून 1991 का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज करने की मांग की. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द सुनवाई का आदेश दिया था.
  • 12 सितंबर को कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी.
  • 12 सितंबर को ही इस मामले से जुड़ी पांच याचिकाओं को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इनमें से तीन पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
  • 24 जनवरी 2024 को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया. जिला जज ने वादी पक्ष को सर्वें रिपोर्ट दिए जाने का आदेश दिया.
  • 25 जनवरी 2024 को रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में मंदिर का स्ट्रक्चर मिला है. इस पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताई.
  • 31 जनवरी 2024 को वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी.

और अब साल 2024 में कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर व्यास तहखाने में नियमित पूजा शुरू हो गई है. ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में रोज पांच आरती का समय भी तय हो गया है. सबसे पहले मंगला आरती होगी, उसके बाद भोग आरती, अपराह्न् आरती, संध्या आरती और शयन आरती होगी. वाराणसी कोर्ट का फैसला आने के कुछ घंटे बाद ही आधी रात में ज्ञानवापी के अंदर मंत्र गूंजने लगे. शंख और घंटे की ध्वनि के बीच हर हर महादेव का जयघोष होने लगा हालांकि, फैसले के विरोध में मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी-ज्ञानवापी करता इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गया कोर्ट में याचिका दायर की. मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी के जिला अदालत में भी अर्जी देकर हिंदू पक्ष को उस स्थान पर पूजा करने से रोकने के लिए अदालत से अनुरोध किया है.लेकिन अब जिला कोर्ट… हाई कोर्ट… सुप्रीम कोर्ट… तीन कोर्ट से ठोकर खाने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी बड़बोले पन पर उतर आये हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि कानून की किताबों को आग लगा दो……..मगर अब बड़बोले पन से बौखलाने से कुछ नहीं होगा क्योंकि 30 साल बाद हिंदू पक्ष को वयास जी तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया है ..जिसके बाद अब ज्ञानवापी बम-बम के जयकारे गूंजने लगे है

 

दर्दनाक मौत: ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत

  रायबरेली, ओम शंकर शुक्ला | कान में ईयर फोन लगाकर चलना युवक को पड़ा महंगा, ट्रेन की चपेट में आने से युवक की हुई दर्दनाक मौत.

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मामला हरचंदपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गंगागंज कस्बे के पास रेलवे लाइन का है जहां केटीएल में इंजीनियर के पद पर काम करने वाला राहुल मिश्रा पुत्र पंचदेव मिश्रा निवासी जनपद बलिया कान में ईयर फोन लगाकर जा रहा था.

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इतने में ट्रेन आ गई और वह ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाया जिससे वह ट्रेन से टकरा गया ट्रेन की टक्कर से इंजीनियर राहुल मिश्रा की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.