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विश्व पर्यावरण दिवस पर बोले PMMODI, 21वीं सदी के भारत को  21वीं सदी की आधुनिक नीतियों से ऊर्जा मिलेगी

WorldEnvironmentDay नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ई 100 पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। साथ ही साल 2020-25 के लिए भारत में एथनॉल मिश्रण की कार्ययोजना पर विशेषज्ञ समिति ​की रिपोर्ट का अनावरण किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अब इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि अब इथेनॉल, 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत को, 21वीं सदी की आधुनिक सोच, आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा मिलेगी। इसी सोच के साथ हमारी सरकार हर क्षेत्र में निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, भारत उनके प्रति जागरूक भी है और सक्रियता से काम भी कर रहा है। 6-7 साल में Renewable Energy की हमारी capacity में 250 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। Installed रिन्यूएबल एनर्जी Capacity के मामले में भारत आज दुनिया के टॉप-5 देशों में है।  इसमें भी सौर ऊर्जा की capacity को बीते 6 साल में लगभग 15 गुणा बढ़ाया है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत, दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात हो, तो जरूरी नहीं कि ऐसा करते हुए विकास के कार्यों को भी अवरुद्ध किया जाए। Economy और Ecology दोनों एक साथ चल सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं, भारत ने यही रास्ता चुना है। आज देश के रेलवे नेटवर्क के एक बड़े हिस्से का बिजलीकरण किया जा चुका है। देश के एयरपोर्ट्स को भी तेज़ी से सोलर पावर आधारित बनाया जा रहा है। 2014 से पहले तक सिर्फ 7 एयरपोर्ट्स में सोलर पावर की सुविधा थी, जबकि आज ये संख्या 50 से ज्यादा हो चुकी है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु की रक्षा के लिए, पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों का संगठित होना बहुत ज़रूरी है। देश का एक-एक नागरिक जब जल-वायु और ज़मीन के संतुलन को साधने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेगा, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे।

उन्होंने कहा कि 2014 तक भारत में औसतन सिर्फ 1-1.5 प्रतिशत इथेनॉल की ब्लैंडिंग ही हो पाती थी। आज यह करीब 8.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है, बीते साल ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 21,000 करोड़ रुपये का इथेनॉल खरीदा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए जो वैश्विक प्रयास चल रहे हैं, उनमें भारत एक आशा की किरण बनकर उभरा है।

 

CSIR की बैठक में पीएम मोदी ने कहा- क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है भारत  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) सोसाइटी की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौजूद रहे।

इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत सतत विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। आज हम सॉफ्टवेयर से लेकर सैटेलाइट तक,  दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं।  दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में साइन्स और टेक्नालॉजी उतनी ही ऊंचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री से, मार्केट से संबंध होता है। हमारे देश में CSIR साइन्स, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक institutional arrangement का काम करता है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी इस संस्था ने देश को कितनी ही प्रतिभाएं दी हैं, कितने ही वैज्ञानिक दिये हैं। शांतिस्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है। बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को उसके लिए कई-कई साल का इंतज़ार करना पड़ता था। लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी, पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है। लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है, जब जब मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है, साइन्स ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।

 

वर्चुअल मीटिंग में अचानक जुड़े पीएम मोदी, छात्रों से कही ये बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कुछ ऐसा किया कि छात्र और अभिभावक सभी चौंक गए। हुआ यह कि परीक्षा नहीं होने का स्थिति में छात्रों के मूल्यांकन को लेकर वर्चुअल मीटिंग चल रही थी। इसमें कई छात्र जुड़े हुए थे। जिस बैठक से अचानक पीएम नरेंद्र मोदी भी जुड़ गए।

आपको बता दें की शिक्षा मंत्रालय की तरफ से इस मीटिंग को बुलाया गया था। इस मीटिंग में केवल छात्र ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक भी मौजूद थे। अचानक पीएम मोदी का इस तरह मीटिंग से जुड़ जाने से वह सभी चौंक गए। क्योंकि इस मीटिंग से पीएम मोदी के जुड़ने का कोई प्लान नहीं था।

हालांकि पीएम मोदी काफी कम वक्त के लिए इस वर्चुअल मीटिंग से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने कुछ छात्रों और अभिभावकों से बात भी की। मीटिंग में पीएम मोदी ने बच्चों से उनके असेसमेंट को लेकर भी बातचीत की और उनसे मार्किंग के बारे में राय भी जानी।

पैरंट्स और टीचर्स ने प्रधानमंत्री को बोला शुक्रिया

उधर, कोरोना संकट को देखते हुए हाल ही में सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में यह निर्णय लिया गया। पीएम मोदी के सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर देशभर के स्टूडेंट्स, टीचर्स, परिजनों ने खुश जताते हुए पीएम मोदी का शुक्रिया भी अदा किया। इतना ही नहीं, ट्विटर के जरिए पैरंट्स और टीचर्स ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है।

पीएम मोदी शुक्रवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल का करेंगे दौरा, चक्रवात यास के प्रभाव की करेंगे समीक्षा

नई दिल्ली। चक्रवात यास के प्रभाव की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (शुक्रवार) को ओडिशा और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। वह पहले भुवनेश्वर में उतरेंगे, जहां वह समीक्षा बैठक करेंगे, और फिर वे बालसोर, भद्रक और पुरबा मेदिनीपुर के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगे।

बता दें कि बुधवार को देश के पूर्वी तटों से चक्रवाती तूफान ‘यास’ टकराया था। इस दौरान 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं खेतों में पानी भर गया। यास के कारण पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में तबाही का मंजर है। हालांकि राहत बचाव कार्य के चलते तीनों ही राज्यों में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

 

 

 

पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं, कहा- कोरोना ने दुनिया को बदल दिया है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ने बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर वेसाक ग्लोबल सेलिब्रेशन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाए दीं।

इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। 100 साल में कोरोना जैसी महामारी नहीं आई। सारे देश मिलकर इससे आज लड़ रहे हैं।

कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन अहम हथियार है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स,डॉक्टरों,नर्सों को एक बार फिर सलाम करता हूं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं और जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। उनके परिजनों के प्रति शोक व्यक्त करता हूं।

Cyclone Yaas से निपटने की तैयारियों की पीएम मोदी ने की समीक्षा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चक्रवात ‘यास’ से निपटने के लिए संबंधित राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किलोमीटर की गति से चलने वाली हवा के तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना के साथ पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा तटों को पार करने की संभावना है। इससे पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा के तटीय जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। आईएमडी ने यह चेतावनी भी दी है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लगभग 2-4 मीटर ऊंचा तूफान आ सकता है। आईएमडी नियमित रूप से सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ बुलेटिन जारी कर रहा है।

प्रधानमंत्री को बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने 22 मई, 2021 को सभी तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रालयों/एजेंसियों के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की। गृह मंत्रालय 24X7 स्थिति की समीक्षा कर रहा है और तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा संबंधित मंत्रालयों/एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नौकाओं, पेड़ काटने वाले उपकरणों, दूरसंचार उपकरणों आदि के साथ 46  टीमों को पहले से तैयार कर रखा है। इसके अतिरिक्त तैनाती के लिए आज 13 टीमें विमान से रवाना की जा रही हैं और 10 टीमें स्टैंडबाई में (आपात स्थिति के लिए) रखी गई हैं।

भारतीय तटरक्षक तथा नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज तथा हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। वायु सेना तथा सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां तैनाती के लिए स्टैंडबाई में रखी गई हैं। मानवीय सहायता के साथ सात जहाज और आपदा राहत इकाइयां पश्चिमी तट पर स्टैंडबाई में हैं।

पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखने तथा जहाजों को सुरक्षित बंदरगाह पर लाने के कदम उठाए गए हैं। विद्युत मंत्रालय ने इमरजेंसी रिस्पान्स सिस्टम को सक्रिय कर दिया है तथा ट्रांसफॉर्मरों, डीजी सेटों तथा उपकरण आदि को तैयार रखा है ताकि बिजली की फौरन बहाली की जा सके। दूरसंचार मंत्रालय टावरों तथा एक्सचेंजों पर निरंतर निगरानी रखे हुए है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित होने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रभावित इलाकों में कोविड की स्थिति से निपटने के लिए परामर्श जारी किया है। बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग मंत्रालय ने सभी जहाजों को सुरक्षित रखने के उपाय किए हैं तथा आपातकालीन जहाजों (टग्स) की तैनाती की है।

एनडीआरएफ खतरनाक स्थानों से लोगों को निकालने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की सहायता कर रहा है और चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए निरंतर रूप से सामुदायिक जागरूकता अभियान चला रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यों के साथ निकट सहयोग के साथ काम करने को कहा है ताकि अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने का काम सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों की समय से निकासी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सभी संबद्ध विभागों को बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क में कटौती का समय कम करने और बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क की तेजी से बहाली के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल और नियोजन कार्य करने को भी कहा ताकि अस्पतालों में कोविड के मरीजों के इलाज और टीकाकरण कार्य में कोई व्यवधान नहीं हो। उन्होंने श्रेष्ठ व्यवहारों से अच्छी सीख लेने के लिए नियोजन और तैयारी की प्रक्रिया में जिला प्रशासन को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित जिलों के नागरिकों को समझने लायक स्थानीय भाषा में क्या करे, क्या नहीं करें का परामर्श और निर्देश दें। प्रधानमंत्री ने तटीय समुदायों, उद्योगों आदि विभिन्न हितधारकों से सीधे संपर्क साधने और उन्हें संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में गृहमंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह राज्यमंत्री, कैबिनेट सचिव, गृह, दूरसंचार, मत्स्यपालन, नागर विमानन, विद्युत, बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों/विभागों के सचिव, रेल बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य तथा एनडीएमए के सचिव सदस्य, आईएमडी तथा एनडीआरएफ के महानिदेशक, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

 

जानिए, पीएम मोदी ने क्यों की गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई की तारीफ  

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 40 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बृहस्पतिवार को बैठक की। बैठक में प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से स्वास्थ सेवाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने होम आइसोलेशन में उपचार करवा रहे लोगों को घर पर ऑक्सीजन से लेकर दवाइयां और अन्य चीजें पहुंचने के ढंग की सराहना की है।

