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क्या सरकार नहीं चाहती किसानों की समस्याओं का समाधान हो? शो में क्यों भड़के किसान नेता?
किसान संगठनों और सरकार के बीच होने वाली 9वें दौर की वार्ता समाप्त हो चुकी है। हमेशा की तरह इस बार भी किसानों को खाली हाथ एक नई तारीख के साथ लौटना पड़ा है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि लगातार 9 बार बातचीत होने के बावजूद सरकार किसानों को लेकर अभी तक कोई भी समाधान पेश नहीं कर पाई है, तो क्या सरकार नहीं चाहती कि किसानों की समस्या का समाधान हो? देखिए इसी मुद्दे पर आर्या न्यूज की खास चर्चा गौरव राजेंद्र के साथ
https://youtu.be/J17jNyllE0w
किसान आंदोलनः सुप्रीम कोर्ट आदेश देगा तो नहीं निकलेगी ट्रैक्टर रैली- राकेश टिकैत
नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञानभवन में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 9वें दौर की वार्ता जारी है। किसान के तीनों कानूनों की वापसी के मांग पर किसान लगातार अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि 26 जनवरी को टैक्टर रैली निकालेंगे। इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट आदेश देता है तो किसान गणतंत्र दिवस पर इस रैली को वापस ले लेंगे और इसका आयोजन किसी और दिन किया जायेगा।
Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar reaches Vigyan Bhawan to hold talks with farmer leaders over farm laws. pic.twitter.com/i9nCffmyhO
— ANI (@ANI) January 15, 2021
टिकैत ने पहले कहा था कि किसान लाल किले से इंडिया गेट तक जुलूस निकालेंगे और गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्योति पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इस दौरान बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे। सरकार को तीन कानूनों को रद करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की योजना तैयार करने की जरूरत है। टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित समिति के बजाय सरकार के साथ बातचीत करना बेहतर है।
Delhi: The talks between farmer leaders and the government at Vigyan Bhawan temporarily halted for the lunch break. pic.twitter.com/f89neLy284
— ANI (@ANI) January 15, 2021
गौरतलब है कि किसान 26 नवंबर से ही दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। गतिरोध को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक आठ दौर की वार्ता हो चुकी है। आज नौवें दौर की वार्ता हो रही है। अभी तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। 8 जनवरी को, आठवें दौर की बैठक हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को सुनवाई के दौरान तीनों कानूनों को अगले आदेश तक लागू करने पर रोक लगा दी थी और गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय पैनल नियुक्त किया था। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने गुरुवार को शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति से खुद को अलग कर लिया था।
आज होगी सरकार और किसानों के बीच 9वीं बैठक, क्या आज खत्म होगा किसान आंदोलन?
दिल्ली को चारों तरफ से घेरे केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार किसान आंदोलन जारी है। बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज किसानों और सरकार के बीच दोपहर 2 बजे एक अहम बैठक होगी।
हालांकि अभी तक किसानों और सरकार के बीच कुल 8 बैठकें हो चुकी है, मगर मुद्दा यू का यू बना रहा कोई समाधान निकल कर नहीं आया। किसान और सरकार दोनों अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस मसले के हल होने की संभावना जताई जा रही है।
बताया जा रहा है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसानों ने कहा की वें कमिटी बनाए जाने के विरोध में है, और वें कमिटी की बैठकों का बहिष्कार करेंगे। किसान नेताओं का कहना है की उन्हें सरकार से बातचीत करने में कोई हर्ज नहीं है। मगर, अभी तक हुई 8 बैठकों के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला इस से किसानों का विश्वास खत्म हो रहा है की ये सरकार कभी किसी नतीजे पर पहुंचेगी भी या नहीं। इसके चलते किसानों ने ये भी कहा की ये बैठकें केवल खाना पूर्ती करने के लिए की जाती है, असल में इनका कोई फायदा नहीं है।
SC द्वारा नियुक्ति कमेटी से एक सदस्य ने खुद को किया अलग, ये है मुख्य कारण!
