नई दिल्ली। पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर सख्त चेतावनी देते हुए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान की तरफ से हम किसी तरह की आतंकी गतिविधि को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर पाकिस्तान ने ऐसा किया तो उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए समय और जगह दोनों हम चुनेंगे।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। हम भारत के भूभाग पर पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद की एक भी नापाक हरकत को बर्दाश्त नहीं कर सकते। यदि कुछ ऐसा हुआ तो इसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना ही पड़ेगा।
वहीं, नरवणे ने देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर कहा कि हम सिर्फ लद्दाख की सीमा पर नहीं बल्कि देश की सभी बॉर्डर एरिया पर अलर्ट हैं। हम हर जगह चौकस-चौकन्नें हैं। हमारी सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। चीन के साथ हमारी 8 दौर की बात हो चुकी है 9वें दौर की बात होगी और उम्मीद है कि उसमें बात बन सकती है। हमें हमेशा से ही सकारात्मक स्थिति की उम्मीद है। बातचीत से समाधान निकलने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। LAC पर तैनात चीन के हजारों सैनिक लद्दाख की ठंड नहीं झेल पा रहे हैं। चीन ने LAC पर डेप्थ इलाकों से अपने 10 हजार सैनिकों को हटा दिया है।
बता दें कि लद्दाख में इन दिनों तापमान लगातार शून्य से नीचे जा रहा है। ऐसे में चीनी सैनिकों के हौसले भी पस्त होते जा रहे हैं। वहीं, गिरते तापमान के चलते चीन ने बड़ा कदम उठाया है।
बता दें कि बेहद ठंड और कठिन हालात की वजह से पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल से चीन ने अपने 10 हजार जवानों को हटा लिए हैं। भारतीय सीमा के पास 200 किलोमीटर के दायरे से चीनी सैनिक हट गए हैं। सरकारी सूत्रों से मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक लद्दाख में भारतीय सीमा के पास पारंपरिक तौर पर जहां चीनी सैनिक ट्रेनिंग करते थे, वो जगह फिलहाल खाली नजर आ रही है।
लद्दाख। लद्दाख में चीनी सेना ने एक बार फिर भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने त्सो झील के पास से एक चीनी सैनिक को हिरासत में ले लिया है। ये चीनी सैनिक भारत की सीमा में घूम रहा था। पकड़े गए चीनी सैनिक से भारतीय सेना के अधिकारी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी का एक सैनिक 8 जनवरी को LAC को लांघकर लद्दाख की भारतीय सीमा में पहुंच गया। जिसके बाद उसे वहां तैनात भारतीय सैनिकों ने पकड़ लिया। सैन्य सूत्रों का कहना है कि इस चीनी सैनिक की गिरफ्तारी पैंगोंग झील के दक्षिण एरिया से की गई है। चीनी सैनिक ने दावा किया कि वह रास्ता भटक कर भारत की सीमा में प्रवेश कर गया था।
आपको बता दें कि पिछले साल मई के महीने से लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने खड़ी हैं। सेना के सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक को पहले से निर्धारित निर्धारित प्रक्रियाओं और परिस्थितियों के अनुसार डील किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि Rezang La के पास से गिरफ्तार किए गए PLA के सैनिक के बारे में चीनी सेना को सूचित कर दिया गया है। दोनों सेनाएं इस सैनिक को लेकर आपस में बात कर रही हैं।
उत्तराखंड। राज्य की बड़ी परियोजनाओं में अब चीन की कंपनियां हिस्सा नहीं ले पाएंगी। चीनी कंपनियों को रोकने के लिए त्रिवेंद्र रावत सरकार ने नियमों अब बड़ा बदवाल कर दिया है।
अब उत्तराखंड की परियोजनाओं के लिए होने वाले ग्लोबल टेंडर में चीन सहित पड़ोसी देशों की कपंनियां भाग नहीं ले पाएंगी। त्रिवेंद्र रावत सरकार ने नियमावली में परिवर्तन कर दिया है। भारत और चीन के बीच लद्दाख के एलएसी पर गतिरोध और तनाव जारी है। इस गतिरोध के बाद केंद्र सरकार ने विदेशी कंपिनयों के लिए देश में निवेश के संदर्भ में नियमों में बदलाव किया था।
