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Rahul Gandhi हिंदूओं का दिल जीतने पहुंचे वैद्यनाथ मंदिर,”नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, राहुल गांधी मुर्दाबाद” के नारे सुनकर लौटे

राहुल गांधी कब क्या बोल दें क्या कर दें ये किसी को कुछ पता नहीं होता है। आजकल राहुल गांधी देश में भारत जोड़ों न्याय यात्रा लेकर निकले हैं। अभी असम में इस यात्रा को लेकर उनकी वहां के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा से खूब नोंकझोक हुई थी, लेकिन अब ये यात्रा झारखंड पहुंच चुकी है। न्याय यात्रा के 21वें दिन राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय झारखंड के देवघर पहुंची तो राहुल गांधी यहां के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंच गए। इस दौरान राहुल गांधी ने जो वेशभूषा पहन रखी थी उसे देखकर आप भी एक बार सोच में पड़ जाएंगे। गुलाबी धोती पहने और माथे पर चंदन लगाए ये राहुल गांधी ही हैं।

लेकिन जब इतनी तैयारी के बाद भी पूजा की ये वीडियो सामने आई तो लोगों ने ये पूछना शुरू कर दिया क्या कोई जबरदस्ती उनसे पूजा करवा रहा था ? जनता तो जनता है। राहुल जब मंदिर से निकले तो वहां मौजूद लोगों ने राहुल गांधी की हूटिंग करते हुए नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे लगा दिए। पब्लिक यहीं नहीं रूकी उसने जय श्रीराम के नारों से राहुल को चिढ़ाना शुरू कर दिया। जिसके बाद राहुल शाम को देवघर से धनबाद के लिए निकल गए क्योंकि रात को यात्रा यहीं रूकी थी। अब राहुल गांधी की न्याय यात्रा आज झारखंड के धनबाद से बोकारो के लिए निकल गई। राहुल बोकारो में चास के जोधाडीह मोड़ से राजेंद्र नगर तक पदयात्रा करेंगे।राहुल गांधी ने 14 जनवरी को मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। 20 मार्च को खत्म होने वाली यात्रा 15 राज्य और 110 जिलों के 337 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6700 किमी का सफर तय करेंगे।

न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुंबई में खत्म होगी। 66 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। राहुल अपनी इस न्याय यात्रा के जरिए 15 राज्यों की 100 लोकसभा सीटों पर फोकस कर रहे हैं।आपको बता दें भारत जोड़ो न्याय यात्रा सबसे ज्यादा दिन UP में रहेगी। यह यात्रा 11 दिन में 20 से ज्यादा जिले कवर करके कुल 1074 KM की दूरी तय करेगी। UP में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन साल 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक सीट पर सिमट गई थी। रायबरेली से केवल सोनिया गांधी को जीत मिली थी।

इस चुनाव में कांग्रेस अपनी पैतृक सीट अमेठी भी हार गई थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को बड़े अंतर से हरा दिया था। ऐसे में कांग्रेस का फोकस लोकसभा की कई अहम सीटों पर रहेगा। इनमें वाराणसी, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ और प्रयागराज शामिल हैं।

गुजरात में Hate Speech देने वाले मौलाना मुफ्ती मुंबई पुलिस के घेरे में,”कुत्ते” जैसे शब्द का किया था इस्तेमाल

Mumbai Maulana Salman Azhari: मुफ्ती ने गुजरात के एक समबोधन में सारी हदे पार करदी। उन्होनें स्पीच में जवान से जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ा, वो अपने स्पीच में साफ साफ मुस्लिम कौम को भड़काते हुए नजर आ रहा है। मौलाना का एक विडिओं  सामने आया जिसमें साफ दिख रहा की मौलाना साहब किस तरहा बदले की भावना से अपना दौर आने का इंतेजार कर रहे है। यह मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मुफ्ती है जो अपने स्पीच में कुत्ते जैसे शब्द का इस्तेमाल कर रहे है लेकिन इन जनाब से कोई पूंछे की ये शब्द इन्होने किस के लिए इस्तेमाल किया है भारत में रह रहे हिंदूओ के लिए या भारत की सरकार के लिए या देश के आला अधिकारीयों के लिए खैर ये सावल तो अब इनसे पुलिस पूंछ रही है क्योंकि जनाब अब पुलिस गिरफ्त में हैं क्योकि मौलाना मुफ्ती ने बीती 31 जनवरी को गुजरात के जूनागढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार उनके भाषण की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसे विवादित बताया जा रहा है। इसे लेकर मौलाना और कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। दो आयोजकों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

लेकिन गिरफ्तारी से पहले जानकारी के अनुसार मौलाना मुफ्ती के समर्थकों ने उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद से ही घाटकोपर पुलिस थाने को घेर लिया था लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल पाई है। वहीं, गुजरात एटीएस ने स्पष्ट कह दिया है कि वह मुफ्ती को गिरफ्तार करके ही ले जाएगी।भड़काऊ भाषण केस में आरोपी मुफ्ती सलमान अजहरी को रविवार को गुजरात ATS दो दिन के ट्रांजिट रिमांड पर जूनागढ़ ले गई। मौलाना पर 31 जनवरी को जूनागढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जिसका विरोध करते हुए हिन्दू संगठनों ने केस दर्ज करवाया था हिन्दू संगठनों ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए मौलाना पर धारा 153A, 505, 188, 114 के तहत मामला दर्ज किया था।गुजरात ATS ने मुंबई की एक अदालत में मुफ्ती सलमान अजहरी की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने रविवार शाम को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर ली। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे घाटकोपर पुलिस थाने लाया गया था।रात एक बजे मौलाना के हजारों समर्थकों ने उसकी रिहाई के लिए घाटकोपर थाने का घेराव किया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। रात 2 बजे गुजरात ATS मौलाना को लेकर जूनागढ़ रवाना हो गई।मुंबई के मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सफाई दी थी। अजहरी की तरफ से लिखा गया है कि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने हमारे बयान पर ट्वीट किया है और कहा है कि हम हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने का काम करते हैं।

बयान में एक कविता का जिक्र है जिसे आपको ध्यान से सुनना चाहिए। उसमें कहीं भी हिंदू शब्द नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता त्रिवेदी ने इसमें जबरन हिंदू शब्द डाला है और हिंदुओं को कुत्ता कहा है, इसलिए सभी हिंदुओं को इस नफरत फैलाने वाले प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन इस बयान के पीछे मौलाना साहब की मंशा क्या थी क्या नहीं यो तो अब कोर्ट की फैसला करेगा क्योंकी हिंदू संगठन तो मौलाना मुफ्ती के सलाखों के पीछे पहुचाने की पूरी वय्वस्था कर चुके है।

Poonam Pandey की “fake death” ने दिल्ली पुलिस को बना दिया मीमर, किया यह पोस्ट

Delhi police: दिल्ली पुलिस के एक पोस्ट ने सोशल मीडिया यूजर्स को हंसने पर मजबूर कर दिया है। अपने पोस्ट से लोगों को हंसाने वाले मीमर भी दिल्ली पुलिस के इस पोस्ट को पढ़कर हंस रहे हैं। आगे बढ़ें उससे पहले आपको दिल्ली पुलिस के एक्स एकाउंट पर किए गए इस पोस्ट को दिखा देते हैं।“आप स्पेशल केस नहीं हैं कि मरकर जिंदा हो जाएंगे” मतलब मीमर तो मीमर अब तो दिल्ली पुलिस भी बहती गंगा मे हाथ धो रही है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बना हुआ हैं।

दिल्ली पुलिस के इस पोस्ट को खूब देखा और शेयर किया जा रहा है। पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स करते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।एक यूजर ने लिख..’साथ में पूनम पांडे का भी नाम आना चाहिए था’। एक अन्य यूजर का कहना है, ‘ये कौन नया मीमर आया है..अरे ये तो दिल्ली पुलिस का पेज है।’तीसरे यूजर ने लिखा, ‘ये दिन ब दिन मेरा पसंदीदा मीम पेज बनता जा रहा है।’वहीं चौथे यूजर ने कहा,’प्लीज पूनम पांडे के खिलाफ मामला दर्ज करें और कृपया अपना पेज एडमिन बदलें.’