बता दें कि पीएम मोदी के साथ बैठक में उत्तर प्रदेश के 6 जिलों बरेली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, मुरादाबाद और लखनऊ के जिलाधिकारी शामिल हुए थे। देशभर से 40 डीएम को इस वर्चुअल बैठक में बुलाया गया था। बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा, “जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाना भी है। जरूरी चीजों की आपूर्ति आम आदमी तक जरूर पहुंचे, यह बहुत महत्वपूर्ण है। बड़े अच्छे प्रयोग सभी ने किए हैं।”

इस बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारी ने अपने अनुभव साझा किए। उनके परिणामों के बारे में पीएम को जानकारी दी। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे जिले में घर-घर दवाएं, ऑक्सीजन और जरूरी सामान पहुंचाने के लिए योजना तैयार की गई। होम डिलीवरी ब्वॉय और वॉलिंटियर्स का सहारा लिया गया।

आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गौतमबुद्ध नगर में आइसोलेशन सेंटर और ऑक्सीजन बैंक बनाने की योजनाओं को सराहा था। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे जिलों से गौतमबुद्ध नगर में किए गए इस प्रयोग का अनुकरण करने की अपील की थी।

हेल्थ टीम और फ्रंटलाइन वर्कर्स से संवाद में भावुक हुए PMMODI, कहा- इस वायरस ने कई अपनों को छीना है

नई दिल्ली।  कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की।

इस मौके पर डॉक्टरों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। मैं काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का धन्यवाद देता हूं। विशेष रूप से हमारे डॉक्टर्स ने, नर्सेस ने, technicians, वॉर्ड बॉयज़, एम्ब्युलेन्स ड्राईवर्स, आप सभी ने जो काम किया है, वो वाकई सरहनीय है।

पीएम मोदी ने कहा कि बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीज़न और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आपमें एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है। हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी  है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है।

पीएम मोदी ने कहा कि जहां बीमार वहीं उपचार, इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट ज़ोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएं बांट रहे हैं। ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और ANM बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए। कोरोना की सेकंड वेव में हमने वैक्सीन की सुरक्षा को भी देखा है। वैक्सीन की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं।  यही सुरक्षाकवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है।

हमारी इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

 

ममता बनर्जी के आरोपों का रविशंकर प्रसाद ने दिया जवाब, कहा- ममता बनर्जी का आचरण अशोभनीय रहा

नई दिल्ली। कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और 54 जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी के साथ बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं।

बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने प्रेसवार्ता कर प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा। ममता बनर्जी का आरोप है कि बैठक में केवल भाजपा के कुछ मुख्यमंत्रियों को ही बोलने का मौका दिया गया। बाकी राज्यों के मुख्यमंत्री  शांत बैठे रहे। ममता ने कहा कि उन्होंने अपने डीएम को इसलिए नहीं भेजा कि वह खुद ही दवाओं और टीकाकरण की मांग रखेंगी।

वहीं, अब ममता बनर्जी के इस आरोपों पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया है। उन्होंने ममता पर पलटवार करते हुए कहा कि, आज प्रधानमंत्री ने कोरोना की लड़ाई के अच्छे कामों को शेयर करने के लिए कुछ राज्यों के जिलाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आचरण आज बहुत अशोभनीय रहा है। उन्होंने पूरी बैठक को एक तरह से पटरी से उतारने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि सिर्फ BJP प्रदेश के ज़िलाधिकारियों को बुलाया जाता है जबकि पूर्व में आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जिलाधिकारियों ने भी बात रखी है। ममता बनर्जी ने 24-परगना के DM को बोलने नहीं दिया, कहा कि DM क्या जानते हैं, मैं उनसे ज्यादा जानती हूं।

 

जिलाधिकारियों के साथ PMMODI ने किया संवाद, वैक्सीन की बर्बादी को लेकर कही ये बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उन राज्यों के 54 जिलाधिकारियों से बात की। बातचीत को दौरान पीएम मोदी ने दवाओं की कालाबाज़ारी और कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को लेकर बड़ा बयान दिया।

प्रधानमंत्रक्षी मोदी ने कहा कि एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि  वैक्सीन की बर्बादी रोकना बहुत ज़रूरी है। दूसरी लहर के बीच कोरोना वेरिएंट की कारण अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। हमें अधिक तैयार रहना होगा। अपने ज़िले में युवाओं और बच्चों में होने वाले संक्रमण के आंकड़े इकट्ठा कर उस पर विश्लेषण करिए।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं, लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर सस्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है. अगर अधिकारी स्थानीय स्तर पर गांवों में संवाद करेंगे तो लोगों में विश्वास पैदा होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि एक्टिव केस की संख्या कम होने के बाद भी टेस्टिंग और अन्य गाइडलाइन्स का पालन करना ज़रूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि अब वैक्सीन सप्लाई की जानकारी एडवांस मिल रही है, इससे टीकाकरण के अभियान में कुछ आसानी होगी. पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस लगातार रूप बदलता है, ऐसे में हमें इससे निपटने के तरीकों को बदलना होगा।