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कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, वैक्सीन को लेकर राजनीति करने का लगाया आरोप

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन ने राजस्तान की गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे के विकास के बजाय विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। कोरोना काल में केंद्र सरकार ने ही काम किया है।  राज्य सरकार ने तो स्वास्थ्य बजट के करोड़ो रुपये सिर्फ बड़े-बड़े विज्ञापन और होर्डिंग्स पर ही खर्च किए हैं। अगर ये करोड़ों रुपये ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा सुविधाओं के लिए खर्च किए होते तो कई लोगों की जान बच जाती, राजस्थान सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

उन्होंने टीकाकरण पर भी राज्य सरकार द्वारा राजनीति करने का आरोप लगाया। कर्नल राज्यवर्धन ने बृहस्पतिवार को झोटवाड़ा और फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में जोबनेर, फुलेरा, सांभर और नरेना स्थित कोविड केयर सेन्टर्स का निरीक्षण किया और चिकित्सा उपकरण दिए। उन्होंने चिकित्साकर्मियों का उत्साहवर्धन करते हुए कोरोनाकाल में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत भी उनके साथ रहे।

पत्रकारों से बातचीत में कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीनेशन पर तेज गति से कार्य कर रही है और भारत में अभी तक 20 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, इतनी तो कई देशों की जनसंख्या भी नही है। यह समय राजनीति करने का नहीं है लेकिन राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर सिर्फ राजनीति कर अराजकता की स्थिति बनाने का प्रयास कर रही है। राज्यों के पास लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक वैक्सीन पड़ी हुई है और राजस्थान में तो वैक्सीन की 11 लाख से अधिक डोज बरबाद हो चुकी है।

कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि राजस्थान सरकार ने ग्रामीण राजस्थान को बिल्कुल ही नज़रअंदाज कर दिया है। पूरे राजस्थान में लगभग 650 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जो ग्रामीण जनता की सेवा कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार ने कोरोना की लहर आने के बाद से उसमें एक भी पैसा खर्च नहीं किया। आंकड़ों को छुपाने का भी यही कारण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास 1 करोड़ 58 लाख रुपये खर्च करने के लिए थे लेकिन सरकार ने ग्रामीण राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था के लिए कुछ भी खर्च नहीं किया। अब राज्य सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए कोरोना टेस्ट कम कर दिए, जिससे आंकड़ों में कमी दिखा सकें। राज्य सरकार 45 दिनों में होने वाली लैब टेक्नीशियन व सहायक रेडियोग्राफर भर्ती 11 महीने बाद भी पूरी नहीं कर सकी और सरकार आयुर्वेद चिकित्सकों की भर्ती भी भूल गई। चिरंजीवी योजना भी जनता के साथ छलावा है। इस योजना के अंतर्गत निजी अस्पताल लोगों का इलाज ही नहीं कर रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना को भी बंद कर दिया।

गौरतलब है कि कर्नल राज्यवर्धन ने जयपुर ग्रामीण में तैयार किए गए 13 कोविड सेन्टरों को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी ली है और इसी के तहत उन्होंने प्रशासन को 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, एन 95 मास्क, सेनिटाइजर और ग्लब्स सहित विभिन्न चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाए हैं, जिनमें से गुरुवार को जोबनेर, फुलेरा, सांभर और नरैना स्थित कोविड केयर सेन्टर्स पर 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 100 पीपीई किट, सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क, सैनिटाइजर सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरण पहुंचाए गए। कर्नल राज्यवर्धन लगातार प्रशासन और चिकित्सकों से संपर्क में रहते हुए आवश्यकता अनुसार सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।

 

योगी सरकार खरीदेगी Corona Vaccine के 4 करोड़ डोज, ग्लोबल ई-टेंडर जारी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना वैक्सीन के चार करोड़ डोज खरीदेगी, जिसके लिए ग्लोबल ई-टेंडर जारी किया गया है। जो 07 मई से डॉउनलोड किया जा सकेगा। इसके अलावा वैक्सीन निर्माताओं को 20 करोड़ रुपये एडवांस दिया गया है। जिससे एक करोड़ डोज वैक्सीन अगले सप्ताह तक प्रदेश में उपलब्ध हो जाएगी।