उसी के अनुरूप त्रिवेंद्र रावत सरकार ने भी नियमों में बदलाव का निर्णय लिया है। वित्त सचिव सौजन्या की ओर से जारी आदेश के अनुसार 2017 की खरीद नियमावली में बदलाव कर दिया है, जिससे अब राज्य की परियोजनाओं में पड़ोसी देशों की कंपनियों के शामिल होने पर रोक लग गई है।
इतना ही नहीं सरकारी विभागों में अब मेड इन चाइना सामान की आपूर्ति भी नहीं हो पाएगी। टेंडर में प्रतिभाग करने वाली कंपनियों को इस संदर्भ में सार्टिफिकेट देना होगा कि उनका चीन या अन्य पड़ोसी देश में रजिस्ट्रेशन नहीं है। इसके साथ ही राज्य के सरकारी विभागों में होने वाली खरीद के दौरान कंपनियों या फर्म को यह भी सार्टिफिकेट देना होगा कि उनका प्रोडक्ट मेड या असेम्बल्ड इन चाइना नहीं है।
नई दिल्ली। चीन के कोरोना वायरस पर पोल खुलने का डर सता रहा है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति के जांच करने वुहान शहर जा रही विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को चीन ने परमिशन देने से मना कर दिया। टीम वुहान शहर में इस वायरस के उत्पत्ति की जाँच करने के लिए निकली थी, लेकिन अब तक इन लोगों को चीन आने की परमिशन नहीं मिल पाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रिएसस ने चीन के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की है।
“Today we learned that Chinese officials have not yet finalised the necessary permissions for the team’s arrival in #China. I am very disappointed with this news given that two members had already begun their journeys & others were not able to travel at the last minute”-@DrTedros
नई दिल्ली। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना लगातार सीमा पर खुद को सशक्त कर रही है। अब खबर आई है कि भारतीय सेना गलवान घाटी में चीन के नापाक इरादों को नाकाम करने के बाद LAC और आसपास के क्षेत्र में लगातार बढ़त बना रही है।
अब भारतीय सेना पैंगोंग झील में भी चीनी PLA पर पहले से ज्यादा मजबूत होने जा रही है। दरअसल पैंगोंग झील ही नहीं बल्कि अन्य बड़े जलाशयों की निगरानी करने के लिए इंडियन आर्मी ने 12 अत्याधुनिक बोट की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है।इस खरीद को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पूर्वी लद्दाख में मई की शुरुआत से भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है।
ये बोट गोवा शिपयार्ड लिमिटेड तैयार करके भारतीय सेना को देगा। इन नौकाओं में सुरक्षा बलों की जरूरत के अनुरूप विशेष उपकरण लगाए जाएंगे। भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा है कि मई 2021 से इन नौकाओं की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
बड़े जलाशयों में इन नौकाओं का इस्तेमाल गश्त करने और निगरानी रखने के लिए किया जाएगा। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि उसने अत्याधुनिक गश्ती नौकाओं के लिए गुरुवार को भारतीय सेना के साथ करार किया गया है।
नई दिल्ली। चीन के साथ विवादस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बयान दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री लेवल और कूटनीतिक लेवल पर भी बातचीत चल रही थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई है। दोनों देशों के बातचीत अगले राउंड की होगी, बातचीत से सकरात्मक परिणाम निकले, यही हमारी अपेक्षा है।
बता दें कि बुधवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिक कम नहीं किए जाएंगे। चीन भी इस और बढ़ता नहीं दिख रहा है। चीन सीमा पर 50 साल बाद गोली चलने की बात पर सिंह ने कहा, “भारत शांति का पुजारी रहा है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई देश विस्तारवादी है, तो भारत की भूमि की जमीन पर कब्जे की कोशिश करता है तो भारत के अंदर वह ताकत है कि किसी भी सूरत में अपनी जमीन को दूसरे देश के हाथ में नहीं जाने देगा। चाहे कोई भी देश हो।
#WATCH India has a sharp focus. ‘Jo hume chedega hum usse chhorenge nahi’. We want to maintain peaceful relations with all nations: Defence Minister Rajnath Singh to ANI, on being asked if this year’s incident at the border was a result of possible collusion between China-Pak pic.twitter.com/AxcPSKxEfs
नई दिल्ली। नेपाल को चीन का साथ भारी पड़ता जा रहा है। नेपाल के राजनीतिक संकट को सुलझाने के नाम पर चीन द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप से काठमांडू में चीन विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर चीन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों के हाथों मे चीन के खिलाफ बैनर और पोस्टर भी थे। इन पोस्टरों में चीनी हस्तक्षेप बंद करने के साथ ही चीन द्वारा कब्जा की गई जमीन वापस लौटाने की मांग भी की गई।
बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के खास दूत गूओ येझोउ काडमांडू में हैं। वह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों विरोधी गुट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के बीच सुलह करवाने का प्रयास करेंगे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शीर्ष दल रविवार को काठमांडू पहुंच चुका है। इसका मकसद प्रचंड और ओली के बीच सुलह कराकर किसी भी कीमत पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में फूट को रोकना है। नेपाल के एक निजी अखबार से मिली जानकारी की मानें तो सत्तारूढ़ एनसीपी से जुड़े लोगों ने चीन के प्रतिनिधिमंडल के आने की पुष्टि की है।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने एक चीनी कंपनी और उसके भारतीय साझीदार के कंसोर्टियम को 44 वंदे भारत ट्रेन सेट निर्माण के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। इस सिलसिले में चीनी कंपनी और उसके भारतीय साझीदार की बोली खारिज कर दी गई है। यह परियोजना लगभग 1,800 करोड़ रुपये की है।
अब केवल दो घरेलू कंपनियां भेल और मेधा सर्वो ड्राइव्स की बोलियां मान्य हैं। सूत्रों का कहना है कि मेधा को पहले ऐसी दो ट्रेन सेट के निर्माण का ठेका मिला था, क्योंकि उसने सबसे कम बोली लगाई थी।
बता दें कि वन्दे भारत के 44 ट्रेन सेटों को बनाने के लिए पिछले साल भी रेलवे ने टेंडर जारी किया था, लेकिन तब चीन की कंपनी ने टेंडर के नियमों के अनुसार अपने को ढालते हुए एक नई कंपनी बना कर टेंडर किया था, जिसके चलते रेलवे ने वो टेंडर ही कैंसल कर दिया था। नए सिरे से निकाले गए टेंडर में चीन ने एक बार फिर एक भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर कोशिश की थी, लेकिन इस बार फिर रेलवे ने अपने इस मेगा प्रोजेक्ट से चीन को दूर कर दिया ।
नई दिल्ली। ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत अब बड़ा प्लान बना रहा है। भारत चीन के दुश्मन देश के साथ युद्धाभ्यास करने की तैयारी कर रहा है। भारत चीन को सख्त संदेश देने के लिए इस प्लान पर आगे बढ़ रहा है।
चीन को सबक सिखाने और उसे बड़ा मैसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है। यह युद्धाभ्यास 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर में वियतनामी नौसेना के साथ ‘संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास’ होगा।
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने यह जानकरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धाभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है। नौसेना के अफसरों का कहना है कि इंडियन नेवी का पोत ‘आईएनएस किल्टन’ मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर गया है। लौटते समय यह इस अभ्यास में शामिल होगा।
बता दें कि सोमवार को पीएम मोदी और वियतनामी समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था।