वहीं, कृषि सुधार कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के मेंबर और भाकियू के प्रधान भूपेंद्र सिंह मान ने कमेटी की सदस्यता छोड़ दी है। उन्होंने एक नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद किया कि उन्हें कमेटी में शामिल किया गया, जिसने किसानों और केंद्र सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर बातचीत करके रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी थी। वह केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति में उन्हें नामित करने के लिए आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन वह किसान हितों से कतई समझौता नहीं कर सकते। वह इस कमेटी से हट रहे हैं और हमेशा पंजाब व किसानों के साथ खड़े हैं।
https://youtu.be/Xv1ZfMUK3Ck
किसान और सरकार की नौवें दौर की कल होगी वार्ता, कमेटी से एक सदस्य ने खुद को किया अलग
नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि सरकार 15 जनवरी को खुलकर किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है। बता दें कि किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की दखलंदाजी के बाद इस बार किसानों की साथ होने वाली सरकार की ये वार्ता कई मायनों में खास होगी।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार की किसान नेताओं के साथ नौवें दौर की बातचीत शुक्रवार को होने वाली है और केंद्र सकारात्मक चर्चा को लेकर आशान्वित है। तोमर ने कहा कि सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच बातचीत 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे से होगी। किसान और सरकार के बीच यह नौवें दौर की वार्ता होगी। इसके पहले सरकार और किसान नेताओं के बीच आठ जनवरी को वार्ता हुई थी।
Govt ready to hold talks with farmers’ leaders, as scheduled on Jan 15, with open mind: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar
— Press Trust of India (@PTI_News) January 14, 2021
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हुई है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए एक कमेटी का गठन भी किया हुआ है, जो कि सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और इसके बाद यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी।
कमेटी से एक सदस्य ने खुद को किया अलग
वहीं, कृषि सुधार कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के मेंबर और भाकियू के प्रधान भूपेंद्र सिंह मान ने कमेटी की सदस्यता छोड़ दी है। उन्होंने एक नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद किया कि उन्हें कमेटी में शामिल किया गया, जिसने किसानों और केंद्र सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर बातचीत करके रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी थी। वह केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति में उन्हें नामित करने के लिए आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन वह किसान हितों से कतई समझौता नहीं कर सकते। वह इस कमेटी से हट रहे हैं और हमेशा पंजाब व किसानों के साथ खड़े हैं।
गौरतलब है कि हजारों किसान जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, कई हफ्तों से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सभी प्रदर्शनकारी किसान सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि इन नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली कमजोर हो जाएगी।
किसानों की बढ़ती संख्या से परेशान प्रशासन, गाजीपुर बॉर्डर पर बनाए गए ब्लॉक
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है। दिन प्रतिदिन किसानों की संख्या सीमाओं पर बढ़ती जा रही है। इस कड़ाके की ठंड में भी किसान सीमाओं पर डटे हुए हैं, और वहीं अपना खाना और रहना कर रहे है। देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी भीड़ जमा है। जमा हो रही भीड़ के चलते बॉर्डर को ब्लॉक में बांट दिया गया है, और जल्द टेंट नंबर भी दे दिए जाएंगे।
किसानों को टेंट नंबर देने के पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि सारी चीजें व्यवस्थित रहे और आने-जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इतना ही नहीं टेंट नंबर मिलने से यदि कोई किसानों से मिलने आता है, तो टेंट नंबर के जरिए लोग सीधा उनके पास पहुंच जाएंगे। पता ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी।
किसानों से बातचीत के दौरान किसानों ने कहा की चाहे कुछ हो जाए जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा, तब तक हम यहीं धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। इतना ही नहीं बता दें, अगर किसान अपनी मांगों पर अड़े है तो सरकार भी पीछे है। सरकार कानूनों को रद्द करने के लिए सहमत नहीं हो रही है। सरकार और किसानों के बीच सुप्रीम कोर्ट भी हस्तक्षेप कर चुका है, मगर मुद्दा अभी भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो किसोन आंदोलन के लंबे खिचने की उम्मीद जताई जा रही है।
बता दें, किसानों के समर्थन में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से लगातार लोग आ रहे हैं। किसान नेता राजेंद्र सिंह के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर पर हाल ही में आठ ब्लॉक बनाए गए हैं। जिनमें महिलाओं के लिए अलग ब्लॉक बनाए गए हैं। सभी ब्लॉक में बिस्तर, शौचालय, आदि की पूरी व्यवस्था की गई है।
किसान और सरकार के बीच 8वें दौर की वार्ताः बैठक पर जोरदार बहस
दिल्ली: विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता शुरू हुई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं। #farmslaws pic.twitter.com/Z8VyPKWoMe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2021
दिल्ली: किसान नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल विज्ञान भवन पहुंचे। pic.twitter.com/uk3Q10WtaD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2021
https://youtu.be/7Juc1g-bago
किसान आंदोलनः क्या 9वें दौर की बातचीत में सुलझेगा किसानों का मुद्दा? शो में हुई जमकर बहस-बाजी
सरकार और कृषि बिल के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार विशाल रूप लेता जा रहा है। कहीं ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है तो कहीं 26 जनवरी को निकाले जाने वाली ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल की जा रही है। जिसके लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करने का काम भी किया जा रहा है और आज की रैली के लिए महिलाओं का बड़ा जत्था भी ट्रैक्टर पर सवार होकर टिकरी बॉर्डर पहुंचा। वहीं रैली को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार 133 करोड़ लोगों की आवाज सुने बिना विभिन्न षड्यंत्रों को अपना रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत चल रही है और दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री कह रहे हैं कि देश के किसान संगठन कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। ये सरकार का दो तरफा रूप दर्शाता है, तो वहीं इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देने के लिए यह रैली निकाल रहे हैं। हम मई, 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं।
आज इसी मुद्दे पर खास चर्चा देखिए पल्लवी रविंद्र सिंह के साथ
https://youtu.be/-QAeQ_TZTKE