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राकेश टिकैत ने कहा – जेल में बंद किसानों के रिहा होने के बाद अब सरकार से होगी बातचीत
नई दिल्ली । भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बातचीत शुरू करने को लेकर अब सरकार के सामने अपनी एक शर्त रखी है। उन्होंने कहा है कि हमारे जो किसान जेल में बंद हैं उनके रिहा होने के बाद ही बातचीत होगी।
राकेश टिकैत ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। इससे किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी।
वहीं, इससे पहले शनिवार को मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में लगभग सभ पार्टियों ने हिस्सा लिया।
हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता pic.twitter.com/Jnu0SN9Bcj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2021
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Farmer Protest: 2 फरवरी को फिर से होगी किसान संगठनों की सरकार के साथ बैठक
बुलंदशहर : गाजीपुर बॉर्डर जाने से रोका तो शिकारपुर तहसील में धरने पर बैठ गए किसान
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में रविवार को गाज़ीपुर बार्डर जाने से रोके जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता शिकारपुर तहसील परिसर में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए। सीओ, एसडीएम किसानों को मनाने धरना स्थल पहुंचे तो किसानों ने उनको भी धरना स्थल पर बैठा लिया। हालांकि अफसरों की मान मनव्वल के बाद किसान धरने से उठ गए।
बता दें कि शिकारपुर तहसील में रविवार को भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता गाज़ीपुर बार्डर जा रहे थे। जैसे ही इसकी भनक अफसरों को लगी अफसरों ने किसानों को रोक दिया। गुस्साए किसान तहसील शिकारपुर पहुंचकर धरने पर बैठ गए। प्रशासन को जैसे ही किसानों के धरने पर बैठने की सूचना मिलते ही सीओ और एसडीएम तुरंत किसानों के पास धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को समझाने लगा।
वहीं, आक्रोशित किसानों ने दोनों अफसरों को धरना स्थल पर बैठा लिया। किसानों ने कहा कि वो दिल्ली जाना चाहते थे मगर, पुलिस उन्हें जगह-जगह रोककर परेशान कर रही है और दिल्ली नहीं जाने दे रही है। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो तहसील परिसर में उनका धरना अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा। इसके अलावा किसानों ने कहा कि कल सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर धरना स्थल की ओर कूच करेंगे।
रिपोर्ट- सत्यवीर सिंह
सरकार और किसानों के बीच दो फरवरी को फिर होगी बातचीत, प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा मजबूत
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 67वें दिन में प्रवेश कर गया है। प्रशासन ने सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर भारी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। वहीं, गतिरोध को कम करने के लिए किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की बातचीत 2 फरवरी को तय है। दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 65वां दिन है। पिछले दिनों बने हालात के बाद विरोध स्थल पर किसानों के आने की संख्या बढ़ गई है, जिसको देखते हुए सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
किसान लगातार कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस दौरान सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की 11 बजे तक तीन सीमाओं और उनके आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एनएच-24 को बंद कर दिया है।
शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, संसद में विभिन्न दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था वो आज भी बरकरार है।
इस बैठक में प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं और तोमर ने इस महीने की शुरुआत में किसान नेताओं को इस बात से अवगत भी कराया था। इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।
किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कहा- पुलिस की मिलीभगत से किसानों पर हुआ हमला
नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कल हुए हमले के लेकर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। समिति के सदस्यों ने पुलिस पर हमलावरों से मिली भगत का आरोप लगाया।
इस दौरान समिति के सदस्यों ने कहा कि कल उनके दल के ऊपर कुछ लोगों द्वारा हमला किया गया था, जिसकी वीडियो फुटेज उनके पास है। सदस्यों ने कहा कि पुलिस की मिलीभगत से यह हमला हुआ है। दिल्ली पुलिस खुद हमलावरों को लेकर यहां आई थी, जो वीडियो में साफ देखा जा सकता है।
इसके अलावा सनिति के सदस्यों ने कहा कि इस पूरे मामले की उन्होंने दिल्ली पुलिस और मानवाधिकार आयोग में लिखित शिकायत की है। यदि दिल्ली पुलिस सख्त धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो वे न्यायालय का सहारा लेंगे। समिति के पदाधिकारी श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि हमले में बड़ी संख्या में किसान घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमलावर कोई बाहरी नहीं बल्कि बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं थे।
रिपोर्ट-प्रदीप सिंह उज्जैन
बुलंदशहर : पुलिस से नोकझोंक कर दिल्ली के लिए रवाना हुए भाकियू कार्यकर्ता
बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर में भाकियू कार्यकर्ता शनिवार को ट्रैक्टर ट्रॉली से दिल्ली की ओर रवाना हो गये। दिल्ली गाजीपुर में हुए बवाल के बाद बुलंदशहर से भाकियू के कार्यकर्ता आज शाम दिल्ली की तरफ कूच रहे थे, जैसे ही ट्रैक्टरों का काफिला सिकंदराबाद पहुंचा, सिकंदराबाद पुलिस ने खुर्जा जेवर रोड पर किसानों को रोक लिया। पुलिस से नोकझोंक के बाद जब ट्रैक्टर नहीं रुके तो सिकंदराबाद के दनकौर तिराहे पर पुलिस ने ट्रैक्टरों को रोक लिया।
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने दनकौर तिराहे पर जाम लगाकर जमकर प्रदर्शन किया। जाम लगते ही पुलिस-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को तुरंत आगे जाने दिया। किसानों के ट्रैक्टरों का काफिला जैसे ही औद्योगिक क्षेत्र सिकंदराबाद में पहुंचा तो वहां औद्योगिक क्षेत्र नंबर चार पर तैनात पुलिस ने यहां भी भाकियू के कार्यकर्ताओं का काफिला रोक लिया। इस पर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई लेकिन भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की एक ना सुनी और ट्रैक्टरों के काफिले के साथ दिल्ली कूच कर गए।
रिपोर्ट-सत्यवीर सिंह
गृह मंत्रालय का ऐलान, दिल्ली से सटी सीमाओं पर 31 जनवरी तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिंघु, गाज़ीपुर, टिकरी बॉर्डर और उनके आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को कल तक के लिए बंद कर दिया है।
गृह मंत्रालय ने इंटरनेट बंद किए जाने के पीछे वजह भी बताई है। मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया है। ये पहला मौका नहीं है जब इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं। इससे पहले गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को भी दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बीच ये कदम उठाया गया था। फिलहाल इंटरनेट सेवा बंद होने से प्रदर्शन स्थल के आसपास रह रहे लोगों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 66वां दिन है। दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। वहीं, आज किसान सदभावना दिवस मना रहे हैं, जिसमें किसान दिनभर उपवास रखेंगे। किसानों के इस आंदोलन के चलते टिकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है।
वहीं, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हम जहां बैठे हैं वहां पर सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है। हरियाणा में भी इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। कई बार पानी, बिजली बंद कर देते हैं।