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असम : महामृत्युंजय मंदिर में Amit Shah ने की पूजा, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हुए शामिल

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह आज असम के नौगाँव स्थित महामृत्युंजय मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए। अमित शाह ने कहा कि महामृत्युंजय मंदिर में विश्व के सबसे बडे 126 फीट ऊंचे शिवलिंग के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने का परम सौभाग्य मिला। आज भृगुगिरी जी महाराज के संकल्प की प्रतिपूर्ति हुई है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वे महादेव से सभी देशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य व खुशहाली की प्रार्थना करते हैं। अमित शाह महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान बरदोवा धाम भी गए।

बरदोवा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस पवित्र धरती पर आना उनके लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है। श्रीमंत शंकरदेव ने इस पावन भूमि से नव वैष्णव परंपरा की शुरुआत कर वैष्णव परंपरा को प्राणवान बनाया। शंकरदेव ने यहीं से असम को एक नई भक्ति संस्कृति देने की शुरुआत की और माधवदेव ने उसे आगे बढ़ाया। अमित शाह ने कहा कि वे दोनों क्षेत्राधिकारों से आशीर्वाद लेने यहाँ आए हैं ताकि श्रीमंत शंकरदेव के विचारों और भक्ति आंदोलन को न केवल असम बल्कि पूरे भारत में आगे बढ़ाया जा सके। श्रीमंत शंकरदेव ने भक्ति आंदोलन शुरू करने के साथ साथ भारत की एकता के लिए भी कई काम किए। अमित शाह ने श्रीमंत शंकरदेव के वाक्य “कोटि कोटि जन्म तक आप पुण्य करते हैं और महान पुण्य का योग होता है वे ही कदाचित् इस पवित्र भारतवर्ष में जन्म लेने के अधिकारी होते हैं” का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस वाक्य से भारत के प्रति शंकरदेव के लगाव का पता चलता है। अमित शाह ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय कहा था कि “असम बहुत ही सौभाग्यशाली है कि 500 साल पहले यहाँ शंकरदेव ने जन्म लिया जिन्होंने असम के लोगों को एक ऐसा आदर्श दिया जिसने राम राज्य की कल्पना को पुनर्जीवित किया है”।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें बहुत प्रसन्नता है कि असम के मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल के नेतृत्व में राज्य के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वसरमा ने इस बजट में यहाँ श्रीमंत शंकरदेव का स्मारक बनाने के लिए 180 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।  शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने यहाँ स्मारक बनाने का काम नहीं किया। मौजूदा सरकार द्वारा स्मारक बनाने से युगों-युगों तक यहां पर श्रीमंत शंकरदेव के संदेश को आगे बढ़ाने में सफलता मिलेगी।

 

असम में बोले पीएम मोदी, षड्यंत्रकारियों के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी रविवार को असम के बिश्वनाथ और चराइदेव में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने असम के सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में ‘असम माल’ प्रोग्राम को भी लॉन्च किया।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत माला की तर्ज पर असम माला की शुरुआत की गई है। अगले 15 सालों में असम में चौड़े हाईवे का जाल हो, सभी गांव मुख्य सड़कों से जुड़ें,  सड़कें देश के शहरों की तरह आधुनिक हों, यह प्रोजेक्ट सपनों को पूरा करेगा, आपका सामर्थ्य बढ़ाएगा।

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि भारत को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिशें रची जा रही हैं। चाय और योग जैसी चीजों पर हमला किया जा रहा है। लेकिन भारत की चाय पर किए जा रहे हमलों में इतनी ताकत नहीं है कि वो हमारे चाय बागान में काम करने वाले लोगों के परिश्रम का मुकाबला कर सकें।

पीएम मोदी ने कहा कि हिंसा, अभाव, भेदभाव, तनाव, पक्षपात, संघर्ष इन सारी बातों को पीछे छोड़कर अब पूरा नॉर्थ ईस्ट विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और असम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है। पीएम ने कहा कि असम के स्वाधीनता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया था। इन शहीदों के खून की एक-एक बूंद और साहस हमारे संकल्पों को मजबूत करता है।

 

प्रधानमंत्री मोदी कल जाएंगे असम और बंगाल, देश को सौपेंगे दो अहम प्रोजेक्ट  

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पश्चिम बंगाल के हल्दिया जाएंगे। यह जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी। प्रधानमंत्री ने लिखा, “हल्दिया में एक प्रोग्राम है, जहां भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा निर्मित एलपीजी टर्मिनल को देश को सौंपा जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट के दोबी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइपलाइन को भी देश को समर्पित किया जाएगा।

बता दें कि पीएम मोदी 16 दिन में दूसरी बार असम और पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी 7 फरवरी को असम और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। सुबह 11:45 बजे असम में प्रधानमंत्री दो अस्पतालों की आधारशिला रखेंगे और असम में सोनितपुर जिले के धेकियाजुली में ‘असम माला’ की शुरुआत करेंगे जो कि राज्य हाईवे और प्रमुख जिलों के लिए सड़कों से जुड़ी एक योजना है।

