राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का दिया जवाब
आंदोलनकारी किसानों को फिर से बातचीत का दिया न्योता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर जमे आंदोलनकारी किसानों को फिर से बातचीत का न्योता दिया है। पीएम मोदी ने खालिस्तानी साजिश पर कहा कि देश हर सिख के लिए गर्व करता है। उन्हें गुमराह करने से कभी देश का भला नहीं होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हम ये न भूलें कि कुछ लोग हमारे खासकर पंजाब के सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख के लिए गर्व करता है। उनका जितना हम आदर करें, उतना कम है। मेरा भाग्य रहा है कि मुझे पंजाब की रोटी खाने का अवसर मिला है। पीएम ने कहा कि हमारे कृषि मंत्री लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। अभी तक कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है।
एक-दूसरे की बात को समझने का, समझाने का प्रयास चल रहा है। हम आंदोलन करने वालों से प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है। लेकिन इस प्रकार से बुजुर्ग लोग वहां बैठे हैं, ये ठीक नहीं है आप उनको ले जाइए। आप आंदोलन को खत्म कीजिए। आगे बढ़ने के लिए मिल-बैठकर चर्चा करेंगे। मैं सदन के माध्यम से भी निमंत्रण देता हूं।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक कथन पढ़ा जिसमें उन्होंने कृषि से जुड़े एक बड़े बाजार की वकालत की थी। मोदी ने कहा कि मजा ये है जो लोग पॉलिटिकल बयानबाजी करते हैं, उछल-उछल कर उनकी सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में थोड़ा-बहुत तो किया ही है। किसी ने कानूनों की मंशा पर सवाल नहीं उठाए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि याद कीजिए, यहां इसी सदन का भाषण मैं दो-तीन साल पहले का मैं सुन रहा था। मोबाइल कहां हैं, लोग डिजिटल ट्रांजेक्शंस कैसे करेंगे। आज हर महीने यूपीआई से चार लाख करोड़ के ट्रांजेक्शंस हो रहे हैं। जल हो, नभ हो, अंतरिक्ष हो। भारत हर क्षेत्र में अपनी क्षमता के साथ खड़ा है।