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दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन जारी, आज निकलेगी ट्रैक्टर रैली

केंद्र के कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है। कड़कड़ाती ठंड में भी किसान अपनी मांगों पर अडे हुए है और जरुरत पड़ने पर अगले 6 महीनों तक भी आंदोलन को खीच सकते है।

किसानों का कहना है की हम यहां अपने परिवारों के साथ अपनी मांगों को लेकर आए थे और यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएगी। अपने हौसले पर विश्वास रखते हुए किसान आंदोलन रोज अलग रुप धारण कर रहा है। पहले के मुताबिक सीमाओं पर किसानों की संख्या बढ़ गई है।

जैसा की सातवीं बैठक के दौरान किसानों ने ऐलान किया था की अगर आज बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल कर आया तो हम ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। उसी को देखते हुए आज किसान सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर सीमाओं से कुंडली-मानेसर-पलवल केएमपी एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। ट्रैक्टर पर सवार हो कर महिलाओं का बड़ा समूह टिकरी बॉर्डर पहुंचा।

इससे पहले पंजाब के कई शहरों में ट्रैक्टर रैली निकाली गई है। अब किसानों ने 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर रैली निकालने का एलान कर दिया है, जिसके चलते दिल्ली में सुरक्षा से जुडी परेशानी आ सकती है।

सरकार और किसानों के बीच कल आठवीं बैठक होने वाली है। किसानों को इस बैठक में भी कोई नतीजा निकलता नजर नहीं आ रहा है। किसानों का कहना है की सरकार हमारी मांगों को सुनने की बजाए कानूनों के फायदे गिनाने लग जाती है।

किसानों ने दी ट्रैक्टर रैली की चेतावनी, प्रशासन की हुई हालत टाईट तुरंत बढ़ाई सुरक्षा

पिछले 40 दिनों से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर जारी हैं। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच अब तक 7 बैठक हो चुकी है, मगर किसी भी बैठक में कोई निष्कर्ष निकल कर नहीं आया है। सरकार से किसान बिल्कुल संतुष्ट नहीं है, जिसके चलते किसानों ने 6 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की थी। जिसके बाद प्रशासन टेंशन में आ गया है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कोई ऊंच नीच ना हो जाए यह देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई है।

जैस-जैसे समय बढ़ रहा है वैसे-वैसे किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जो कि सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। किसान आंदोलन के चलते सीमाओं के घिर जाने से यातायात में लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हर कोई हालात के सामान्य होने का इंतजार कर रहा है ।

बता दें, किसानों द्वारा आयोजित की जाने वाली ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर ऐसे किसानों पर ध्यान दिया जा रहा है जिनके पास ट्रैक्टर हैं। इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल आंदोलन में न होने पाए इसका खास ख्याल रखा जा रहा है, और निगरानी की जा रही है। बताया जा रहा है की अगर जल्द किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान आंदोलन 26 जनवरी को अलग रुप धारण करेगा।

लगातार बारिश के कारण दिल्ली में बढ़ी ठंड, इस मौसम में भी किसानों के हौसले बुलंद

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की जंग लगातार जारी है। इस ठिठुरा देने वाली ठंड में भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है। किसानों का शुरू से कहना है की चाहे कोई भी चुनौती सामने क्यों न आ जाए हम अपनी जंग तभी खत्म करेंगे जब हमारी मांगे पूरी होंगी वरना हम सीमाओं से नहीं हटेंगें। बता दें 40 दिनों से किसान लगातार सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहें है, जिस बीच कई किसानों ने अपनी जाने गवां दी। सरकार और किसानों के बीच अभी तक सात बैठकें हो चुकी है मगर कोई समाधान निकल कर नहीं आ रहा है।

सरकार और किसानों के बीच आठवीं बैठक आठ जनवरी को बुलाई गई है, जिसमें नतीजा निकलेगा या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता। जिस तरह के हालात अभी तक चल रहें है सरकार कानूनों को रद्द करने के मूड में नजर नहीं आ रही है। किसानों का कहना है की अगर जल्द कानूनों पर कोई फैसला नहीं लिया गया तो 26 जनवरी को किसान आंदोलन अपनी चरम सीमा पर होगा। बता दें , किसानों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रहीं है अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगे चलकर हालात काफी खराब हो जाएंगे। 6 जनवरी को किसानों ने केएमपी पर मार्च और ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है।

कल सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक के दौरान किसान अपनी कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर अडे रहे। दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई, जिसके बाद किसानों ने विज्ञान भवन में भोजन भी किया।किसान नेता युद्धवीर सिंह का कहना है कि अगली बैठक की तारीख दे दी गई है। सरकार की मंशा समझ चुके हैं, लेकिन सरकार किसानों की भावनाएं शायद अब तक नहीं समझ सकी है।

आज होगी किसानों और सरकार के बीच अहम बैठक, क्या आज से खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन?

दिल्ली को चारो तरफ से घेरे हुए  किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। पिछले तीन दिनों से बारिश होने के कारण ठंड का पारा चढ़ता जा रहा है, मगर किसानों का हौसला टस से मस नहीं हो रहा है।  अपनी मांगो को लेकर किसान लगातार सीमाओं पर डटे हुए हैं।

आज सरकार और किसानों के बीच अहम बैठक होने जा रही हैं।  उम्मीद जताई जा रही है कि शायद इस बैठक में कोई समाधान निकल कर आ जाए, और फिर से दिल्ली अपनी तीव्र गति से आगे बढ़े।

बता दें सरकार कानून वापस लेने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं और न ही किसान अपनी मांगों  के पूरा हुए बीना लौटने को तैयार हैं। अब आज क्या फैसला निकल कर आता है इस पर भी रहस्य बना हुआ है।

किसान यूनियनो ने आज की होने वाली बैठक से पहले रविवार को किसान बैठक में आंदोलन को लेकर नई रणनीतियां बनाई, जिसमें यह तय किया गया की सरकार से केवल केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात पर ही चर्चा होगी। बता दें सरकार और किसानों की बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 11 बजे नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का  उद्घाटन करेंगे।