जानिए किस पल को याद करके भावुक हुए पीएम नरेंद्र मोदी
जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें विदाई दी गई। पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेता की खूब तारीफ की...
नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर राज्यसभा को संबोधित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें विदाई दी गई। पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेता की खूब तारीफ की और एक आंतकी घटना का जिक्र करते हुए भावुक हो गए और कहा कि वे एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का घटनाओं और अनुभव के आधार पर आदर करते हैं।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थोड़ी देर में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना पर राज्यसभा में बयान देंगे। इस दौरान वह राहत एवं बचाव अभियान के बारे में जानकारी देंगे। ‘शून्यकाल’ के दौरान राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वह गृह मंत्री सदन को इस बारे में जानकारी देने के लिए कहेंगे ।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आजाद समेत जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने पर विदाई भाषण में कहा कि श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।
#WATCH: PM Modi gets emotional while reminiscing an incident involving Congress leader Ghulam Nabi Azad, during farewell to retiring members in Rajya Sabha. pic.twitter.com/vXqzqAVXFT
— ANI (@ANI) February 9, 2021
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘एक बार गुजरात के यात्रियों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने हमला कर दिया। करीब 8 लोग मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया, वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था। उनके आंसू रूक नहीं रहे थे। उन्होंने मुझे फोन किया और अपने परिवार के सदस्य की तरह चिंता की। मेरे लिए वो बड़ा भावुक पल था। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शरीरों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए, तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। लेकिन गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे, उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करें, वैसी चिंता वो कर रहे थे।