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पहले रेप कर प्रेगनेंट करना और फिर बच्चे के जन्म के बाद दूध निकालना… ये सबकुछ होता था इंटरनेट पर LIVE

नई दिल्ली। हैवानियत की दास्तां आपने कई सुनी और देखी होगी, लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं वह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि एक सच्ची हैवानियत की दास्तां है। दिल की झकझोर कर रख देने वाली ऐसी तस्वीर नाइजीरिया के आंबुजा से सामने आई हैं, जहां एक फैक्ट्री में 115 महिलाओं को रेस्क्यू कर के रखा हुआ था। इन महिलाओं के साथ रेप होता था, फिर प्रेगनेंसी के बाद इनके दूध को निकालकर उससे पनीर, मक्खन और ताजे दूध जैसे डेयरी उत्पाद करके बेचे जाते थे।

मिली जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू की गई इन महिलाओं की उम्र 16 से 22 साल के बीच बताई जा रही है। इनमें से काफी ऐसी महिलाएं भी है जो अपने घरों से 3 साल पहले गुमशुदा हुई थीं। पुलिस को आशंका है कि अपराधियों ने इनकी कुछ वीडियो बनाकर डार्क वेब प्लेटफॉर्म पर भी डाली है, जिसे बिटकॉइन के जरिए पेमेंट करने वाले देखते हैं।

खबर के मुताबिक, लड़कियों को अगवा करके लाया जाता था, जहां पर उनके साथ रेप कर उन्हें प्रेगनेंट किया जाता था। ये सब काम इंटरनेट पर लाइव आकर किया जाता था। इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद इनसे दूध लिया जाता था और बाद में अधिकांश उत्पादो को पूरी प्रक्रिया के वीडियो के साथ देश से बाहर उपभोक्ताओं को भेजा जाता था।

रिपोर्ट में ये साफ बताया गया है कि कुछ लोग खुद लड़कियां चुनते थे कि उन्हें किस लड़की का दूध चाहिए। लड़की चुनने के बाद उस दिन उस लड़की के लिए अलग से खाना बनता था और उसे खिलाया जाता था। लड़की से कहा जाता था कि वह लड़की अपने मुंह से कस्टमर का नाम लेकर बोले कि ये दूध तुम्हारे लिए है।

सोशल मीडिया पर अलग-अलग राय दे रहे हैं लोग

गौरतलब है कि इस भयावह प्रकरण के बारे में सोशल मीडिया पर लोग इसे एक तरकीब बता रहे हैं ताकि नाइजीरिया में क्रिप्टोकरेंसी बैन हो सके। तो वहीं कुछ लोग इसे सरकार का प्रोपगेंडा कह रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को ये सब एक बड़ा मजाक लग रहा है।

एक यूजर लिखता है, “मैं विश्वास नहीं कर पा रहूँ कि लोग ऐसी बकवास चीजों को फ्रंट पेज पर डालते हैं। कुछ वाकई में कहीं न कहीं बहुत गलत है।” यूजर्स का मानना है कि सिर्फ़ बिटकॉइन को बदनाम करने के लिए ऐसी कहानी रची जा रही है।

12 साल के बच्चे ने निगल ली चुंबक की 54 गोलियां, जरूर पढ़े पूरी खबर

नई दिल्ली : कहा जाता है कि विज्ञान विषय किताबों की अपेक्षा प्रयोगों से ज्यादा समझ में आता है लेकिन हमेशा ऐसा करना जान खतरे में भी डाल सकता है। लंदन में 12 साल के रियाले मॉरिसन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। इसेे विज्ञानप्रेमी या कहें प्रयोगधर्मी,  लड़के ने एक जिज्ञासा के चलते चुंबक की 54 गोलियां निगल लीं। दरअसल, रियाले जानना चाहता था कि ऐसा करने से उसके पेट में चुंबक की छड़ बनेगी या नहीं।

निगलने के कुछ समय बाद भी असर न दिखने पर उसने इसकी जानकारी मां को दी और सिर्फ दो गोलियों के बारे में बताया। मां ने तुरंत रियाले को अस्पताल पहुंचाया। वहां एक्स-रे कराने के बाद पूरी सच्चाई सामने आई। डॉक्टरों ने करीब 6 घंटे के ऑपरेशन के बाद गोलियां बाहर निकालकर उसे बचाया। इस पूरी घटना से भले ही उसे परिजन या मित्र परेशान हुए हों लेकिन रियाले ने अपनी जिज्ञासा जरूर शांत कर ली।

American University ने दी श्रीश्री रविशंकर को ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ की मान्यता

अमेरिका की एक प्रख्यात यूनिवर्सिटी ने भारतीय आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ के तौर पर मान्यता दी है। यूनिवर्सिटी ने शांति और मानवीय कार्यो के साथ-साथ अंतरधार्मिक नेता के तौर पर काम करने के लिए यह सम्मान दिया है।

