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किसान आंदोलन पर बोला UNHRC, कहा- दोनो पक्ष को संयम बरतने की जरुरत

26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में लालकिले और अन्य कई जगहों पर भारी उत्पात मचाया था। कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को चक्का जाम का भी आह्वान किया गया है।

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के साथ ही प्रशासन से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। आयोग ने कहा है कि मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए न्यायसंगत समाधान तलाशना अहम है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त के दफ्तर ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदर्शन करने वालों के हितों की रक्षा के साथ ही यह भी जरूरी है कि दोनों पक्ष संयम बनाए रखें।

बता दें कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए तीनों कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं। 26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में लालकिले और अन्य कई जगहों पर भारी उत्पात मचाया था। कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को चक्का जाम का भी आह्वान किया गया है।

लोकसभा में पहला हफ्ता कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ विपक्ष के हंगामे के नाम रहा। विपक्ष किसानों के मुद्दे पर सदन में बहस कराने की मांग पर अड़ा रहा तो सरकार ने भी विपक्ष के दबाव में आने से इन्कार कर दिया। इससे विपक्ष के हंगामे के कारण सदन का कामकाज ठप हुआ। इस बीच, सरकार व विपक्ष के बीच हुई कई बैठकों के बाद सोमवार को गतिरोध खत्म होने के आसार हैं।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि कोई बताएगा कि आखिर कृषि कानून में काला क्या है? सिर्फ इसे काला बता देने भर से बात नहीं बन सकती और न ही सुधार हो सकता है। पिछले दो महीने से मैं किसानों से भी यही पूछ रहा था। न वहां जवाब मिला और न ही आपके पास है।’ तोमर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा समेत करीब दो दर्जन राज्यों में कांट्रैक्ट फार्मिंग होती है और वहां कांट्रैक्ट तोड़े जाने पर किसानों को सजा का भी प्रविधान रखा गया है। केंद्र के कानून में तो किसानों के लिए किसी सजा की बात ही नहीं है, फिर भी आरोप लगाया जा रहा है।

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