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किसानों की बढ़ती संख्या से परेशान प्रशासन, गाजीपुर बॉर्डर पर बनाए गए ब्लॉक

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है। दिन प्रतिदिन किसानों की संख्या सीमाओं पर बढ़ती जा रही है। इस कड़ाके की ठंड में भी किसान सीमाओं पर डटे हुए हैं, और वहीं अपना खाना और रहना कर रहे है। देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी भीड़ जमा है। जमा हो रही भीड़ के चलते बॉर्डर को ब्लॉक में बांट दिया गया है, और जल्द टेंट नंबर भी दे दिए जाएंगे।

किसानों को टेंट नंबर देने के पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि सारी चीजें व्यवस्थित रहे और आने-जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इतना ही नहीं टेंट नंबर मिलने से यदि कोई किसानों से मिलने आता है, तो टेंट नंबर के जरिए लोग सीधा उनके पास पहुंच जाएंगे। पता ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी।

किसानों से बातचीत के दौरान किसानों ने कहा की चाहे कुछ हो जाए जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा, तब तक हम यहीं धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। इतना ही नहीं बता दें, अगर किसान अपनी मांगों पर अड़े है तो सरकार भी पीछे है। सरकार कानूनों को रद्द करने के लिए सहमत नहीं हो रही है। सरकार और किसानों के बीच सुप्रीम कोर्ट भी हस्तक्षेप कर चुका है, मगर मुद्दा अभी भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो किसोन आंदोलन के लंबे खिचने की उम्मीद जताई जा रही है।

बता दें, किसानों के समर्थन में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से लगातार लोग आ रहे हैं। किसान नेता राजेंद्र सिंह के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर पर हाल ही में आठ ब्लॉक बनाए गए हैं। जिनमें महिलाओं के लिए अलग ब्लॉक बनाए गए हैं। सभी ब्लॉक में बिस्तर, शौचालय, आदि की पूरी व्यवस्था की गई है।

Kangana Ranaut: पंजाब की इस महिला ने दर्ज कराया कंगना के खिलाफ मानहानि का केस

मुंबई। अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बनी रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर से मुसीबतों से घिरी नजर आ रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान एक बुजुर्ग महिला पर बयान देना कंगना के लिए भारी पड़ गया है। आंदोलन में शामिल पंजाब की महिला महिंदर कौर ने अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

बता दें कि महिंदर कौर वही महिला हैं जिन्हों कंगना ने ट्वीटर पर “शाहीन बाग की दादी” बिलकिस बानो बता दिया था। इसी को लेकर महिंदर कौर कंगना पर मानहानी का मुकदमा दर्ज कराया है।

https://youtu.be/qsco4lWN_14

किसान आंदोलनः क्या 9वें दौर की बातचीत में सुलझेगा किसानों का मुद्दा? शो में हुई जमकर बहस-बाजी

सरकार और कृषि बिल के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार विशाल रूप लेता जा रहा है। कहीं ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है तो कहीं 26 जनवरी को निकाले जाने वाली ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल की जा रही है। जिसके लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करने का काम भी किया जा रहा है और आज की रैली के लिए महिलाओं का बड़ा जत्था भी ट्रैक्टर पर सवार होकर टिकरी बॉर्डर पहुंचा। वहीं रैली को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार 133 करोड़ लोगों की आवाज सुने बिना विभिन्न षड्यंत्रों को अपना रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत चल रही है और दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री कह रहे हैं कि देश के किसान संगठन कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। ये सरकार का दो तरफा रूप दर्शाता है, तो वहीं इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देने के लिए यह रैली निकाल रहे हैं। हम मई, 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं।

आज इसी मुद्दे पर खास चर्चा देखिए पल्लवी रविंद्र सिंह के साथ

https://youtu.be/-QAeQ_TZTKE

किसानों ने दी ट्रैक्टर रैली की चेतावनी, प्रशासन की हुई हालत टाईट तुरंत बढ़ाई सुरक्षा

पिछले 40 दिनों से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर जारी हैं। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच अब तक 7 बैठक हो चुकी है, मगर किसी भी बैठक में कोई निष्कर्ष निकल कर नहीं आया है। सरकार से किसान बिल्कुल संतुष्ट नहीं है, जिसके चलते किसानों ने 6 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की थी। जिसके बाद प्रशासन टेंशन में आ गया है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कोई ऊंच नीच ना हो जाए यह देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई है।

जैस-जैसे समय बढ़ रहा है वैसे-वैसे किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जो कि सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। किसान आंदोलन के चलते सीमाओं के घिर जाने से यातायात में लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हर कोई हालात के सामान्य होने का इंतजार कर रहा है ।

बता दें, किसानों द्वारा आयोजित की जाने वाली ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर ऐसे किसानों पर ध्यान दिया जा रहा है जिनके पास ट्रैक्टर हैं। इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल आंदोलन में न होने पाए इसका खास ख्याल रखा जा रहा है, और निगरानी की जा रही है। बताया जा रहा है की अगर जल्द किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान आंदोलन 26 जनवरी को अलग रुप धारण करेगा।

आज होगी किसानों और सरकार के बीच अहम बैठक, क्या आज से खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन?

दिल्ली को चारो तरफ से घेरे हुए  किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। पिछले तीन दिनों से बारिश होने के कारण ठंड का पारा चढ़ता जा रहा है, मगर किसानों का हौसला टस से मस नहीं हो रहा है।  अपनी मांगो को लेकर किसान लगातार सीमाओं पर डटे हुए हैं।

आज सरकार और किसानों के बीच अहम बैठक होने जा रही हैं।  उम्मीद जताई जा रही है कि शायद इस बैठक में कोई समाधान निकल कर आ जाए, और फिर से दिल्ली अपनी तीव्र गति से आगे बढ़े।

बता दें सरकार कानून वापस लेने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं और न ही किसान अपनी मांगों  के पूरा हुए बीना लौटने को तैयार हैं। अब आज क्या फैसला निकल कर आता है इस पर भी रहस्य बना हुआ है।

किसान यूनियनो ने आज की होने वाली बैठक से पहले रविवार को किसान बैठक में आंदोलन को लेकर नई रणनीतियां बनाई, जिसमें यह तय किया गया की सरकार से केवल केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात पर ही चर्चा होगी। बता दें सरकार और किसानों की बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 11 बजे नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का  उद्घाटन करेंगे।