बता दें कि कोरोन संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बड़ी संख्या में लोग जिलों में टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचकर वैक्सीन लगवा रहे हैं। यूपी में 01 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है, जिसमें 18 से 44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इस अभियान में वैक्सीन की कमी न हो इसलिए अतिरिक्त डोज की व्यवस्था सरकार कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को अपने सरकारी आवास पर टीम 9 की समीक्षा बैठक में कहा कि ऑक्सीजन के लिए टैंकरों की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है। क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में ग्लोबल टेंडर करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पांच मई को एक दिन में सर्वाधिक 823 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस लगातार काम कर रही है है। 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ट्रेन भी जामनगर से आने वाली है।

हरियाणा : चोरों ने 12 घंटे बाद लौटा दी चोरी की हुई वैक्सीन, माफी भी मांगी  

जींद। हरियाणा के जींद में सिविल अस्पताल में चोरी का एक अजीब मामला सामने आया है। यहां 21 अप्रैल की  रात करीब 12 बजे चोरों ने कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड की कई सौ डोज चुरा लीं लेकिन,  22 अप्रैल को चोर सिविल लाइन थाने के बाहर एक चाय वाले को सारी वैक्सीन लौटा गया। यहां तक तो मामला फिर भी साधारण था लेकिन चोर वैक्सीन के साथ में एक नोट भी छोड़ गया। नोट पर लिखा है- सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की दवाई है।

पुलिस के अनुसार बृहस्पतिवार को दिन में करीब 12 बजे एक बाइक सवार युवक सिविल लाइन के पास चाय के खोखे पर पहुंचा। उसने वहां बैठे बुजुर्ग को बैग थमाते हुए कहा कि ताऊ इस बैग में मुंशी का खाना है। इसे थाने में मुंशी को दे आना। बुजुर्ग ने उस बैग को मुंशी को दे दिया। जब बैग को खोला तो उसमें कोरोना वैक्सीन की चोरी हुई शीशियां थीं। कोविशील्ड की 182 वाइल और कोवैक्सीन की 440 वाइल। इन शीशियों के बीच में पर्ची पर लिखा था, सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की दवाई है।

दरअसल बुधवार रात को नागरिक अस्पताल स्थित पीपी सेंटर से 1710 कोविड वैक्सीन चोरी हो गई थी। इसमें 1270 वैक्सनी कोविशील्ड व 440 को वैक्सीन थी। घटना का पता सुबह सवा पता लगा जब सफाई कर्मचारी पीपी सेंटर के सामने सफाई कर रहा था। सफाई कर्मचारी ने देखा कि पीपी सेंटर का ताला टूटा हुआ था। उसने इसकी जानकारी तुरंत फोन पर स्वास्थ्य निरीक्षण राममेहर वर्मा को दी। ड्यूटी पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी शीला देवी ने आकर देखा तो कोविड वैक्सीन गायब थी और फ्रिजर के बाहर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लगने वाली वैक्सीन भी बाहर बिखरी पड़ी हुई थी।

 

PMMODI की मुरीद हुई दुनिया, 71 देशों तक पहुंची भारत की Corona Vaccine

नई दिल्ली। कोरोना महामारी अभी भी जारी है,  इस जंग में भारत की वैक्सीन मैत्री ऐसे देशों के लिए आशा की किरण बन कर सामने आई है। 71 देशों में पहुंच भारत की वैक्सीन ने कइयों का भारत का मुरीद बना लिया है, जिसमें अब कई महान क्रिकेटर भी हैं।

बता दें कि कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ लड़ने में भारत निर्मित वैक्सीन दुनिया के लिए उम्मीद बन रही है। भारत ने 20 जनवरी को सबसे पहले भूटान और मालदीव को वैक्सीन भेजी थी और सफर तेजी के साथ जारी है। वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी और पूर्व कप्तान विवियन रिचर्ड, जिमी एडम, रामनरेश सरवण, रिची रिसर्चडन ने भारत को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री मोदी की भी सराहना की।

यानि महामारी से लड़ने के लिए भारत दुनिया की पूरी तरह से मदद कर रहा है। क्वॉड देशों ने भी एक बड़ी पहल करते हुए भारत में वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति की क्षमता बढ़ोने के मकसद से सहयोग देने की बात कही है। अमेरिका इसमें तकनीकी मदद, जापान वित्तीय मदद और ऑस्ट्रेलिया आपूर्ति को सुदृढ़ करने में मदद करेगा।

 

उत्तराखंड के नए सीएम तीरथ सिंह रावत का ऐलान, कहा- पत्रकारों को भी मुफ्त में लगेगी वैक्सीन

नई दिल्ली। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज आजादी अमृत महोत्सव उद्घाटन के मौके पर पहुंचे राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आज कोरोना कि वैक्सीन बनाने वाला दुनिया का पहला देश भारत है। जिसने अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कोरोना वैक्सीन के साथ-साथ पी पी किट और अन्य सामग्री विदेशों में भेजी है। यह केवल मोदी जी के इरादों से ही संभव हो सका है। हमने पहले फ्रंटलाइन करोना वारियर्स को वैक्सीन लगाई। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी सुरक्षाकर्मी और अन्य कर्मचारी को टीकाकरण किया गया।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने स्वयं भी टीका लगावाकर दिखा दिया कि इससे कोई नुकसान नहीं है। साथ उन्होंने पत्रकारों के लिए घोषणा करते हुए कहा कि पत्रकार फ्रंट लाइन पर काम करके भीड़ में जान जोखिम में डाल कर कार्य करते हैं उनको भी मुफ्त में वैक्सीन लगाई जायेगी।

अब बिहार में दी जायेगी मुफ्त वैक्सीन, टीका लगवाने के बाद सीएम नितीश कुमार ने किया ऐलान

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण का आज से आगाज हो चुका है। पीएम मोदी ने दिल्ली स्थित AIIMS में वैक्सीन की पहली खुराक ली। वहीं पीएम मोदी को वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद दूसरे अन्य नेताओं ने भी वैक्सीन लगवाने का काम शुरू किया।

कोरोना वैक्सीन को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमले करते आया है, वहीं जबकि वैक्सीन का निर्माण नहीं हुआ था, उससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय सभी को बिहार में मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया था। वहीं जब सरकार बन गई है और वैक्सीन भी भारत में उपलब्ध है, तो मुफ्त देने वाले वादे को पूरा करना भी बहुत जरूरी थी।

दूसरे चरण के आगाज होते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने पटना स्थिति IGIMS अस्पताल में कोरोना की पहली खुराक ली। टीका लगवाने के बाद सीएम नीतिश ने मीडिया से बात करते हुए सभी को मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ”पूरे बिहार राज्य में टीकाकरण बिल्कुल मुफ्त होगा। निजी अस्पतालों में भी इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी सुविधा राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।”

बता दें कि सीएम नीतिश कुमार ने पटना में कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई, तो वहीं दोनों डिप्टी सीएम तारा किशोर प्रसाद और रेणु देवी ने भी वैक्सीन लगवाई।

क्या आप लगवाएंगे कोरोना का टीका? जवाब सुनकर आपको भी आ जायेगी हंसी!

नई दिल्ली। देश में दूसरे चरण का वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना वायरस की पहली खुराक ले ही है, लेकिन इन सब के बीच विपक्ष वैक्सीन को लेकर पूरी तरह से विरोध करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हर दिन विपक्ष नए-नए बहाने विरोध करने लिए अजमाता है। सोमवार को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब पूछा किसी मीडिया वाले ने कि क्या वह कोरोना का टीका लगवाएंगे? सवाल के जवाब में खड़गे ने इतना बचकाना जवाब दिया कि सुनकर आपको भी हंसी आ जायेगी।

दरअसल, आज से पूरे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत आमजमों में 60 साल से अधिक और 45 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जायेगी।

वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता और राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा गया कि अब 60 साल से ऊपर के सभी लोग कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लगवा सकते हैं। ऐसे में आप कब वैक्‍सीन लगवाने जा रहे हैं? इस पर खड़गे ने कहा, ‘देखिए, मेरी उम्र 70 वर्ष से ज्‍यादा हो गई है। मेरी जिंदगी के अब कुछ ही साल बचे हैं। आपको ये (कोविड-19 वैक्‍सीन) युवा लोगों को देनी चाहिए, जिन्‍हें अभी बहुत लंबा जीवन व्‍य‍तीत करना है। मेरा क्‍या है, मैं तो 10-15 साल और जिंदा रहूंगा।’