पूनम पांडे के मरने की झूठी खबर उन्हें कहां लेकर जाएगीं यह तो वक्त बताएगा क्योकिं हो सकता है कि अब उन्ही के फैंस उन्हें जेल का रास्ता दिखा दे या फिर उन्हे इस तरह से सर्वाइकल कैंसर के लिए जागरूकता फैलाने को  स्वीकार करके माफ कर दिया जाएगा लेकिन जो भी हो अभी तो पूनम पांडे निशाने पर आ गई हैं और लोग उन्कों ट्रोल करके मजे लेने से पीछे नहीं हट रहे।वैसे पूनम पांडे का ये कोई पहला कारनामा नहीं है वो ऐसे कारनामें करती रहती हैं…. इसीलिए बॉलीवुड में उन्हें कोई सीरियसली नहीं लेता है. लेकिन इस बार उन्होंने जो नाटक किया है उससे बालीवुड भी नाराज हो गया है।

पूजा भट्ट, सारा अली खान, एली गोनी , राहुल वैद्य, राखी सावंत ने पूनम की इस हरकत पर जमकर अपनी भड़ास निकाली…. यही वजह है कि जब पूनम पांडे ने अपने मौत की खबर वाली अफवाह खत्म करने के लिए वीडियो जारी किया तो उस वीडियो के कमेंट्स बॉक्स में कई सितारों नें शेम ऑन यू जैसें शब्दों का इस्तेमाल करके अपनी निराशा दिखाई। बालीवुड के साथ ही पूनम के फैंस भी अब कह रहे हैं कि अब अगर सच में भी पूनम पांडे दुनिया से अलविदा होगीं तो कोई उनकी बात को गंभीरता से नहीं लेगा।

Bollywood: भंसाली की पहली वेब सीरीज़ “हीरामंडी” तैयार, बॉलीवुड “first look” से घबराया

Bollywood: संजय लीला भंसाली अपनी पीरियाडिक फिल्मों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं।पद्मावत, बाजीराव मस्तानी, देवदास, गंगूबाई जैसी उनकी पीरियाडिक फिल्मों ने ना सिर्फ पैसा कमाया बल्कि हालीवुड तक नाम भी कमाया।अब उनका नया प्रोजेक्ट काफी चर्चा में हैं। उनका ये नया प्रोजेक्ट कोई फिल्म नहीं बल्कि वेब सीरिज हैं।पहली बार संजयलीला भंसाली कोई वेब सीरिज बना रहे हैं और इसका नाम उन्होंने रखा है हीरामंडी।

संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज़ हीरामंडी बड़े परदे पर नहीं बल्की ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटिफ़्लिक्स पर रीलीज़ होगी। हालाकी अभी रीलीजं की तारीख नहीं रिवील की गई हैं लेकिन इतना तय हैं कि सीरीजं 2024 में ही आएगी । वही 1 जनवरी को इस सीरीज़ का पहली झलक जारी किया गया है। जिसपर अब तक 11 मिलियन व्यूज आ चुके हैं।’हीरामंडी’ का फर्स्ट लुक देखकर फैंस के रोंगटे खड़े हो गए हैं। इसके लुक से ये साफ हो रहा है कि भंसाली का जादू एक बार फिर  से उनके फैंस के सर चढ़ कर बोलने वाला हैं। इसके
टीज़र की बात की जाए तो टीज़र में एक नहीं दो नहीं बल्कि 6 अभिनेत्री देखने को मिल रही हैं। जिसमें एक नाम सोनाक्षी सिन्हा भी हैं। हीरामंडी से पहले 23 मई 2023 में भी सोनाक्षी सिन्हा ने दहाड़ में काम किया था जोकी काफी चर्चित रही थी। सोनाक्षी सिन्हा के अलावा हीरामंत्री में अभिनेत्री मनीषा कोइराला, अदिति राव, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा, और संजीदा शेख भी इस लीड रोल में दिखाई देने वाली हैं।टीज़र को देख कर ये तो हिंट मिल रहा हैं की इस वेब सीरीज़ में क्या दिखाया जाएगा.. किस तरह ये 6 औरतें वैश्या होकर भी राज करती हैं।

सीरीज़ की कहानी की बात की जाए तो हीरामंडी का नाम पाकिस्तान के लाहौर में मौजूद जगह हीरामंडी जो की एक रेड लाइट एरिया है उसपर आधारित हैं । जिसे शाही मोहल्ला भी कहां जाता है। लाहौर में मौजूद हिरामंडी रेड लाइट एरिया से पहले यह एक भोजन ग्रेनकी मंडी थी । इस सीरीज़ मे भी वैश्या की कहानी दिखाई जाएगी किस तरह पहले के जमाने में वैश्या रानीओं की तरह राज करती थी और वहीं आज का समय देखा जाए तो उन्ही वैश्या को चरित्रहीन कहते हैं इसी अवधारणा को लेकर हीरामंडी सीरीज़ को 8 भागों यानी 8 एपिसोड में दिखाया जाएगा इस सीरीज़ का थीम प्यार, आजादी और पावर  है। 1 मिनट 10 सेकेंड के इस टीजर ने तहलका मचा रखा हैं। लोग अब इस सीरीज़ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

वैसे भंसाली साब ने ठीक इसी तरह वैश्यों को दर्शाते हुए गंगू बाई भी बनाई थी। जिसमें गंगूबाई के रोल में आल्या भट्ट ने जान डाल दी थी और इसी कारण गंगू बाई हिट भी हुई थी।ऐसे में अब देखना होगा की आखिर यह सीरीज़ कितनी सुपरडूपर हिट होगी। क्योकीं डायरेक्टर संजय लीला भंनसाली हैं और सीरीज़ में एक साथ इतनी एक्ट्रैस अपने अभिनय का जादू दिखा रही हैं।

 

Bollywood: पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम करेंगे बॉलीवुड में वापसी, जानिए क्यों भगाए गए थे भारत से…

Bollywood: पहली नज़र में और तू जाने ना जैसे अनेकों हिट गाने देने वाले पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है कि 7 साल बाद अब वो फिर से बालीवुड में कमबैक कर रहे हैं। लेकिन सुर्खियां उनके गाने को लेकर नहीं है बल्कि कमबैक को लेकर है। आखिर लोग जानना चाहते हैं कि 2016 में उरी हमले के बाद जब पाकिस्तानी कलाकारों पर इंडस्ट्री में काम करने पर बैन लगा दिया गया था तो क्यों और कैसे अब आतिफ असलम की बालीवुड में एंट्री हो गई।

पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम 7 साल बाद फिर से बॉलीवुड में कमबैक करने जा रहे हैं। वो लव स्टोरी ऑफ 90’s फिल्म के साथ बॉलीवुड में वापसी करेंगे। उनके लौटने को लेकर फिल्म से जुड़े डायरेक्टर, प्रोड्यूसर सब बेहद खुश हैं। उन्होंने इस वापसी को बहुत बड़ी बात कहा है और दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तानी सिंगर के गाने से फिर धूम मचेगी।

दिलचस्प बात ये है कि एक तरफ जहाँ प्रोड्यूसर डायरेक्टर सब पाकिस्तानी सिंगर के ट्रैक को लेकर इतने उत्साहित हैं उनके अपने मुल्क में बॉलीवुड फिल्मों और विज्ञापनों पर बैन लगा दिया जाता है। शाहिद अफ्रीदी जैसे पाकिस्तान के नामी लोग खुलकर कहते हैं कि टीवी पर हिंदुस्तानी सीरियल देख लड़की आरती की तरह हाथ घुमाने लगी थी, इसलिए गुस्से में उन्होंने टीवी तोड़ दी थी।

अब ऐसे मुल्क के सिंगर के नए गाने को लेकर बॉलीवुड में उत्साह बढ़ रहा है। इसे देख भारतीयों का नाराज होना लाजिमी है। बॉलीवुड पर तो पहले से ही पाकिस्तानी कलाकारों को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है और ये काफी हद तक सही भी है। एक तरफ भारतीय सैनिक इन्हीं लोगों से लड़कर अपनी जान दे रहे हैं और दूसरी ओर कला के नाम पर बॉलीवुड में इन्ही पाकिस्तानियों का स्वागत हो रहा है।

अब ये तो सभी को पता है कि आतिफ इस्लाम यहाँ आकर कॉन्सर्ट करेगा। फिर भारत की ऑडियंस उसकी टिकट लेगी और वो उन पैसों से पाकिस्तान सरकार को टैक्स भरेगा। बाद में उसी टैक्स के पैसों से पाकिस्तानी सेना भारत के खिलाफ हथियार खरीदकर उसका उपयोग करेगी।

आपको बताते हैं कि कब और कैसे इन पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में बैन लगा था। इसकी शुरूआत हुई थी 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद। इस हमले के बाद ही भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने की माँग उठी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तब बैन की याचिका को खारिज कर दिया था लेकिन उसके बाद से पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम नहीं मिला। उसके बाद इन पाकिस्तानी कलाकारों ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया।

यहां अगर आतिफ असलम की बात करें तो आर्टिकल 370 खत्म होने पर आतिफ असलम ने कहा था कि कश्मीरियों के खिलाफ की जा रही हिंसा और अत्याचार की वो कड़ी निंदा करते हैं और अल्लाह से कश्मीर और पूरी दुनिया में निर्दोष लोगों के जीवन देने की दुआ माँगते हैं। उनके इस ट्वीट के बाद वो बहुत ट्रोल हुए थे। ये वहीं पाकिस्तान है जहां बलुचिस्तान में खुद उनके नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना जमकर जुल्म कर रही है लेकिन इन कलाकारों के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वर्ष1991 से वर्ष 2024 तक कब-कब क्या हुआ

22 जनवरी को रामलला आये और अब भोले के भक्तों को महादेव के आने का इंतजार है. पहले राम मंदिर के लिए हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में लंबी लडाई लड़ी और अब एक बार फिर हिन्दू पक्ष इतिहास दोहराने के लिए तैयार है. राम मंदिर बनने से पहले ही नारे लगने लगे थे कि अय़ोध्या तो बस अभी झांकी है काशी मथुरा बाकी है और ठीक ऐसा ही होता भी नजर आ रहा है. पहले रामलला की प्राण प्रतिष्ठता फिर कुछ दिन बाद ज्ञानवापी पर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट. जिसमें इस बात के प्रमाण मिले कि जिस जगह मौजूदा निर्माण है पहले वहां मंदिर था और फिर कुछ दिन के अंदर बनारस जिला कोर्ट का फैसला आया जिसमें हिंदू पक्ष को व्यास जी तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया.खैर अब कोर्ट का फैसला आ चुका है और व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना भी शुरू हो चुकी है लेकिन आज हम आप को प्वाइंट में बताएंगे की अब तक फैसला आने से पहले क्या कुछ हुआ ज्ञानवापी केस में.         

  • काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में 1991 में वाराणसी कोर्ट में पहला मुकदमा दाखिल हुआ था. याचिका में ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति मांगी गई. प्राचीन मूर्ति स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर की ओर से सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय बतौर वादी इसमें शामिल थे.
  • मुकदमा दाखिल होने के कुछ महीने बाद सितंबर 1991 में केंद्र सरकार ने पूजास्थल कानून बना दिया. ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजास्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजास्थल में नहीं बदला जा सकता. अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.
  • अयोध्या का मामला उस वक्त कोर्ट में था इसलिए उसे इस कानून से अलग रखा गया था. लेकिन ज्ञानवापी मामले में इसी कानून का हवाला देकर मस्जिद कमेटी ने याचिका को हाईकोर्ट में चुनौती दी. 1993 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टे लगाकर यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया.
  • 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी भी मामले में स्टे ऑर्डर की वैधता केवल छह महीने के लिए ही होगी. उसके बाद ऑर्डर प्रभावी नहीं रहेगा.
  • इसी आदेश के बाद 2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर से इस मामले में सुनवाई शुरू हुई.
  • 2021 में वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मंजूरी दी गई.
  • आदेश में एक कमिशनर नियुक्त किया गया और इस कमिशनर को 6 और 7 मई को दोनों पक्षों की मौजूदगी में श्रृंगार गौरी की वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए. 10 मई तक अदालत ने इसे लेकर पूरी जानकारी मांगी थी.
  • छह मई को पहले दिन का ही सर्वे हो पाया था, लेकिन सात मई को मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा.
  • 12 मई को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने कमिश्नर को बदलने की मांग खारिज कर दी और 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करवाकर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि जहां, ताले लगे हैं, वहां ताला तुड़वा दीजिए. अगर कोई बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई करिए, लेकिन सर्वे का काम हर हालत में पूरा होना चाहिए.
  • 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने से इनकार करते हुए कहा था कि हम बिना कागजात देखे आदेश जारी नहीं कर सकते हैं. मामले की सुनवाई 17 मई को करने को कहा.
  • 14 मई से ही ज्ञानवापी के सर्वे का काम दोबारा शुरू हुआ. सभी बंद कमरों से लेकर कुएं तक की जांच हुई. इस पूरे प्रक्रिया की वीडियो और फोटोग्राफी भी हुई.
  • 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ. हिंदू पक्ष ने दावा किया कि कुएं से बाबा मिल गए हैं. इसके अलावा हिंदू स्थल होने के कई साक्ष्य मिले. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सर्वे के दौरान कुछ नहीं मिला.
  • इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने पूजा स्थल कानून 1991 का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज करने की मांग की. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द सुनवाई का आदेश दिया था.
  • 12 सितंबर को कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी.
  • 12 सितंबर को ही इस मामले से जुड़ी पांच याचिकाओं को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इनमें से तीन पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
  • 24 जनवरी 2024 को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया. जिला जज ने वादी पक्ष को सर्वें रिपोर्ट दिए जाने का आदेश दिया.
  • 25 जनवरी 2024 को रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में मंदिर का स्ट्रक्चर मिला है. इस पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताई.
  • 31 जनवरी 2024 को वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी.

और अब साल 2024 में कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर व्यास तहखाने में नियमित पूजा शुरू हो गई है. ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में रोज पांच आरती का समय भी तय हो गया है. सबसे पहले मंगला आरती होगी, उसके बाद भोग आरती, अपराह्न् आरती, संध्या आरती और शयन आरती होगी. वाराणसी कोर्ट का फैसला आने के कुछ घंटे बाद ही आधी रात में ज्ञानवापी के अंदर मंत्र गूंजने लगे. शंख और घंटे की ध्वनि के बीच हर हर महादेव का जयघोष होने लगा हालांकि, फैसले के विरोध में मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी-ज्ञानवापी करता इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गया कोर्ट में याचिका दायर की. मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी के जिला अदालत में भी अर्जी देकर हिंदू पक्ष को उस स्थान पर पूजा करने से रोकने के लिए अदालत से अनुरोध किया है.लेकिन अब जिला कोर्ट… हाई कोर्ट… सुप्रीम कोर्ट… तीन कोर्ट से ठोकर खाने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी बड़बोले पन पर उतर आये हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि कानून की किताबों को आग लगा दो……..मगर अब बड़बोले पन से बौखलाने से कुछ नहीं होगा क्योंकि 30 साल बाद हिंदू पक्ष को वयास जी तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया है ..जिसके बाद अब ज्ञानवापी बम-बम के जयकारे गूंजने लगे है