आपदा क्षति के लिए यूपी समेत इन 5 राज्यों को केंद्र सरकार ने दी 1,751 करोड़ रुपये की मदद

नई दिल्ली।  केंद्र सरकार ने दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन 2020 के दौरान अतिवृष्टि व बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए पांच राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश) को 1751 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त सहायता मंजूर की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने यह सहायता राशि मंजूर की है।

गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार असम को सर्वाधिक 437.15 करोड़, अरुणाचल प्रदेश को 75.86 करोड़,  ओडिशा को 320.94 करोड़, तेलंगाना को 245,96 करोड़ और यूपी को 386.06 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद मुहैया कराई गई है।

बता दें कि सभी पांच राज्यों में केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्य सरकारों से ज्ञापन मिलने का इंतजार किए बिना आपदाओं के तुरंत बाद अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल तैनात कर दिए थे।

इसके अलावा  वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक केंद्र सरकार एसडीआरएफ से 28 राज्यों को 19,036.43 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ से 11 राज्यों को 4,409.71 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है।

 

 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, केवल भाजपा ही कर सकती है असम की सबसे बड़ी समस्या का समाधान

असम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज ऐतिहासिक बोडोलैंड टेरीटोरियल रीजन समझौते की पहली वर्षगांठ के मौके पर कोकराझार पहुंचकर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में बीटीआर क्षेत्र के समझौते को आज एक साल पूरा हुआ है और शांति के एक नए युग की शुरूआत हुई है। बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए।

गृह मंत्री ने कहा कि बोडो भाषा को सम्मान देने का हमने वादा किया था। असम सरकार ने राज्य की सह-राजभाषा का दर्जा बोडो भाषा को देकर वर्षों पुरानी मांग पूरी कर दी है। बोडो माध्यम के स्कूल खोलने के लिए अलग निदेशालय स्थापित कर दिया गया है। बोडो जनजाति के हर अधिकार को, संस्कृति को, बोडो भाषा को हम सुरक्षित भी रखेंगे, इसका संवर्धन भी करेंगे और इसे आगे भी बढ़ाएंगे।

भ्रष्टाचार मुक्त, घुसपैठिये मुक्त, आतंकवाद से मुक्त और प्रदूषण से मुक्त असम अगर बनाना है तो मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ही बना सकती है। आने वाले चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ असम में एनडीए की सरकार बनाइए और बोडो लैंड के विकास को सुनिश्चित करिए। असम की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ का समाधान केवल भाजपा कर सकती है। हमने असम को गोलियों और विरोध से मुक्त कराया है। भाजपा को पांच साल और दीजिए हम असम को बाढ़ मुक्त भी बना देंगे।

कांग्रेस पार्टी वर्षों तक असम को रक्त रंजित करती रही। अलग-अलग आंदोलन कराती रही। पिछले 5 साल में असम में जो विकास हुआ है, वो पिछले 70 साल में नहीं हुआ।

 

 

असम के शिवसागर में पीएम मोदी ने कहा- आपका ये प्रेम और स्नेह मुझे बार-बार असम ले आता है

असम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने शिवसागर में असम के एक लाख से अधिक मूल निवासियों को जमीन के पट्टे आवंटित किए। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, असम के लोगों का ये आशीर्वाद, आपकी ये आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। आपका ये प्रेम और स्नेह मुझे बार बार असम ले आता है।
असम के शिवसागर में प्रधानमंत्री मोदी ने 1 लाख 6 हजार असम के भूमिहीन लोगों को जमीनों का पट्टा दिया। इस मौके पर पीएम ने वहां एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि धरती हमारी माता के समान हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने भूमिहीनों को जमीन देने में कोई रूचि नहीं दिखाई थी। लेकिन इस सरकार में लोगों को जमीन के पट्टे दिए गए अब तक एक लाख परिवार इसमें और जुड़े हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के लोगों का ये आशीर्वाद, आपकी ये आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। आपका ये प्रेम और स्नेह मुझे बार बार असम ले आता है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि असम में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय भी यहां करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार जिनके पास ज़मीन के कानूनी कागज़ नहीं थे, लेकिन सर्वानंद सोनोवाल जी के नेतृत्व में यहां की सरकार ने आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया। आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब घर-परिवार में भी सुविधाएं मिलती हैं और बाहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरता है। बीते सालों में इन दोनों मोर्चों पर असम में अभूतपूर्व काम किया गया है। 5 साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी, जो अब करीब 100% तक पहुंच चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।
ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए।

तेजपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों को पीएम मोदी ने याद दिलाया आत्मनिर्भर भारत का संकल्प

