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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीति दल के प्रति आस्था के साथ नेताओं का रंग भी बदल रहा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीति दल के प्रति आस्था के साथ नेताओं का रंग भी बदल रहा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीति दल के प्रति आस्था के साथ नेताओं का रंग भी बदल रहा है। लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में माफिया डान और बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी अपने बेटे के साथ पार्टी की सदस्यता ले ली है। इसके साथ ही अम्बिका चौधरी ने भी बेटे बलिया के जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद चौधरी से साथ घर वापसी की। मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अम्बिका चौधरी लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। अब वह फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

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मऊ से बहुजन समाज पार्टी के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी आज अपने बेटे मुन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सिबगातुल्लाह अंसारी भी बेटे के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के बीच के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी से सांसद हैं, जबकि छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी मउ से बसपा से विधायक हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ साथ भारी संख्या में उनके समर्थक भी आज समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पहुंचेसिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से हारे थे। कौमी एकता दल का गठन करने वाले सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में लगभग तय है कि उन्हेंं या उनके बेट को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी

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अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। इस परिवार ने कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था। अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद बसपा ने उन्हेंं गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अंबिका चौधरी ने भी करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब इनके बेटे को समाजवादी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था। अम्बिका चौधरी प्रदेश की मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके है। इसके अलावा फेफना विधान सभा सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे। 2017 में बसपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए, हाल के जिला पंचायत चुनाव में उनके बेटे ने आनंद चौधरी ने बसपा से टिकट मिलने के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बनेअम्बिका चौधरी 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। कुछ महीने पहले बसपा से इस्तीफा देते हुए उन्होंने मायावती को लिखा था कि 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें छोटा या बड़ा कोई दायित्व नहीं सौंपा गया। इसके कारण वह पार्टी में खुद को उपेक्षित और अनुपयोगी महसूस कर रहे थे। अम्बिका चौधरी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं

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समाजवादी पार्टी के दफ्तर में शनिवार को सदस्यता कार्यक्रम में एक भावनात्मक माहौल बन गया। पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी समाजवादी पार्टी में वापसी के दौरान काफी भावना में बह गए। अम्बिका चौधरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया। इसी दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भावनात्मक बातों से अम्बिका चौधरी खुद को संभाल नही पाए और मंच पर अखिलेश यादव के सामने ही रो पड़े। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अम्बिका चौधरी बहुत भावुक हो गए हैं। जो कहना चाह रहे थे वो भी नही कह पा रहे है। इससे तो लगता है कि वह कितने कष्ट से समाजवादी पार्टी को छोड़कर गए होंगे। उन्होंने कहा कि आज मुझे इसका एहसास हुआ है। अब मेरी कोशिश रहेगी नेताजी से जुड़े हुए सभी लोगों को एक साथ लाया जाए। न जाने क्यों बहुत मजबूत रिश्ते आसानी से टूट जाते हैं लेकिन अब फिर से सब सही हो रहा है। राजनीति में तो उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन सही समय पर जो साथ थे वही साथी है। बलिया के लोगों की सबसे बड़ी पहचान उनकी बात की है। लखनऊ में भी आज जेपीआइसी बिल्डिंग बलिया के लोगों की पहचान है,सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी को सपा में शामिल करते हुए कहा कि नेताजी के जितने भी पुराने साथी हैं उन्हें समाजवादी पार्टी से फिर जोड़ा जाएगा। ज्वाइन करने के मौके पर अम्बिका चौधरी भावुक हुए, उन्होंने कहा आज का दिन उनके लिए पुनर्जन्म की तरह है।

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