विशाल साहस और बलिदान से मिली ये स्वतंत्रता…आजादी से जुड़ी रोचक तथ्य…जानिए
200 साल के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी हासिल की...
DESK : भारत इस साल 15 अगस्त को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है. भारत सरकार आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम मना रहा है. जो की देश के लोगों को समर्पित है. जैसा की हर देशवासी को मालूम है कि भारत 1858 से 1947 तक ब्रिटिश शासन के अधीन था. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1757 से 1857 तक भारत पर शासन किया था.तो वही
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15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान ने 200 साल के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी हासिल की. स्वतंत्रता सेनानी के विशाल साहस और बलिदान ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया. वहीं, आजादी के 75 साल पूरे होने में बस कुछ ही दिन बाकी है.
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स्वतंत्रता के लिए पहला संघर्ष 1857 में हुआ था, जिसे प्रसिद्ध सिपाही विद्रोह या 1857 का भारतीय विद्रोह कहा जाता है, जिसका नेतृत्व मंगल पांडे ने किया था. तो वही साल 1900 के दशक में स्वदेशी आंदोलन आया. बाल गंगाधर तिलक और जेआरडी टाटा ने स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने और विदेशी सामानों का बहिष्कार करने के लिए बॉम्बे स्वदेशी को-ऑप स्टोर्स कंपनी लिमिटेड की स्थापना की. महात्मा गांधी ने इसे स्वराज (स्व-शासन) की आत्मा का रूप बताया.
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भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर में फहराया गया था जिसमे लाल, पीले और हरे रंग की तीन क्षैतिज पट्टि है। हमारे वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज का पहला वर्जन साल 1921 में पिंगली वेंकय्या ने डिजाइन किया था. 24-तीली, अशोक चक्र के साथ भगवा, सफेद और हरी धारियों वाला वर्तमान ध्वज आधिकारिक तौर पर 22 जुलाई, 1947 को अपनाया गया था. इसके बाद 15 अगस्त, 1947 को फहराया गया था.
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भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे अगस्त आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है. 8 अगस्त, साल 1942 को महात्मा गांधी की तरफ से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग के लिए शुरू किया गया एक आंदोलन था. तो वही स्वतंत्रता के वक्त भारत के पास आधिकारिक रूप से कोई राष्ट्रगान ना था. साल 1911 में रवींद्रनाथ टैगोर के लिखे गीत ‘भारतो भाग्य बिधाता’ का नाम बदलकर ‘जन गण मन’ कर दिया गया. इसे 24 जनवरी, साल 1950 को भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था.
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बंकिम चंद्र चटर्जी के लिखे भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ साल 1880 के दशक में लिखे उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा था. 24 जनवरी, साल 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त की आधी रात को लाल किले पर तिरंगा फहराया. अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में नेहरू ने कहा था, ‘बहुत साल पहले, हमने भाग्य के साथ एक प्रयास किया था और अब वह समय आता है जब हम हमारी प्रतिज्ञा को भुनाएं. आज की आधी रात के वक्त, जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा.