उत्तर प्रदेश

भिंड में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा, गड्ढों को बता दिया अमृत सरोवर !

कागजों में बनाए गए ऐसे प्रत्येक तालाब की लागत 15 से 25 लाख रुपए बताई जा रही है। जिसमे 80 प्रतिशत तालाब बीहड़ किनारे बना दिए गए हैं। इन तालाबों में एक बूंद भी पानी नहीं ठहरा।

भिण्ड जिले में मनरेगा के तहत बनाए गए अमृत सरोवर में एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जहाँ बीहड़ों के भरकों (गड्ढों) को ही अमृत सरोवर बता दिया गया। कागजों में बनाए गए ऐसे प्रत्येक तालाब की लागत 15 से 25 लाख रुपए बताई जा रही है। जिसमे 80 प्रतिशत तालाब बीहड़ किनारे बना दिए गए हैं। इन तालाबों में एक बूंद भी पानी नहीं ठहरा। इतना ही नहीं जब केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय ने अमृत सरोवरों की तस्वीर मांगी तो कुछ पंचायतों में तालाबों को ट्यूबवेल चलाकर पानी भर दिया गया, उसके बाद फोटो पोर्टल पर अपलोड कर दिए। दरअसल केंद्र सरकार ने मिशन अमृत सरोवर योजना 24 अप्रैल 2022 को इस उद्देश्य से शुरू की थी। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को आसानी से पानी मिल सके। हमारी टीम ने इन तालाबो का रीयल्टी चैक किया। सबसे पहले हमारी टीम मेहगांव जनपद की गोअरा पंचायत के भीकमपुरा गांव पहुची। जहाँ वर्ष 2022-23 में अमृत सरोवर स्वीकृत हुआ था। 20 लाख 17 हजार रु की लागत से बने इस तालाब पर सिर्फ एक किनारे पर खंडे की पिंचिंग है। इस तालाब में थोड़ा पानी जरूर दिखा। वही चन्दूपुरा गांव के ग्रामीण के अनुसार कुछ दिन पहले ही ट्यूबबेल से पानी भरा गया है। इसका 10 लाख 8 हजार 973 रु का भुगतान हो चुका है। वर्तमान सरपंच राजेंद्री का कहना है कि सरोवर पुराने सरपंच के कार्यकाल का है। उन्होंने ही बीहड़ में उसे बनाया है। जो भुगतान हुआ, वह भी पूर्व में ही हुआ था।

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वही बबेड़ी में 24 लाख 75 हजार रु से अमृत सरोवर बना है। बरेठी माता मंदिर के पीछे बीहड़ में एक बड़ी खाई को ही अमृत तालाब का नाम दे दिया। यह तालाब वर्ष 2021-22 में स्वीकृत हुआ था। 11 लाख 52 हजार 685 रु का भुगतान भी पंचायत ने ले लिया है। गोहद के गिरगांव में दो अमृत सरोवर हैं। दोनों ही सरोवर वर्ष 2022-23 में स्वीकृत हुए। खेत के पास आबादी क्षेत्र से एक किमी दूर बना तालाब बीहड़ के भरकों के बीच है। यहां एक जगह अमृत सरोवर का बोर्ड लगा है। जिस जगह पर तालाब बता रहे, वहां एक बूंद पानी नहीं था। इस सरोवर की लागत 21 लाख 91 हजार रु है। 10 लाख 19 हजार 388 रु का भुगतान भी हो चुका है। खेत के पास बने तालाब वाली जगह पर पहुंचे। यहां भी समतल जगह को ही तालाब बता दिया। 18 लाख 41 हजार रु लागत वाले तालाब का तीन लाख 87 हजार रु का भुगतान हो चुका है। इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह का कहना है कि इस भ्रष्टाचार की जाँच कराई जाएगी। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। भिंड जिला पंचायत सीईओ जगदीश कुमार गोमे भी कार्यवाही का आश्वासन दे रहे है। उनका कहना है कि अमृत सरोवर बनाने के लिए मटेरियल का इस्तेमाल नही हुआ और उसका भुगतान ले लिया है। ऐसे लोगो के खिलाफ जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी। दोषी लोगो के खिलाफ भ्रष्टाचार की पूरी राशि वसूली जाएगी। साथ ही एफआईआर भी कराई जाएगी

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