2020 यानी बीमारियों का साल, वायरस के अलावा इन बीमारियों ने लिया जन्म
हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है की इतने लंबे समय से घरों मे रह कर काम करने के कारण लोगों में ओसीडी की शिकायतें बढ़ती जा रही है।
2020 की शुरूआत ही कुछ तनाव पुर्ण रही। कही छात्र संघों का प्रदर्शन ,कही किसानों का आंदोलन, और इसी बीच आया दुनिया पर सबसे खतरनाक संकट यानी कोरोना वायरस। इस साल को कुछ लोग काले साल के रुप में देख रहे है तो कुछ लोग यकीनन सोशल लाइफ से दुर होकर खुश भी है। मगर एक चीज़ जो सब में एक समान है वो हो मानसीक एवं शार्रीक तनाव।
कोरोना काल ने हर किसी को अपने घरों में कैद कर दिया। कभी सोचा नहीं था की इस कदर हम सब की जिंदगीयाँ ठहर जाएंगीं, ना किसी से मेल मिलाप होगा ना ही आऊटींग। सारे त्यौहार कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठ कर मनाएं जाएंगे। इन सबके बीच कई लोगों की नौकरियां तक चली गयी। ऐसे में 10 महीने से ज्यादा के समय तक घर की चार दिवारी में रह कर कई नई बीमारियों ने जन्म लिया है। इन्मे से एक है ओसीडी। हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है की इतने लंबे समय से घरों मे रह कर काम करने के कारण लोगों में ओसीडी की शिकायतें बढ़ती जा रही है।
क्या है ओसीडी ?
ओसीडी एक मनोग्रसित-बाध्यता विकार है। बता दें इस बीमारी से ग्रसत इंसान एक ही चीज की बार-बार जाँच करता रहता है। उस इंसान के मन में भ्रम उतपन्न होता है जिस वजह से पिड़ीत बार-बार एक ही कार्य को दौहराता रहता है, जैसे दिन में 30 से 40 बार हाथ धोना, या किसी एक चीज के बारे में सोचते रहना। इतना ही नहीं कही बाहर जाते वक्त जिसके कारण बेचैनी , डर, चिन्ता पैदा होती है। अगर यह सिलसिला ज्यादा लंबा चलता है तो यह बीमारी बढ़कर जानलेवा साबित हो सकती है। यही देखते हुए डॉक्टरों ने बताया की यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसका समय पर इलाज होना बहुत जरूरी है।
कैसे कर सकते है इस बीमारी से बचाव ?
वैसे देखा जाए तो इस बीमारी से बचने का कोई मजबूत इलाज नहीं है, मगर यदी हम अपने आप को व्यस्त रखते है तो इस बीमारी के शिकार होने से बच सकते है। हमेशा सकारात्मक धारणाए रखें। ज्यादा से ज्यादा अपने काम में दिमाग लगाएं। साथ ही सही समय पर भोजन और नींद ले।