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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला है बजट

आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने वाले इस बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दी बधाई

नई दिल्ली।  केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बजट (2021-2022) को जनता की जरूरत के अनुरूप और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बताया है। आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने वाले इस बजट के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी।

केंद्रीय मंत्री ने बजट के दौरान स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर ग्रामीण की तर्ज पर शुरू होने वाली जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन उनकी इस सोच की ही देन है। गांव,  गरीब और किसान के घर नल देने के लिए इस बार भी बजट बढ़ाया गया है। ‘हर घर जल’ की मुहिम को इससे गति मिलेगी। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगले पांच साल में 4378 शहरी निकायों में 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्शन किए जाएंगे और इस योजना पर 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।

शेखावत ने कहा कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के इस समय में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है, ऐसे समय में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए लाया गया ये बजट सभी क्षेत्रों को लेकर सरकार की दूरदर्शी और सबके विकास की सोच का परिचायक है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खर्च बढ़ाने के साथ-साथ बीमा क्षेत्र, विनिवेश में तेजी, वरिष्ठ नागरिकों को कर में छूट और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने जैसे कई जरूरी कदम उठाने के साथ-साथ देश के सभी राज्यों के विकास के लिए एक रूपरेखा तैयार की गई है।

अपने मंत्रालय से जुड़ी योजनाओं के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के तहत देश के 19.04 करोड़ घरों में 2024 तक नल से जल पहुंचाने की योजना चल रही है। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3.6 लाख करोड़ रुपये की इस योजना की घोषणा की थी।  फरवरी 2021 तक 6.56 करोड़  घरों में नल कनेक्शन लगाए जा चुके थे। गोवा और तेलंगाना में 100% प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंच चुका है।

बता दें कि पिछले बजट में जल जीवन मिशन के लिए 11,500 करोड़ रुपये, जबकि नव गठित जलशक्ति मंत्रालय को 30,478 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।  जिसमें से 21,500 करोड़ का प्रावधान पेयजल एवं स्वच्छता के लिए था। RE के समय पेयजल को जहां पिछले वर्ष 11,500 करोड़ दिए गए थे, वहीं, इस वर्ष 50000 करोड़ पेयजल एवं 10000 करोड़ स्वच्छता के लिए आवंटित किया गया है। इस प्रकार जल जीवन मिशन के बजट आवंटन में इस वर्ष 450 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। मंत्रालय के कुल बजट में भी 180 प्रतिशत की लगभग वृद्धि हुई है, जो कि पानी के विषय पर मोदी सरकार की प्राथमिकता एवं गंभीरता को दर्शाता है।

इसके अलावा बजट में अगले पांच साल के दौरान स्वच्छ भारत 2.0 अभियान के तहत 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस योजना पर वर्ष 2021-26 तक 1,41,678 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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