DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया और इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया।
भारत के तेज विकास, तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और मजबूत होती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच दुनिया हमें बहुत बड़ी उम्मीदों से देख रही है। इन सब के पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है। दुनिया भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है, एक ऐसा देश जिसके बारे में आशंका जताई जाती थी कि वे अपनी आज़ादी बरकरार नहीं रख पाएगा। आज वही देश पूरी सामर्थ्य से अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए यह देश आगे बढ़ रहा है।
पीएम ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो ओपेन व फ्यूचरिस्टिक है और अपने आधुनिक विजन के लिए जाना जाता है। इसलिए स्वाभाविक तौर पर हमारे संविधान की स्पिरिट यूथ सेंट्रिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान के प्रेंबल की शुरुआत में जो ‘वी द पीपुल’ लिखा है। यह सिर्फ तीन शब्द नहीं है। यह एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है। एक विश्वास है। मोदी ने कहा कि संविधान में लिखी यह भावना उस भारत की मूल भावना है, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है। ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ रहा है। यही भावना हमें वैशाली के गणराज्य में भी दिखती है वेद की ऋचाओं में भी दिखती है।