असम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज 1200 से ज्यादा छात्रों के लिए जीवनभर याद रहने वाला क्षण है। आज से आपके करियर के साथ तेजपुर यूनिवर्सिटी का नाम हमेशा के लिए जुड़ गया है।

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने हमें इसका पाठ पढ़ाया है। महामारी की शुरुआत में लोग आशंकित थे कि क्या होगा, लेकिन देश ने लचीलापन दिखाया और  हमने सक्रिय निर्णय लिया। हमने कोविड के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन निकालकर इसका हल निकाला है। पीएम ने कहा, हमारे टीके हमारे वैज्ञानिकों पर विश्वास का जीता जागता उदाहरण हैं। पीएम ने कहा कि हम डिजिटल समावेश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले देशों में एक हैं। पीएम ने बैंकिंग समावेश पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम की ऑस्ट्रेलिया पर जीत की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच सकारात्मक परिणामों की ओर ले जाती है और यही आत्मनिर्भर भारत का मूल है। टीम इंडिया की ऐतिहासिक टेस्ट क्रिकेट जीत से प्रेरणा लेने के लिए देश के युवाओं से आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत भले ही कम अनुभवी हो फिर भी हमें चुनौतियों का सामना करना चाहिए, जैसा कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के गाबा में भारतीय क्रिकेट टीम ने करके दिखाया है।

 

 

 

 

23 जनवरी को असम और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे पीएम मोदी, पराक्रम दिवस समारोह को करेंगे संबोधित

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (23 जनवरी) को असम और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। वे कोलकाता में विक्‍टोरिया मेमोरियल में आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्‍य में  पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित करेंगे।

बता दें कि नेताजी के अतुल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा का सम्मान करने और उसका स्मरण करने और विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने के लिए सरकार ने हर वर्ष 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।  इसके अलावा पश्चिम बंगाल के दौरे से पहले इसी दिन सुबह पीएम मोदी असम के शिवसागर जाएंगे। प्रधानमंत्री शिवसागर के असम में 1.06 लाख भूमि पट्टों आवंटन प्रमाण पत्रों का वितरण करेंगे।

जानिए, केरल समेत किन-किन राज्यों मे आज से खुले स्कूल

नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन देश के कई राज्यों में महीनों से बंद पड़े स्कूलों को खोल दिया गया। केरल, कर्नाटक और असम में स्कूल आज से खोल दिए गए। स्कूल में कोरोना से बचाव संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण मार्च से ही स्कूल बंद थे।

केरल में आज यानी एक जनवरी से स्कूलों को खोल दिया गया है। कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षाएं निर्धारित छात्रों के साथ सीमित घंटों में चलाई जाएंगी। एक टीचर ने बताया, ‘इतने लंबे समय बाद छात्रों को देखकर खुशी हो रही है। क्लास में 10 छात्रों को ही आने की अनुमति है।

असम में सभी स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थान 1 जनवरी से दोबारा शुरू हो गए हैं। असम में प्राथमिक स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटी स्तर के संस्थान खोल दिए गए हैं। बता दें कि असम में सितंबर महीने से चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जा रहे हैं।

सांसद बदरुद्दीन अजमल के 6 बाल गृहों की होगी जांच, अल-कायदा से कनेक्शन का शक

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR ने कहा है कि उसे असम और मणिपुर में छह बाल गृहों की ओर से धन का दुरुपयोग किए जाने की जानकारी मिली है। एक बाल गृह जो कि ‘मरकजुल मारिफ’ नाम की संस्था के तत्वाधान में चल रहा था, उसमें अंतरराष्ट्रीय एनजीओ से पैसे मिले हैं। इसको लेकर चल रही जांच आतंकवादी संगठन अल-कायदा से कथित संबंधों के संदर्भ में हो रही है।
आयोग ने बताया कि उसके निरीक्षण दल के अनुसार इन बाल गृहों में 778 बच्चे रह रहे हैं। इन बालगृहों की स्थापना लोकसभा सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने की थी। बता दें कि लोकसभा की वेबसाइट पर दिए गए उनके परिचय में जानकारी दी गई है कि, इन बाल गृहों में 1,010 बच्चे हैं। हालांकि इस मामले को लेकर अजमल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
 बाल आयोग ने कहा, ‘मरकजुल मारिफ की वेबसाइट पर कहा गया है कि इन बाल गृहों में 1080 बच्चे हैं। ऐसे में वेबसाइट पर उपलब्ध संख्या के मुकाबले निरीक्षण दल ने इन बाल गृहों द्वारा बताई गई संख्या में अंतर पाया है। इस अंतर की जांच करना और 300 बच्चों के बारे में स्थिति का पता करना जरूरी है।
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की से ताल्लुक रखने वाले इस एनजीओ के पदाधिकारियों से वहां के प्रशासन ने अलकायदा से इसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। मामले की रिपोर्ट आयोग ने असम और मणिपुर की सरकारों को सौंपी है।