सोमवार को जारी एक वक्तव्य के अनुसार, ‘नार्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर स्पिरिचुअल्टी, डायलॉग एंड सर्विस ने रविशंकर को पिछले सप्ताह ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ के तौर पर मान्यता दी। यूनिवर्सिटी के कार्यकारी निदेशक और आध्यात्मिक सलाहकार अलेक्जेंडर लेवेरिंग कर्न ने कहा, ‘हम श्रीश्री के आभारी हैं। ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था। हम एक प्रसन्नचित्त मानवीय कार्यकर्ता से वार्ता करेंगे और उनसे सीखेंगे।’ उन्होंने हमारे सर्वोत्तम साझा मानवीय मूल्यों को जीवन में उतारा है।

बयान में कहा गया है कि श्रीश्री ने कई स्तरों पर बातचीत और रणनीतिक पहल के माध्यम से शांति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कई देशों में चल रहे संघर्ष को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वहीं राहत कार्यक्रमों का भी नेतृत्व किया है।

China में गिरफ्तार हुई ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार, सीक्रेट जानकारी लीक करने का संदेह

नई दिल्ली : चीन में करीब 6 माह के लिए ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया है। वो यहां पर स्थानीय टीवी चैनल में काम करती थी। पत्रकार पर गोपनीय जानकारियों को अवैध तरीके से दूसरे देशों में भेजने का संदेह है। 49 वर्षीय पत्रकार चेंग ली (Cheng Lei) ने अधिकारियों से आग्रह किया कि उन्हें उनके दो छोटे बच्चों से मिलने की अनुमति दी जाए।

चीन में जन्मी पत्रकार अपने माता-पिता के साथ बचपन में ही ऑस्ट्रेलिया चली गई थीं। उनकी पढ़ाई वहां के क्वींसलैंड (Queensland) यूनिवर्सिटी में हुई। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के कारण बीजिंग में स्कूल की छुट्टियों के दौरान उनके बच्चे स्कूल की छुट्टियों में अपने ग्रैंडपैरेंट्स के पास ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। दोनों बच्चों की उम्र 9 और 11 साल है।

ताइवान में फिर घुसा चीन का लड़ाकू विमान, खदेड़ने पर भाग खड़ा हुआ

दिल्ली। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि एक चीनी Y-8 टोही विमान ने शनिवार को ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिणी-पश्चिमी खंड में प्रवेश किया।

फोकस ताइवान ने सूचना दी कि चीनी विमान ने ताइवान और डोंग्शा द्वीप समूह के बीच हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया, जो दक्षिण चीन सागर में ताइवान द्वारा नियंत्रित है।

मंत्रालय ने कहा कि ताइवान सेना ने तब तक चीनी फाइटर जेट का अपने फाइटर जेट से पीछा किया, जब तक वह सीमा से छोड़ भाग नहीं खड़े हुए। इस दौरान वह रेडियो पर लगातार वार्निंग देते रहे और एयर डिफेंस को मोबलाइज करते रहे।

एससीएमपी के अनुसार, वायु रक्षा पहचान क्षेत्र प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली हैं जो देशों को उनके हवाई क्षेत्र में घुसपैठ का पता लगाने में मदद करती हैं। इस तरह के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी विमान को अपने मार्ग और उद्देश्य को “मेजबान” राष्ट्र को रिपोर्ट करना चाहिए। हालांकि क्षेत्रों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है और पायलट इस तरह की अधिसूचना बनाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने में यह पांचवीं बार है। इस तरह की घटना 1 फरवरी, 2, 4 और 5 को हुई थी। बीजिंग में ताइपे पर दबाव बढ़ने के कारण इस क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। बता दें कि हाल ही में, चीन ने धमकी दी कि “ताइवान की स्वतंत्रता” का मतलब युद्ध है।

चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने 28 जनवरी को “ताइवान की आज़ादी” चाहने वाले लोगों को आगाह किया और कहा कि “जो लोग आग से खेलते हैं वे खुद को आग लगा लेंगे, और ‘ताइवान स्वतंत्रता’ की तलाश का मतलब युद्ध के अलावा कुछ भी नहीं है”।

म्यांमार में अब इंटरनेट पर रोक,सड़कों पर उतरे हजारों लोग

यंगून। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद लोगों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है। सैन्य सरकार ने विरोध पर अंकुश पाने के प्रयास में अब इंटरनेट पर भी रोक लगा दी है। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

फेसबुक पर पहले से ही रोक है। इन कदमों के बावजूद विरोध प्रदर्शन थम नहीं रहे हैं। यंगून में शनिवार को हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर तख्तापलट का विरोध किया और निर्वाचित नेता आंग सान सू की को रिहा करने की मांग की।

यंगून में नाकाबंदी और कड़ी सुरक्षा के बावजूद हजारों लोगों ने सैन्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने ‘सैन्य तानाशाह फेल, फेल’ और ‘लोकतंत्र जीते, जीते’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में कई लोग सत्ता से अपदस्थ की गई आंग सान की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के झंडे के लाल रंग की पोशाक में नजर आए।