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#बेटा ही निकला पिता का कातिल, संपत्ति को लेकर बेटे ने ही की थी पिता की गोली मारकर बेरहमी से हत्या। #

#बेटा ही निकला पिता का कातिल, संपत्ति को लेकर बेटे ने ही की थी पिता की गोली मारकर बेरहमी से हत्या। #

जनपद एटा-किशनपाल ने पुलिस को सूचना दी कि वह अपनी माॅ अंगूरी देवी के साथ मोहल्ला नई बस्ती, कस्बा व थाना अमांपुर, कासगंज में रहता है तथा उसका छोटा भाई यतेन्द्र अपनी पत्नी के साथ ग्राम सरदलगढ में ही रहता है। उसके पिता महेन्द्र सिंह उम्र करीब 70 वर्ष भी गांव सरदलगढ़ में ही रहते थे, उसको टेलीफोन द्वारा सूचना मिली कि उसके पिता की गांव के पास अपनी मूंग के खेत में चारपाई पर सोते समय रात्रि में अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई हैं।

हत्या की सूचना पर थाना कोतवाली देहात पुलिस तथा उच्चाधिकारियों द्वारा तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण किया गया तथा फील्ड यूनिट व डाॅग स्क्वाड टीम के साथ साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गई, इस दौरान पुलिस को मौके से मोबाइल फोन के हैडफोन की एक लीड मिली साथ ही स्थानीय लोगों से की गई पूछताछ तथा प्रारम्भिक जाॅच से हत्या में परिवार के ही किसी सदस्य का हाथ होना संज्ञान में आया। थाना कोतवाली पुलिस द्वारा शक के आधार पर परिवार के कई सदस्यों से पूछताछ की गयी। इसी दौरान मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि मृतक का छोटा पुत्र यतेन्द्र पुलिस के आने से वहाॅ से चुपचाप चला गया है, इस सूचना पर थाना कोतवाली देहात पुलिस द्वारा शक के घेरे में आये मृतक के छोटे पुत्र यतेन्द्र का पीछा कर उसे चिलासनी तिराहे के पास से पुलिस हिरासत में लिया गया।

पुलिस हिरासत में लिये गये आरोपी यतेन्द्र से जब पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि जब उसका भाई तथा वह काफी छोटे थे तब उसके पिता के अपनी चचेरी भाभी से नाजायज सम्बन्ध हो गये थे, और उसके पिता ने उसकी माँ को घर से निकाल दिया था। उसकी माँ उन लोगों को लेकर दिल्ली चली गयी तथा मजदूरी कर पालन पोषण किया और करीब 8-10 साल पहले अमांपुर में पिता की बुआ के लड़कों के घर रहने लगी। वहीं पर यतेन्द्र ने दो तमंचे खरीदे, तथा करीब 5 वर्ष पूर्व उसकी शादी होने पर पत्नी सर्वेश के साथ अपने पिता के मकान ग्राम सरदलगढ में आकर रहने लगा। उसके पिता पर करीब 12 बीघा जमीन थी, करीब 12 साल पहले उसमें से 2 बीघा जमीन का बैनामा उसके पिता ने अपने चचेरे भाई चित्रपाल उर्फ चेतराम पुत्र लीलाधर निवासी सरदलगढ को कर दिया तथा चेतराम की पत्नी प्रीतम कौर की 10 साल पहले मृत्यु हो गयी जिसके साथ उसके पिता के अवैध सम्बन्ध थे। चेतराम उर्फ चित्रपाल के बेटों पुष्पेन्द्र व पवन की पत्नियों से प्रीतम कौर ने कह दिया था कि महेन्द्र सिंह को किसी बात के लिए परेशान मत रखना इसलिए दोनों की पत्नी उसके पिता का बहुत ख्याल रखती थीं। उसके पिता उनके ही घर पर खेती की पैदावार, समस्त सामान तथा रुपया भी रखते थे। खाना भी उन्हीं के घर खाते थे। उसके मना करने पर नहीं मानते थे तथा माॅगने पर खाना खर्च, सामान तथा जमीन भी नही देते थे।

कुछ दिन पूर्व ही उसे सुनने को मिला कि उसके पिता शेष जमीन को भी पवन पुत्र चेतराम उर्फ चित्रपाल के नाम करना चाहते हैं। तभी उसने अपने पिता की हत्या करने की योजना बनाई। गाँव में मजदूरी करने के बाद वह एटा शहर आया जहाॅ उसने बीयर पी और घर चला गया, रात्रि में करीव 12.30 बजे जब माहौल शान्त हो गया तब उसने मूँग के खेत में चारपाई पर सो रहे अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के लिये वह दो तमंचे लेकर गया था, जिससे अगर एक तमंचा काम न करे तो दूसरे से वह हत्या कर सके, एक तमंचे से गोली मारने के बाद उसमें खोखा फॅस जाने पर उसने दूसरे तमंचे से गोली मारी थी। हत्या करते समय उसकी टी-शर्ट में खून के धब्बे लग गये थे, तथा कारतूस निकालते समय उसकी जेब से मोबाइल की लीड वहीं गिर गयी थी। अभियुक्त की निशांदेही पर उक्त घटना में प्रयुक्त दोनों तमंचे, खोखा व जिन्दा कारतूस तथा खून में सनी टी-शर्ट बरामद की गयी हैं। अभियुक्त के विरुद्ध थाना कोतवाली देहात पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर थानास्तर से आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

रिपोर्ट-कपिल पाराशर जनपद एटा

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