स्वरोजगार से आर्थिक रूप से मजबूत होंगी महिलाएं : डॉ. अनिल प्रकाश जोशी
"व्यवस्था में सुधार के लिए हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी"
टिहरी। पर्यावरणविद पदमश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हमें गांव से पलायन रोकने के लिए आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। इसके लिए सरकारों पर निर्भर रहना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे जो लोग जल, जंगल और जमीन की चिंता नहीं कर रहे हैं, उनको चुनने वाले लोग हम ही हैं और जो कुछ गलत हो रहा है उसके लिए कुछ हद तक हम स्वयं भी जिम्मेदार है।
रानीचौरी स्थित आराधना लघु कुटीर उद्योग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के दौरान उन्होंने कहा कि जो गांव की आर्थिकी की नीव महिला शक्ति है और महिला शक्ति को आगे आकर चुनौती को स्वीकार करते हुए अपनी मजबूती के लिए कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है। केवल सरकार के भरोसे बैठकर हम गांव से पलायन नहीं रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब यहां के संसाधन यहां के काम आए और जो यहां का टैलेंट है उसका उपयोग यहां के हित में हो। चमोली में आई प्राकृतिक आपदा पर उन्होंने कहा कि आज जो भी आपदाएं आ रही है उसके लिए निश्चित रूप से प्रकृति से छेड़छाड़ और यहां बड़े बांधों का व्यापक स्तर पर बनाया जाना है।
उन्होंने कहा कि अभी समय है हम चेते और प्रकृति से सबक लें। इस मौके पर उन्होंने आराधना लघु उद्योग के संचालक संजय बहुगुणा व सुषमा बहुगुणा द्वारा स्वरोजगार की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और और कहा कि रोजगार के लिए स्थानीय स्तर पर कच्चा माल उपलब्ध हो और उसे उपयोग में लाया जाए तभी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं।