हाथरस केस : पहले और दूसरे बयान को छोड़कर CBI ने पीड़िता के अंतिम बयान को क्यों बनाया आधार?
CBI ने अब कोर्ट पर छोड़ा निर्णय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और उसकी हत्या के मामले में सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ गैंगरेप और हत्या के आरोप लगाए हैं व हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है। सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है। सीबीआई की टीम ने अब निर्णय कोर्ट पर छोड़ दिया है।
बताते चलें कि हाथरस में इस अनुसूचित जाति की युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था।
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 325 एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 354 व 376ए, 376 डी व 302 के तहत मामला दर्ज किया है।