मल्लिकार्जुन खड़गे बेहद समझदार हैं, तो उनको ये भी जरूर पता होता कि समाज के प्रतिष्ठित लोगों का लाखों लोग अनुसरण करते हैं। अगर ऐसे लोग किसी काम की आगे बढ़कर पहल करते हैं, तो उनके समर्थक और चाहनेवाले भी वो काम करने के लिए आगे आते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि देश से कोरोना महामारी के मुद्दे पर भी विपक्ष के नेता राजनीति करना चाहते हैं। इसलिए टीकाकरण को लेकर ऐसे बचकाने बहाने ढूंढ रहे हैं।

इधर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के सवाल पर कहा, ‘कोरोना वायरस वैक्‍सीन को लेकर अब कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। कुछ लोग जो सवाल कर रहे थे कि मोदी जी टीका कब लगवाएंगे, उन लोगों को मोदी जी ने आज जवाब दिया है। मैं आज विपक्ष के लोगों से एक अपील करूंगा, अगर कोरोना की लड़ाई में देश एक हो सकता है, तो क्या हम लोग एक नहीं हो सकते।’ साथ ही उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा था कि पहले कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाया जाएगा और उसके बाद आम लोगों की बारी आएगी। मैं अपनी बारी आने का इंतजार कर रहा हूं। हम मंत्रियों ने निर्णय लिया है कि सरकारी खाते से नहीं पैसे देकर वैक्‍सीन लगवाएंगे।

अब आप भी मात्र 250 रुपये में लगवा सकते है कोरोना टीका, डिटेल में जानें कहाँ और कैसे लगवा सकते है टीका

देश भर में केंद्र सरकार ने 1 मार्च से 60 साल से अधिक आयु के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। इसके अलावा 45 साल से अधिक आयु के ऐसे लोगों का भी टीकाकरण होगा, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। इस बीच एक अहम सवाल जवाब भी मिल गया है कि आखिर प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना टीके की कीमत क्या होगी।

सरकार ने तय किया है कि निजी अस्पतालों में एक डोज की कीमत 250 रुपये होगी। वहीं सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण पूरी तरह से मुफ्त होगा। देश भर में सरकार ने 10,000 सरकारी अस्पतालों और 20,000 निजी केंद्रों में टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया है। 28 दिनों के अंतराल में लगने वालीं कुल दो डोज की कीमत 500 रुपये होगी। इसमें सभी तरह के टैक्स भी शामिल होंगे।

इस बीच गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कन्फर्म कर दिया है कि राज्य में एक टीके की कीमत 250 रुपये निजी अस्पतालों में होगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत देश के कई नेता पीएम से सभी को मुफ्त टीका लगाने की अपील कर चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने साफ किया है कि निजी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण नहीं होगा। बीते कुछ दिनों में तेजी से कोरोना के मामलों में इजाफा होने के चलते सरकार ने निजी अस्पतालों में भी टीकाकरण कराने का फैसला लिया है।

इससे पहले 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन का पहला राउंड शुरू हुआ था। इसके चलते देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया है। अब 1 मार्च से दूसरा राउंड शुरू होगा। इस चरण में बुजुर्गों को वैक्सीन दी जाएगी। इसके अलावा 45 साल से अधिक के गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भी टीका लगेगा। सभी 10,000 सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका पूरी तरह फ्री होगा। हालांकि किसी भी निजी अस्पताल में टीकाकरण के लिए 500 रुपये तक का चार्ज देना होगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने ऐसे कई दावों को खारिज किया है, जिसमें कोरोना टीकाकरण के चार्ज के अलग-अलग दावे किए जा रहे थे। देश में यह पहला मौका होगा, जब कोविशील्ड और कोवैक्सीन जैसी दवाएं निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध होंगी।

केंद्रीय कैबिनेट का ऐलान, एक मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगेगा Corona का टीका

