दिल्ली

दिल्ली में पानी पर घमासान तेज, आज से अनशन करेंगी जल मंत्री आतिशी

एक तरफ जहां बेतहाशा गर्मी से दिल्ली वाले बेहाल हैं वही जल संकट ने उनकी मुश्किलों को और भी बढ़ा दिया है दिल्ली इस समय पानी की भयानक कमी से जूझ रही है

एक तरफ जहां बेतहाशा गर्मी से दिल्ली वाले बेहाल हैं वही जल संकट ने उनकी मुश्किलों को और भी बढ़ा दिया है दिल्ली इस समय पानी की भयानक कमी से जूझ रही है. पानी की ये किल्लत ऐसे वक्त में  हो रही है, जब आसमान से आग बरस रही है.देश की राजधानी में जहां पीने के पानी के लाले पड़े हुए हैं, वहीं इसके लिए जिम्मेदार नेता, अधिकारी आपस में ब्लेम गेम खेल रहे हैं.

लेकिन जल संकट की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा लेकिन ये सब पहली बार नहीं है. दिल्ली में हर साल ही गर्मी में जल संकट खड़ा हो जाता है. दिल्ली में जल संकट तो हर साल आता है लेकिन इसका समाधान किसी के पास नहीं होता औऱ अगर ऐसा ही रहा तो आने बाले समय में दिल्ली को रेगिस्तान बनते देर नहीं लगेगी दिल्ली सरकार के 2024-25 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, दिल्ली वालों को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है, मगर दिल्ली जल बोर्ड हर दिन 95 करोड़ गैलन पानी की सप्लाई भी नहीं कर पा रहा है

आलम ये है कि दिल्ली के कई इलाकों में कई-कई दिनों से पानी आ नहीं रहा है. और अगर आ भी रहा है तो इतना नहीं कि जरूरतें पूरी हो सकें. पानी का ये संकट हर साल गर्मियों में खड़ा हो जाता हैऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली का अपना कोई पानी का बहुत बड़ा जरिया नहीं है. उसे पानी के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब पर निर्भर होना पड़ता है. सबसे बड़ा हिस्सा हरियाणा का है.

जल मंत्री आतिशी का कहना है कि दिल्ली में हर दिन 105 करोड़ गैलन पानी की सप्लाई होती है, जिसमें से 61.3 करोड़ गैलन पानी हरियाणा की यमुना से आता है. उन्होंने दावा किया कि हरियाणा से 51.3 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है. इसका मतलब है कि दिल्ली में 10 करोड़ गैलन पानी की कमी है आतिशी ने दावा किया कि 10 लाख गैलन पानी से 28,500 लोगों की हर दिन की जरूरत पूरी होती है. अगर दिल्ली को हरियाणा से 10 करोड़ गैलन पानी कम मिल रहा है तो इसका मतलब है कि 28 लाख से ज्यादा लोगों को कम पानी मिल रहा है.

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, राजधानी में 9 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट हैं, जहां से पानी की सप्लाई होती है. इन ट्रीटमेंट प्लांट्स से हर दिन 95.6 करोड़ गैलन पानी का उत्पादन हो सकता है, लेकिन अभी क्षमता से कम पानी का उत्पादन हो रहा है. 18 जून को 9 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से 91.6 करोड़ गैलन पानी का उत्पाद हुआ था

राजधानी में पानी की कमी को पर दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं को शुरू तो किया गया था लेकिन उन पर बहुत ही धीमी स्पीड से काम हो रहा है। इन परियोजनाओं में में पालम बाढ़ के मैदानों पर एक विशाल भूमिगत जलाशय बनाना और सिंगापुर के NEWater मॉडल को लागू करना शामिल है, जिसका उपयोग करके गटर के पानी को साफ़ करके पीने योग्य बनाया जा सकता है। लेकिन ये सभी परियोजनाएं अभी तक पायलट या योजना के चरण से आगे नहीं बढ़ पाई हैं

मगर जल ही जीवन है चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्सों में जल संकट बढ़ता जा रहा है भारत के कई राज्यों और ग्रामीण इलाकों में पानी की कमी की समस्या गहराती जा रही है। लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है जल का सही उपयोग करके हम इस संकट से निपट सकते हैं सबसे पहले हमें नदियों, तालाबों, कुओं तथा अन्य पानी के स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाना होगा। घरों में नहाने, बर्तन धोने और शौचालय में बहुत पानी इस्तेमाल होता है

वहां हमें जल का उपयोग समझदारी से करना चाहिए और व्यर्थ में जल की बर्बादी को रोकना होगा खेतों में सिंचाई के लिए फव्वारे का उपयोग करें जल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए बारिश के जल को एकत्रित करने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए बारिश के पानी को संरक्षित रखने के लिए शहरों और गांव के आस-पास छोटे-छोटे तालाब और नहर बनानी चाहिए धरती में जल की कमी होती जा रही है इसलिए भूगर्भ जल संरक्षण पर भी ध्यान देना होगा। साथ ही घरों में भी पानी की बचत करने के लिए नल को अच्छे से बंद रखें घर में या कहीं आसपास किसी पानी की पाइप लाइन में लीकेज हो तो तुरंत सही करवाएं जल सभी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है इसलिए जल संकट की समस्या का निस्तारण बहुत आवश्यक है नहीं सतो हमारी आने बाली पीडियां जल के बिना कैसे जीवीत रह पाएंगी..

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