कुशीनगर में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ !
यूपी के कुशीनगर जिले में स्कूल की मनमानी सामने आयी हैं जिसमे आरोप हैं कि सैकड़ों बच्चों को कमजोर और अनुशासनहीन बताते हुए स्कूल से किया बाहर.
यूपी के कुशीनगर जिले में स्कूल की मनमानी सामने आयी हैं जिसमे आरोप हैं कि सैकड़ों बच्चों को कमजोर और अनुशासनहीन बताते हुए स्कूल से बाहर कर दिया गया हैं। आने वाले सत्र में बच्चों का बोर्ड परीक्षा होनी हैं ऐसे में स्कूल की कार्यवाही के बाद अपने री एडमिशन के लिए वे दरदर भटक रहे है। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से सवाल किया कि जब बच्चे उन्ही के स्कूल में शुरू या या बीते कई सालों से पढ़ रहे तो अचानक अनुशासन हीन और कमजोर कैसे हो गए? बच्चों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल और डीएम कुशीनगर को तहरीर देकर अभिभावकों ने गुहार लगाई हैं।
स्कूल प्रबंधन के जिम्मेदार इस पूरे मामले पर सामने नहीं आ रहे। जिला विद्यालय निरीक्षक ने मामले की जांच शिकायत मिलने पर कराने की बात कह रहे कुशीनगर जिले की तहसील हाटा के ढांढा में स्थित जिले के प्रसिद्ध स्कूल में अपना स्थान रखने वाले इन्टरकलेज संत पुष्प पर गंभीर आरोप लगे हैं इसाई मिशनरी द्वारा संचालित इस इंटर कॉलेज पर आरोप हैं कि बोर्ड परीक्षा में अपने मेरिट लिस्ट को ऊँचा दिखाने के लिए कालेज ने कमजोर छात्रों को टीसी देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि कालेज प्रशाशन ने बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले सौ से ज्यादा छात्रों को कालेज में एडमिशन रुकवा दिया वही दो दर्जन बच्चों की टीसी भी उन्हें दे दी गयी। अभिभावकों से कारण यह बताया कि ये छात्र पढ़ाई में कमजोर है। छात्रों और उनके अभिभावकों ने सीएम पोर्टल व डीएम को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई के लिए मांग किये है। वही अगर छात्रों की माने तो उन्होने बताया कि पिछले कई वर्षों से हम उस कालेज मे पढ़ते हैं कभी कोई दिक्कत नही हुई पिछली बोर्ड में हमने 75% से ऊपर नम्बर भी पाए लेकिन जाने क्यों कालेज हम सबको निकाल दिया हैं। कहि एडमिशन भी नही हो पा रहा अन्य सभी कालेज में सीट भरे होने का हवाला दे रहे है लगता हैं यह साल हम लोगो का बर्बाद हो जाएगा हम कहि के नही रहेंगे
इस मामले में कई अन्य अभिभावकों ने डीएम को पत्र लिख कार्यवाही की गुहार लगाई हैं उनका कहना है कि उनके बच्चे कक्षा नर्सरी से अब तक इसी विद्यालय में पढ़े हैं। विद्यालय में करीब तरह वर्ष तक पढ़ाई करने के बाद भी वो कमजोर व अनुशासनहीन कैसे हो गए जबकि घर पर कोई शिकायत कभी नही आई हैं। केवल व्यवसायिक दौड़ में ये स्कूल लगे हैं व कमजोर छात्रों को बाहर निकाल बोर्ड की मेरिट लिस्ट हाई करने के लिए यह कहानी बनाई गई हैं। जो छात्रों को मिले शिक्षा के अधिकार का हनन व अपराध हैं