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के एक बार फिर से बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक अहम फैसला लिया। फैसले के मुताबिक देश में 1 मार्च से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा। वहीं 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग जो गंभीर रूप से बीमार हैं, उनका भी टीकाकरण शुरू किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि 1 मार्च से शुरू हो रहे टीकाकरण में 10,000 सरकारी टीकाकरण केंद्रों में और 20 हजार निजी अस्पतालों में टीकाकरण किया जाएगा। सरकारी केंद्रों में लगने वाले टीके मुफ्त में लगाए जाएंगे। वहीं जो लोग प्राइवेट अस्पताल में कोरोना का वैक्सीन लेना चाहते हैं उन्हें पैसे चुकाने होंगे।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय अगले 2-3 दिन में कोरोना वैक्सीन की कीमत तय कर देगा। मंत्रालय इस वक्त कोरोना वैक्सीन निर्माताओं और अस्पतालों से चर्चा कर रहा है। इस बीच देश में टीकाकरण कार्यक्रम के तहत करीब 1 करोड़ 20 लाख लोगों का टीकाकरण हो चुका है।

इस बीच महाराष्ट्र केरल और पंजाब समेत कुछ राज्यों में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी आई है। इन दोनों राज्यों में हर रोज हजारों कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पिछले 24 घंटों में 6 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आए हैं जबकि संक्रमण के चलते 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए यहां कई जिलों में स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। पुणे में कोरोना से बचने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मार्च भी निकाला गया।

इस बीच केंद्र ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च-स्तरीय टीमों की नियुक्ति की है जहां पर कोविड -19 मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। टीमों को महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, एमपी, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और जम्मू और कश्मीर में भेजा गया है। ये टीमें राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों  में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारणों का पता लगाने के साथ ही वहां के प्रशासन के साथ काम करेंगी। वहीं भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में जो सफलता मिल रही है उसके बाद ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में रिकवरी रेट बढ़कर 97.25 प्रतिशत हो गया है जबकि मृत्यु दर घटकर 1.42 फीसद रह गई है। स्वस्थ हो चुके मरीजों की बात करें तो संक्रमित लोगों में से अब तक 1 करोड़ 7 लाख 26 हज़ार 702 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। इस बीच, भारत लगातार वैक्सीनेशन के क्षेत्र में नए नए मुकाम हासिल कर रहा है। अभी तक 1 करोड़ 21 लाख 65 हजार 598 लोगों को कोविड का टीका लग चुका है।

 

अब पैसे देकर भी लगवा सकते हैं वैक्सीन, 1 मार्च से बुजुर्गों के लिए टीकाकरण शुरू

कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण 01 मार्च से शुरू होगा, जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। तीसरे चरण का टीकाकरण अभियान सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निजी अस्पतालों के जरिए भी शुरू किया जाएगा। इतना ही नहीं, 1 मार्च से पैसे देकर भी टीका लगवाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को यह निर्णय लिया गया। बाद में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लोगों के पास यह विकल्प होगा कि वे टीकाकरण के लिए निजी एवं सरकारी अस्पतालों का चयन कर सकें।

उन्होंने कहा कि दस हजार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों एवं 20 हजार निजी अस्पतालों में दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान चलेगा। जो लोग निजी अस्पतालों में टीका लगाना चाहेंगे, उन्हें इसके लिए शुल्क चुकाना होगा। यह शुल्क कितना होगा, इसे सरकार अगले तीन-चार दिनों में तय करेगी। इसके लिए टीका निर्माता, अस्पतालों से बातचीत कर निर्णय लिया जाएगा। जबकि सरकारी केंद्रों में टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। यानी जिनके पास क्षमता है वे पैसे देकर प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीन लगवा सकते हैं।

इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र के किन बीमारियों के लोगों को कोरोना टीका लगाया जाएगा, इसके लिए भी जल्द ही बीमारियों की एक सूची जारी की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से देश में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था। 02 फरवरी से दूसरे चरण की शुरुआत की गई, जिसमें अंग्रिम पंक्ति के कार्मिकों का टीकाकरण आरंभ किया गया। पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए, जबकि दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता थे। तीसरे चरण में जिन लोगों को टीका लग रहा है, उनकी संख्या 27 करोड़ होने का अनुमान है।