DESK : विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोज के लिए प्रसिद्ध स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांटे पाबो को फिजियोलॉजी/मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. विकासवादी आनुवंशिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले स्वीडिश वैज्ञानिक स्वंते-पाबो ने निएंडरथल मानव जीनोम को लेकर बड़े पैमाने पर काम किया है.
सूडान के स्वांटे पाबो एक अनुवांशिक जीव वैज्ञानिक है. अनुवांशिकी के क्षेत्र में स्वांटे पाबो का विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोज ने जीव विज्ञान के क्षेत्र में आज नए पन्ने जोड़ दिए हैं. इस खोज ने एक नए शोध विषय को ही जन्म दे दिया है जिसके अध्ययन को अब पेलोजेनोमिक्स नाम से जाना जाएगा.
इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा, “अपने अग्रणी शोध के माध्यम से, स्वांटे पाबो ने कुछ ऐसा किया है जो असंभव सा प्रतीत होता है.” नोबेल प्राइज कमेटी ने आगे कहा कि वर्तमान मनुष्यों में विलुप्त प्राय, निएंडरथल मानव के जीनोम को अनुक्रमित करना एक बेहद सनसनीखेज आविष्कार हैं.” बता दें कि उन्होंने पहले अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की भी की है जो मानव अनुवांशिकी और जीन अध्ययन से संबंधित है.”
स्वीडन के करोलिंस्का संस्थान की नोबेल असेंबली द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह नोबेल पुरस्कार विज्ञान के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है. बहरहाल, यह पुरस्कार ऐसे समय में दिया गया है जब कोविड महामारी ने चिकित्सा अनुसंधान को दुनिया के केंद्र में रखा है. गौरतलब हो कि जीव विज्ञान में नोबेल की घोषणा के बाद मंगलवार को भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा.