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अनिल देशमुख को 11 महीने बाद जमानत, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने किया था अरेस्ट…

जांच में हस्तक्षेप नहीं करने और पूछताछ में सहयोग करने को कहा गया है.

DESK: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताअनिल देशमुख को जमानत मिल गई है. एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जमानत मिली है. 11 महीने बाद उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट ने ईडी के केस में जमानत दे दी है. जमानत की शर्तों के तौर पर उन्हें पासपोर्ट जमा करने और जांच में हस्तक्षेप नहीं करने और पूछताछ में सहयोग करने को कहा गया है

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ईडी बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएगी. ईडी ने हाईकोर्ट से इस आदेश पर 13 अक्टूबर तक स्टे की मांग की थी. इसका देशमुख के वकील ने विरोध किया. न्यायमूर्ति निजामुद्दीन जमादार की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. 10 तारीख तक वैसे भी पर्व-त्योहार कि छुट्टी है. 10 तारीख से कोर्ट नियमित रूप से शुरू होगा. इसलिए न्यायमूर्ति ने यह साफ किया कि यजमानत आदेश 13 अक्टूबर से लागू होगा.

सुप्रीम कोर्ट में देशमुख की जमानत के खिलाफ अपील करने के लिए ईडी की तरफ से अतिरिक्त महान्यायवादी ( अनिल सिंह ने हाईकोर्ट से दो हफ्ते तक जमानत के आदेश को स्टे देने की अपील की थी. इसका देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि असका असर देशमुख की तरफ से सीबीआई के केस में दर्जा की जाने वाली जमानत अर्जी पर पड़ेगा. वैसे भी सीबीआई के केस में देशमुख को जमानत नहीं मिली है और वे तुरंत जेल से बाहर आने नहीं जा रहे हैं. अगर ईडी को सुप्रीम कोर्ट में अपील करना है तो इसके लिए दो हफ्ते के समय की जरूरत नहीं है. इसके लिए एक रात काफी है.

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अनिल देशमुख की जमानत अर्जी सात महीने तक लटकती रही तो सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले नाराजगी जताई और उच्च न्यायालय को जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करने और फैसला देने का आदेश दिया था.

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