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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आज 2 वर्ष पूरे, PMMODI ने ट्वीट कर कही ये बात  

नई दिल्ली।  देश के किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को आज दो साल पूरा हो गया।  अब तक 11 करोड़ 64 लाख से ज्यादा किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। इस योजना के तहत देशभर में प्रति किसान परिवार को केंद्र सरकार की तरफ से सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं।

ऐसे में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के दो साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अन्नदाताओं के कल्याण को समर्पित इस योजना से करोड़ों किसान भाई-बहनों के जीवन में बदलाव आए हैं। पीएम मोदी ने इससे और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, पीएम किसान निधि की लॉन्चिंग को आज दो साल पूरे हो रहे हैं। अन्नदाताओं के कल्याण को समर्पित इस योजना से करोड़ों किसान भाई-बहनों के जीवन में जो बदलाव आए हैं, उससे हमें उनके लिए और अधिक काम करने की प्रेरणा मिली है।

बता दें कि इस योजना के तहत 6 हजार रुपये की यह रकम तीन किस्तों में किसान के बैंक खातों में सीधे पहुंचाई जाती है। छोटे किसानों के लिए यह योजना अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई है। बुवाई से ठीक पहले नकदी संकट से जूझने वाले किसानों को इस योजना के तहत नकदी मिलने से बीज और खाद की उपलब्धता में सहूलियत मिल रही है।

 

 

6 फरवरी को रोड ब्लॉक करने का किसानों ने किया ऐलान, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली:  26 जनवरी की घटना के बाद देश में सनसनी फैली हुई है, जिसके चलते दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है। दिल्ली की सीमाओं पर भारी सुरक्षा बल तैनात है, किसी भी तरह की अनहोनी से बचने की पूरी तैयारियां की जा रही है।

बता दें, लगभग 70 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। एक बार फिर किसानों ने ऐलान किया है की यदि सरकार इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो 6 फरवरी को रोड़ ब्लोक कर भारत बंद किया जाएगा।

बताया जा रहा है की सोमवार को किसानों के संयुक्त मोर्चे की बैठक में सहमति बनने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल  ने 6 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है।

बता दें, रविवार को किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने भारत बंद करने के संकेत दिए थे। पन्नू ने कहा था कि सोमवार को मीटिंग में सहमति बनने के बाद तारीख का ऐलान कर दिया। 6 फरवरी को 12 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक किसान रोड़ ब्लोक कर प्रदर्शन करेंगे।

सरकार और किसानों के बीच दो फरवरी को फिर होगी बातचीत, प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा मजबूत

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 67वें दिन में प्रवेश कर गया है। प्रशासन ने सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर भारी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। वहीं, गतिरोध को कम करने के लिए किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की बातचीत 2 फरवरी को तय है। दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 65वां दिन है। पिछले दिनों बने हालात के बाद विरोध स्थल पर किसानों के आने की संख्या बढ़ गई है, जिसको देखते हुए सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

किसान लगातार कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस दौरान सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की 11 बजे तक तीन सीमाओं और उनके आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एनएच-24 को बंद कर दिया है।

शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, संसद में विभिन्न दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था वो आज भी बरकरार है।

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं और तोमर ने इस महीने की शुरुआत में किसान नेताओं को इस बात से अवगत भी कराया था। इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बाद सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों का विरोध करते हुए तनाव बढ़ गया है। गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारियों ने पहले से तय मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के जवानों के साथ जमकर मारपीट की। इसके अलावा उन्होंने लाल किले में घुसकर धार्मिक झंडा भी लगाया।

 

गाजीपुर बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसान, NH-24 की दोनों सड़कें बंद

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग लेकर 2 महीने से भी अधिक दिन से चल रहा धरना प्रदर्शन शनिवार को 66वें दिन में प्रवेश कर गया है। गणतंत्र दिवस पर राजधानी में मचे उपद्रव और शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुए बवाल के बाद प्रदर्शनकारियों में अब डर का माहौल है। पुलिस की ओर से तीन तरफ से घेर लिए जाने के बाद अब हालात ऐसे बन गए हैं कि प्रदर्शनकारी यहां से भागने लगे हैं। शुक्रवार शाम को काफी लोग नरेला के रास्ते जाते हुए दिखे। सामान लादकर दो ट्रक उन्होंने नरेला की ओर खड़े कर दिए हैं। यह सब शुक्रवार को पुलिस पर किए गए हमले के बाद का माहौल है।

इस बीच पंजाब और हरियाणा से सिंधु बॉर्डर पर आ रहे किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ा निर्णल लिया है। इसके तहत दिल्ली की सीमा में प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर भी सड़क खोदी जा रही है। इसके लिए जेसीबी की मदद ली गई है।

बताया जा रहा है कि अगले कुछ घंटों के दौरान सड़क पर गड्ढा कर दिया जाएगा, जिसके बाद प्रदर्शनकारी अपने वाहनों के जरिये यहां पर नहीं  आ सकेंगे। वहीं, गांव वालों को प्रदर्शन स्थल की ओर जाने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर से 2 किलोमीटर पहले भारी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान मौजूद हैं।

शनिवार दोपहर में हालात के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद और गाजीपुर के बीच नेशनल हाई-वे के दोनों ओर का रास्ता बंद कर दिया  है। यह जानकारी दिल्ली यातायात विभाग ने दी है।

राहुल का एक और विवादित बयान, कहा- ‘अगर कृषि कानून समझ गए किसान तो देश में लग जायेगी आग’

नई दिल्ली। किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं, हलांकि कुछ दलों ने किसान आंदोलन से अपना समर्थन वापस कर आंदोलन से अलग हो गए हैं।

वहीं अब अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए एक और विवादित बयान दे डाला है। राहुल ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसानों को कृषि कानून पूरा समझ आ जायेगा तो पूरे देश में आग लग जायेगी। बता दें कि राहुल गांधी ने ये बात वायनाड में एक जनसभा का संबोधित करने के दौरान कही।

https://youtu.be/NzcX6NH05sY

खत्म होते-होते रही गया किसान आन्दोलन,किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जयंत चौधरी

दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर हलचल तेज हो गई है।  तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर कई घंटे तक हाई-वोल्टेज ड्रामा चला।

यूपी सरकार ने आंदोलन खत्म कराने का आदेश दिया, मगर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत प्रदर्शन जारी रखने पर अड़े हैं। टिकैत के आंसू देख किसानों की भीड़ अब गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ने लगी है। इधर, शुक्रवार सुबह रालोद नेता जयंत चौधरी किसानों के समर्थन में यूपी गेट पहुंचे हैं, जहां राकेश टिकैत भी उनके साथ हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि वह भारत सरकार से बात करेंगे और इस प्रदर्शन स्थल से नहीं हटेंगे। आज मुजफ्फरनगर में सुबह पंचायत भी बुलाई गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से देर रात में किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू किया।

किसने मारी गोली? किसान की मौत पर दिल्ली पुलिस को फंसाने की साजिश!

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे प्रदर्शनकारी किसान हिंसक हो गए थे।सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल हुए किसान लाल किले में घुस गए। देर रात दिल्ली पुलिस ने पूरे लाल किला को खारी करा दिया है और वहां सुरक्षा भी बढ़ा दी गई।

आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुईं, स्थिति को काबू करने के लिए सरकार की ओर से अगले आदेश तक बॉर्डर के इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं कई मेट्रो स्टेशनों के गेट के साथ ही कई रास्ते भी बंद कर दिए गए थे। इस दौरान एक किसान की मौत होने की भी खबर है। मृतक किसान नवनीत सिंह उत्तराखंड का रहने वाला था। किसानों ने पुलिस पर नवनीत को गोली मारने का आरोप लगाया है।

किसान ट्रैक्टर रैली: सिंघु बॉर्डर के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने तोड़े पुलिस बैरिकेड्स

नई दिल्ली। देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के राजपथ के साथ-साथ आज हर किसी की निगाहें दिल्ली की सीमाओं पर भी टिकी हुई है। कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान आज दिल्ली की सीमाओं के आसपास ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। कड़ी सुरक्षा और तमाम व्यवस्थाओं को करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत दी है।

सिंघु बॉर्डर से किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू हो गया है। बार-बार दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही रूट के बारे में बताया जा रहा है। किसानों को राजीव गांधी ट्रांसपोर्ट पर रोक दिया गया है।

किसानों की ओर से निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड में जेसीबी भी शामिल हुई है। जेसीबी के अंदर बैठकर महिलाएं भी ट्रैक्टर परेड में शामिल हो रही हैं। जेसीबी से किसानो ने रास्ते चौड़े किए और बैरिकेड्स हटाए। संगीत की धुन और देशभक्ति के नारों के साथ किसानो के ट्रैक्टर आगे बढ़ रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया है।

सिंघु बॉर्डर से किसानों के एक जत्थे ने ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये सभी किसान किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब से जुड़े हुए हैं। अभी संयुक्त किसान मोर्चा का मार्च शुरू नहीं हुआ है।

सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिया है। किसानों की ओर से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की जा रही है।

किसानों की ट्रैक्टर रैली को मिली हरी झंडी, दिल्ली पुलिस ने इन शर्तों पर दी इजाजत

किसान दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर रैली करने को लेकर किसान अपनी मांग पर अड़े हुए है। साथ ही कई राज्यों से भी किसान रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली कूच कर रहे है। ऐसे में आज सिंघु बॉर्डर पर पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा है कि कई किसान गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाले ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया की किसान दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर जरूर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे ही, दिल्ली पुलिस इसके लिए अनुमति दे या नहीं तो वही दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की तरफ से किसानों को सेंट्रल दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकी दिल्ली पुलिस को किसानों द्वारा दिए जाने वाले रुट मैप दे दिया गया है। इसके बाद किसानों और पुलिस की फाइनल मीटिंग की जाएगी। किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए लिखित में रूट देना होगा। किसान गणतंत्र दिवस परेड के बाद ही अपनी ट्रैक्टर परेड निकाल सकेंगे।

https://youtu.be/uVL91Np7Mcc