बिहार

बिहार : चिकित्सा शिविर के बहाने मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं राजद विधायक ?

मढ़ौरा से राजद विधायक जितेंद्र कुमार राय ने लगवाया निशुल्क स्वास्थ्य शिविर

बिहार। मढ़ौरा से राजद विधायक जितेंद्र कुमार राय ने सोमवार को अपने पिता यदुवंशी राय की स्मृति में अमनौर, गरखा, परसा, सोनपुर और छपरा विधानसभा क्षेत्र में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगवाया।

बता दें कि यह स्वास्थ्य शिविर इक्का-दुक्का की तादाद में नहीं बल्कि पूरे इलाके में काफी बेहतर ढंग से आयोजित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कैंपों में खुद विधायक जितेंद्र राय के भाई डॉ. हिमांशु राय कमान संभालते हैं। जितेन्द्र राय ने इस बार विधानसभा जीत के साथ मढ़ौरा से भी जीत की हैट्रिक लगा ली है। उनसे पहले उनके पिता स्वर्गीय यदुवंशी राय का एकमात्र साम्राज्य इस विधानसभा क्षेत्र पर था। सारण की राजनीति में अपनी बेदाग छवि के कारण इनकी पहचान है। पहले छपरा अब सारण लोकसभा हो चुके इस क्षेत्र पर यादव व राजपूत प्रत्याशियों का शुरू से ही दबदबा रहा है।

बता दें कि यहां से सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड वर्तमान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी का है। यहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सांसद रहे व रेल मंत्री भी बने लालू परिवार के लिए छपरा जो अब सारण बन चुका है, सबसे सेफ सीट मानी जाती थी। पिछले लोकसभा चुनाव के समय लालू यादव के समधी और परसा से राजद विधायक रहे चंद्रिका राय को राजद ने अपना टिकट दिया था पर चंद्रिका राय राजद खेमे को ही नहीं पच रहे थे, उस समय चंद्रिका राय व लालू यादव परिवार के बीच विवाद चरम पर था। उनको टिकट दिया जाना भी उसी विवाद को खत्म करने की दिशा में कारगर पहल माना गया पर भाजपा की लहर व राजद कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण चंद्रिका राय सारण के रण में पराजित हुए। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले चंद्रिका राय जदयू में शामिल हो गए तथा से उन्हें टिकट थमा दिया गया, लेकिन परसा के यादव मतदाताओं ने जदयू के टिकट के प्रबल दावेदार रहे और राजद में शामिल हुए पूर्व विधायक छोटेलाल राय को लालटेन के साथ विधानसभा भेजने का काम किया।

सारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सोनपुर,गोरखा सुरक्षित परसा अमनौर और छपरा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में 6 सीटों में से अमनौर छपरा ही भाजपा के कोटे में गई बाकी 4 सीटों पर राजद की लालटेन जली सारण की राजनीति में जितेंद्र राय और वरिष्ठ नेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में सारण लोकसभा सीट की दावेदारी भी उनकी ही बनती है।

ऐसे में जितेंद्र राय आगामी लोकसभा चुनाव में राजद के इकलौते टिकट के दावेदार होंगे और राजद को भी उनको टिकट देने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि जितेंद्र राय के करीबी उनकी टीम के अहम सदस्य तथा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विधान  परिषद चुनाव में राजद के टिकट के प्रबल दावेदार सुधांशु रंजन का कहना है कि जनसेवा दिखावे के लिए नहीं होती। जितेंद्र राय दूसरे मिजाज के आदमी हैं उनके दोनों भाई चिकित्सक हैं। वो अपने पिता के नाम पर लोगों की सेवा में लगे रहते हैं। क्षेत्र में जहां कहीं से भी कार्यकर्ता स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के लिए पहल कर रहे हैं उनकी तरफ से पूरी व्यवस्था की जा रही है।

रिपोर्ट- अनूप नारायण सिंह

 

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