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यूपी पुलिस भर्ती में योगी का बुलडोजर फॉर्मूला, अब नकल माफियाओं पर कसेगी नकेल

योगी आदित्यनाथ सरकार फिर पुलिस भर्ती परीक्षा का आयोजन करने जा रही है। पांच चरणों में होने जा रही परीक्षा को लेकर चर्चा का बाजार गरमा है.

Uttar Pradesh : तारीख 17 फरवरी साल 2024,,,, ये वो दिन था जब लाखों युवा अपने अपने घरों से निकलकर एक पेपर देने अन्य शहरों में पहुंचे , पेपर था उत्तर प्रदेश पुलिस में 60 हजार 244 पदों पर सिपाही भर्ती का.  लेकिन इस परिक्षा में कुछ ऐसा हुआ जिसकी ना तो प्रशासन को उम्मीद थी और ना ही पेपर देने आए परिक्षार्थिय़ों को,  उस पेपर का पर्चा लीक हो गया साल्वर गैंग ने अपना काम कर दिया था. परीक्षा में धांधली हो चुकी थी जब ये खबर सामने आए तो पेपर देने आए परीक्षाथियों ने इसके खिलाफ अपना विरोध जताया और अंततः प्रदेश की योगी सरकार ने इस ये कहते हुए रद्द कर दिया कि WITH IN 6 MONTH हम ये पेपर दोबारा कराएंगे और इस बार कोई गड़बड़झाला नही होगा

लोकसभा चुनाव 2024 में पेपर लीक का मुद्दा गहराया। योगी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक पर सवाल उठे। युवाओं के बीच पेपर लीक का मुद्दा आक्रोश के तौर पर गहराया। असर चुनाव परिणाम में भी दिखा. भाजपा को लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में भारी नुकसान झेलना पड़ा एक ओर जहां साल 2019 में BJP को 62 सीटों पर जीत मिली थी तो वही इसबार वो महज 33 सीटें जीत पाई   ऐसे में अब यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार एक बार फिर पुलिस भर्ती परीक्षा का आयोजन करने जा रही है। पांच चरणों में होने जा रही परीक्षा को लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया है।

आपको बतादे कि पुलिस भर्ती परीक्षा की तिथियों का ऐलान हो गया है

यूपी में 60,244 कॉन्स्टेबल पदों के लिए होने वाली यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा इस बार 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को यह परीक्षा होगी. पांच चरणों में होने वाली परीक्षा के दौरान यूपी सरकार नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त नजर रखेगी। इस परीक्षा के जरिए योगी सरकार की कोशिश युवाओं के बीच सरकार की छवि को बेहतर बनाने की होगी। सिपाही भर्ती के शेड्यूल को जारी किए जाने के बाद इसको लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने नकल विरोधी कानून के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। एक जुलाई से प्रदेश में इस संबंध में अध्यादेश जारी किया गया है। इसी कानून के दायरे में अब सिपाही भर्ती परीक्षा को पूरा कराया जाएगा।

यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा ने कहा कि इस बार परीक्षा को स्वच्छ और नकलमुक्त माहौल में परीक्षा कराने की योजना है इस बार परीक्षा में पेपर लीक को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि इस बार परीक्षा शासकीय संस्थानों में ही होगी। निजी कॉलेजों में इस बार परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। इस बारे में आदेश जारी किया गया है। पिछली बार परीक्षा केंद्र निजी संस्थानों में भी बनाए गए हैं

छात्रों प्रदेश सरकार की ओर से परिवहन सुविधा भी मुफ्त दी जाएगी

अभ्यर्थियों को उनके घरों से परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए बस में किसी भी तरह का किराया नहीं देना होगा सभी अभ्यर्थियों को यह सुविधा मिलेगी सभी अभ्यर्थियों को अपने एडमिट कार्ड के आधार पर इस सुविधा का लाभ मिलेगा. एडमिट कार्ड दिखाने के बाद बसों में किसी भी अभ्यर्थी से टिकट नहीं मांगा जाएगा। परीक्षा केंद्र पर पहुंचने और लौटने के दौरान इस प्रकार की सुविधा मिलेगी।

इस बार परीक्षा में परीक्षा में 48 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे और किसी नए अभ्यर्थी को परीक्षा में शामिल नहीं कराया जाएगा वहीं इस बार पेपर लीक को रोकने के लिए विस्तृत इंतजाम सरकार की ओर से किए गए हैं। इस बार परीक्षा बिना लीकेज के होगा। परीक्षा केंद्रों पर एसटीएफ को लगाया जाएगा। परीक्षा केंद्र और कक्ष में सीसीटीवी लगाया जाएगा। इसके अलावा अभ्यर्थियों का फिंगर प्रिंटिंग वेरिफिकेशन भी अनिवार्य होगा देश में एक जुलाई से लागू नकल विरोधी कानून इस परीक्षा पर लागू होगा। परीक्षा की स्वच्छता को प्रभावित करने वाले इस कानून के तहत कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

जैसे सीएम योगी ने कहा था कि छह माह के भीतर परीक्षा दोबारा कराई जाएगी.. ठीक वैसे ही पुनपर्रीक्षा कराई जा रही है। सरकार, प्रशासन और भर्ती बोर्ड की ओर से इस बार पेपर लीकेज को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। सीएम योगी ने साफ कहा है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले नहीं बचेंगे। अगर कोई भी इस परीक्षा को प्रभावित करने की कोशिश करेगा तो उन पर बुलडोजर एक्शन तय माना जा रहा है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि इस बार इतने सुरक्षा के इंतजाम होने के बाद भी क्या पेपर लीक होने से बच पाएगा.

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