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किसानों के समर्थन में राहुल गांधी ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, खुद ट्रैक्टर चलाकर साधा केंद्र पर निशाना

नई दिल्ली। कांग्रेस लगातार बीजेपी पर कृषि कानूनों को लेकर हमलावर है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी कानून वापस ना लेने पर अड़ी हुई है। इन सभी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे जहां उन्होंने ट्रैक्टर रैली में शामिल होकर खुद ट्रैक्टर चलाया। इस मौके पर उन्होंने लोगों से कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए ‘मजबूर’ करें।

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भारत सरकार की सख्त चेतावनी के बाद Twitter ने उठाया बड़ा कदम, 500 से अधिक अकाउंट्स पर एक्शन

नई दिल्ली। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्‍टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर भारत की छवि लगातार खराब करने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर आरोप हैं कि उनके मंच का इस्तेमाल किसानों को भड़काने के लिए किया जा रहा है। जिसको देखते हुए भारत सरकार सोशल मीडिया पर ऐसे ट्विटर हैंडल पर पैनी नजर रखे हुए।

गौरतलब है कि किसान ट्रैक्‍टर रैली के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सरकार ने ट्विटर को खालिस्‍तान और पाकिस्‍तान की ओर से समर्थित भारत के खिलाफ चल रहे ट्विटर अकाउंट बंद करने कहा था। इस बीच केंद्र सरकार की सख्ती के बाद ट्विटर ने बड़ा कदम उठाया है।

दरअसल केंद्र सरकार ने विवादित अकाउंट्स और हैशटेग को लेकर ट्विटर से कुछ सवाल पूछे थे, जिनके जवाब अब दिए गए हैं। ट्विटर के द्वारा बताया गया है कि उनकी ओर से आपत्तिजनक हैशटेग को हटाया गया है और उससे संबंधित कंटेंट को भी खत्म कर दिया गया है। ट्विटर ने कहा है कि हमारी ओर से करीब 500 से अधिक अकाउंट्स पर एक्शन लिया गया है, जिसकी जानकारी सरकार को भी दे दी गई।

ट्विटर ने भारत सरकार को भरोसा दिया है कि वो इस मुद्दे पर पैनी नजर बनाए हुए है, आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय की ओर से भेजी गई ऐसे अकाउंट्स की सूची की देखरेख कर रहा है और उन हैंडल्स से किए जा रहे है पोस्ट को एक जगह एकत्र कर रहा है।

सरकार और किसानों के बीच दो फरवरी को फिर होगी बातचीत, प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा मजबूत

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 67वें दिन में प्रवेश कर गया है। प्रशासन ने सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर भारी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। वहीं, गतिरोध को कम करने के लिए किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की बातचीत 2 फरवरी को तय है। दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 65वां दिन है। पिछले दिनों बने हालात के बाद विरोध स्थल पर किसानों के आने की संख्या बढ़ गई है, जिसको देखते हुए सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

किसान लगातार कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस दौरान सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की 11 बजे तक तीन सीमाओं और उनके आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एनएच-24 को बंद कर दिया है।

शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, संसद में विभिन्न दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था वो आज भी बरकरार है।

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं और तोमर ने इस महीने की शुरुआत में किसान नेताओं को इस बात से अवगत भी कराया था। इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बाद सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों का विरोध करते हुए तनाव बढ़ गया है। गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारियों ने पहले से तय मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के जवानों के साथ जमकर मारपीट की। इसके अलावा उन्होंने लाल किले में घुसकर धार्मिक झंडा भी लगाया।

 

किसान ट्रैक्टर रैली: सिंघु बॉर्डर के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने तोड़े पुलिस बैरिकेड्स

नई दिल्ली। देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के राजपथ के साथ-साथ आज हर किसी की निगाहें दिल्ली की सीमाओं पर भी टिकी हुई है। कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान आज दिल्ली की सीमाओं के आसपास ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। कड़ी सुरक्षा और तमाम व्यवस्थाओं को करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत दी है।

सिंघु बॉर्डर से किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू हो गया है। बार-बार दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही रूट के बारे में बताया जा रहा है। किसानों को राजीव गांधी ट्रांसपोर्ट पर रोक दिया गया है।

किसानों की ओर से निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड में जेसीबी भी शामिल हुई है। जेसीबी के अंदर बैठकर महिलाएं भी ट्रैक्टर परेड में शामिल हो रही हैं। जेसीबी से किसानो ने रास्ते चौड़े किए और बैरिकेड्स हटाए। संगीत की धुन और देशभक्ति के नारों के साथ किसानो के ट्रैक्टर आगे बढ़ रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया है।

सिंघु बॉर्डर से किसानों के एक जत्थे ने ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये सभी किसान किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब से जुड़े हुए हैं। अभी संयुक्त किसान मोर्चा का मार्च शुरू नहीं हुआ है।

सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिया है। किसानों की ओर से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की जा रही है।

किसानों की ट्रैक्टर रैली को मिली हरी झंडी, दिल्ली पुलिस ने इन शर्तों पर दी इजाजत

किसान दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर रैली करने को लेकर किसान अपनी मांग पर अड़े हुए है। साथ ही कई राज्यों से भी किसान रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली कूच कर रहे है। ऐसे में आज सिंघु बॉर्डर पर पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा है कि कई किसान गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाले ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया की किसान दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर जरूर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे ही, दिल्ली पुलिस इसके लिए अनुमति दे या नहीं तो वही दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की तरफ से किसानों को सेंट्रल दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकी दिल्ली पुलिस को किसानों द्वारा दिए जाने वाले रुट मैप दे दिया गया है। इसके बाद किसानों और पुलिस की फाइनल मीटिंग की जाएगी। किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए लिखित में रूट देना होगा। किसान गणतंत्र दिवस परेड के बाद ही अपनी ट्रैक्टर परेड निकाल सकेंगे।

https://youtu.be/uVL91Np7Mcc