उम्रदराज हीरोइनो ने की दमदार वापसी, मनीषा कोइराला और फरीदा जलाल ने बिखेरा जलवा
एक समय था जब बॉलीवुड में उम्रदराज हीरोइनों के लिए बहुत कम किरदार लिखे जाते थे। फिल्मों में सिर्फ 30 साल या इससे कम उम्र की हीरोइनों की ही डिमांड होती थी। 40 पार की हीरोइनों को तो बूढ़ी मान लिया जाता था। जबकि एक्टरों को 90 साल की उम्र तक भी आराम से लीड रोल और दमदार किरदार मिल रहे हैं।
एक समय था जब बॉलीवुड में उम्रदराज हीरोइनों के लिए बहुत कम किरदार लिखे जाते थे। फिल्मों में सिर्फ 30 साल या इससे कम उम्र की हीरोइनों की ही डिमांड होती थी। 40 पार की हीरोइनों को तो बूढ़ी मान लिया जाता था। जबकि एक्टरों को 90 साल की उम्र तक भी आराम से लीड रोल और दमदार किरदार मिल रहे हैं।
पर 40-50 पार हीरोइनों के लिए तो रोल ही नहीं होते थे। पर अब ऐसा लगता है कि फिल्म इंडस्ट्री ने उम्रदराज हीरोइनों को खुली बांहों के साथ स्वीकार कर लिया है, और दिल खोलकर स्वागत किया जा रहा है। जहां मनीषा कोइराला ने लंबे अरसे बाद वापसी करके संजय लीला भंसाली की ‘हीरामंडी’ में 53 साल की उम्र में दमखम दिखाया, वहीं 75 साल की फरीदा जलाल भी छा गईं
90 के दशक में अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाने वालीं Manisha Koirala पिछले कई साल से मेनस्ट्रीम फिल्मों में कम दिखाई दे रही थीं। वह हिंदी फिल्मों में छोटे-मोटे रोल में नजर आईं जब उन्हें मुख्यधारा के किरदार नहीं मिले, तो बीच में नेपाली और कुछ साउथ की फिल्में भी कीं। पर अब संजय लीला भंसाली की सीरीज Heeramandi में तवायफ मल्लिकाजान के किरदार में मजमा ही लूट लिया है।
जिन एक्ट्रेसेस के करियर पर उनकी उम्र के कारण ब्रेक लग गया था, उन्हें तो अब जैसे नया ‘जीवनदान’ मिल गया है हीरामंडी में उनकी परफॉर्मेंस को काफी पसंद किया गया है। मनीषा ने हीरामंडी को लेकर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया एक्ट्रेस ने बताया कि जब संजय लीला भंसाली का सीरीज के लिए फोन आया था तब वह नेपाल में अपने घर में गार्डनिंग कर रही थीं। संजय ने कहा कि मनीषा आपके लिए अच्छा रोल है, बस आप स्क्रिप्ट पढ़ लो। मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैंने तो उनके साथ काम करने का सपना तक देखना बंद कर दिया था।’
वही बात करे फरीदा जलाल की तो उन्होंने हीरामंडी’ में दादी कुद्सिया बेगम का किरदार निभाकर सबका दिल जीत लिया है
फरीदा जलाल ने भी साल 2019 में एक पुराने इंटरव्यू में इस बात पर मलाल जताया था कि अब उनकी उम्र की एक्ट्रेसेस के लिए रोल नहीं लिखे जाते, और रोल मिलते हैं तो बस मां या दादी के। फिल्मों में खास काम न मिलने पर फरीदा जलाल ने वेब सीरीज और टीवी सीरियलों में काम करना शुरू कर दिया था।
भला हो OTT का, जो अब सीनियर और उम्रदराज एक्ट्रेसेस को मौका मिल रहा है। फरीदा जलाल ने ‘हीरामंडी’ में दादी कुद्सिया बेगम के किरदार में जान डाल दी। मनीषा कोइराला और फरीदा जलाल के आगे तो ‘हीरामंडी’ की बाकी कास्ट फीकी ही पड़ गई