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उत्तराखंड : कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रही है कोविड जांच टीम

ऊधमसिंह नगर। खटीमा तहसील के अंतर्गत 17 मील पुलिस चौकी के पास यूपी उत्तराखंड सीमा पर हल्दी घेरा में स्थित पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कोविड नियंत्रण के दृष्टिगत लगातार कार्रवाई जारी है। साथ ही जहां पुलिस विभाग द्वारा लगातार मुस्तैदी से कार्य किया जा रहा है वहीं, मौके पर स्थित स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आ रही है।

यहां उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच के लिए कोविड की सैंपलिंग तो की जा रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संक्रमण से बचाव, सुरक्षा व रोकथाम के लिए सुरक्षा कवच जैसे पीपीई किट, ग्लव्स आदि का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं टीम द्वारा कोविड गाइडलाइन का पालन भी नहीं किया जा रहा है। हालांकि शासन-प्रशासन के लगातार प्रयास और नियमों के पालन से राज्य में कोरोना संक्रमण की दर में निरंतर कमी आ रही है।

उधर, सीमा पर स्थित कोविड जांच टीम के डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि प्रतिदिन लगभग ढाई सौ से तीन सौ तक सैंपलिंग की जा रही है, जिसमें लगभग प्रतिदिन एक या दो पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। पिछले 1 सप्ताह में लगभग 10 से भी कम पॉजिटिव केस मिले हैं। उन्होंने बताया कि पॉजिटिव केसों की संख्या लगातार घट रही है।

रिपोर्ट- अशोक सरकार

चार जिलों के छोड़कर कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हुए यूपी के सभी जिले, यहां पढ़िए पूरी खबर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के 4 जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों को कोरोना कर्फ्यू से ढील दिए जाने की घोषणा की गई है। जिन जिलों को छूट नहीं दी गई है वहां सक्रिय मामले 600 से से ज्यादा हैं। ऐसे में अब लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर में ही कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। प्रदेश बाकी सभी जिले अब कोरोना कर्फ्यू मुक्त हो गए हैं।

हालांकि, शनिवार व रविवार को सभी जिलों में पहले के आदेशों के अनुसार साप्ताहिक बंदी लागू रहेगी। बता दें कि बीते 24 घंटों में प्रदेश में 1100 नए मामले आए हैं जबकि 2446 मरीज डिस्चार्ज होकर घर वापस गए हैं। प्रदेश में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 17944 है।

अपर मुख्‍य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर को छोड़कर सभी जिलों से कोरोना कर्फ्यू हटा लिया है। क्योंकि, इन तीन जिलों में सक्रिय मामले 600 से अधिक हैं।

 

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर कर्नल राज्यवर्धन ने राजस्थान सरकार से श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की

राजस्थान। देश में कोरोना संक्रमण और उससे बचाव को लेकर जारी वैक्सीनेशन अभियान में हो रही वैक्सीन की बर्बादी को लेकर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने आज वर्चुअल माध्यम से प्रेस वार्ता कर राजस्थान सरकार से श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राजस्थान की मर्यादा को कांग्रेस आलाकमान की चौखट पर रख दिया है।

उन्होंने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राजस्थान की मर्यादा को कांग्रेस आलाकमान की चौखट पर रख दिया है। राज्य सरकार सिर्फ अपने आलाकमान की सुनती है और यह भूल गई कि प्रदेश में उनकी सरकार है जबकि आलाकमान विपक्ष में है लगता है इस कारण प्रदेश सरकार भी विपक्ष का ही काम करने में लग गई।

सरकार द्वारा कैबिनेट की मीटिंग में कोरोना आपदा प्रबंधन और जनता की जान किस प्रकार बचानी है इस पर चर्चा नहीं होती। कैबिनेट में ना सांसो का प्रमाण है ना वैक्सीन का इंतजाम, सिर्फ आलाकमान- आलाकमान। सरकार जनता को पूरी तरह से भूलकर सिर्फ आलाकमान की सेवा करने में व्यस्त है।

कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कल जोधपुर में 125 करोड़ रूपये के ऑडिटोरियम का शिलान्यास हुआ वह निश्चित रूप से बनना चाहिए था, किन्तु काम की प्राथमिकता भी तय होनी चाहिए। 125 करोड़ रूपये से प्रदेश के लाखों युवाओं का वैक्सीनेशन संभव है किन्तु सरकार की प्राथमिकता में वैक्सीनेशन नहीं है। प्रदेश सरकार बार-बार ब्लैक फंगस का इंजेक्शन फ्री में लगाने की बात कर रही है, लेकिन राज्य सरकार स्वयं अस्पतालों को 10-10 लाख डिपोजिट कर इंजेक्शन खरीदने की बात कर रही है।

राजस्थान सरकार स्वयं ब्लैक फंगस का इंजेक्शन बेच रही है और जनता को कहती है कि हम इंजेक्शन फ्री में दे रहें है। अस्पताल इंजेक्शन खरीद नहीं रहे और मरीज के परिजनों को ही खरीदने के लिए कह रहे है। सरकार स्वयं अव्यवस्था फैलाकर चक्रव्यूह में डालने की कोशिश कर रही है। राजस्थान में ऐसा माहौल बना हुआ है जैसे वैक्सीन ही नही, प्रदेश सरकार भी कचरे के डब्बे में ही पड़ी हुई है। उन्होंने कहा राजस्थान में कोरोना वारियर्स के साथ जितनी नाइंसाफी हो रही है वह कहीं नहीं देखी।

प्रदेश में अनेक ऐसी मौतें हुई है जिसे सरकार कोरोना से नही बताकर अन्य बीमारी से बता रही है, जाहिर है यह सरकार अपनी छवी सुधारने के लिए कर रही है। यह साधारण बात नहीं है क्योकि ऐसा होने से कई परिवारों के बच्चों को पीएम केयर फाॅर चिल्ड्रन फंड का मुआवजा नहीं मिल पाएगा साथ ही राज्य सरकार आगे चलकर कोई मुआवजा तय करती है तो वह भी उन परिवारों को नही मिल पाऐगा।

प्रदेश में वैक्सीन की बर्बादी को लेकर कर्नल राज्यवर्धन ने राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि राजस्थान की जनता को वैक्सीन की बर्बादी क्यों हुई यह जानने का पूरा अधिकार है, इसलिए वैक्सीन की वाईल्स पर केन्द्र और राज्य सरकार की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से जांच होनी चाहिए।

वैक्सीनेशन का काम अन्य कम्पनियों को ठेके पर दिए जाने के सवाल का जवाब देते हुए कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि साधारण व्यक्ति अगर देखे तो उसे यही लगेगा कि अगर किसी को फाॅर्मुला दे दिया जाए तो आसानी से वैक्सीन बनाई जा सकती है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है।

एक आर्टिकल के अनुसार फाईजर वैक्सीन में लगभग 180 प्रकार के अलग-अलग पदार्थ डाले जाते है जो दुनिया के अलग-अलग देशों से आते है और उनकी सीमा भी तय होती है, साथ ही वैक्सीन निर्माण के लिए जिस प्रकार के एक्पर्टस चाहिए वे साधारण तोर पर मिलना मुश्किल है। इसके अलावा मशीने लगाने, इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने व कच्चा माल एकत्र करने में भी काफी समय लगता है।

 

 

मुख्यमंत्री केजरीवाल का बड़ा ऐलान, दिल्ली में ऑड-ईवन के तहत खोले जाएंगे बाजार और मॉल

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लॉकडाउन में बड़ी राहत का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  दिल्ली में सोमवार के आगे भी लॉकडाउन जारी रहेगा लेकिन काफी रियायत दी जा रही हैं। बाज़ार,  मॉल को ऑड-ईवन के आधार पर सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक के लिए खोला जा रहा है। निजी दफ़्तर 50% क्षमता के साथ खोले जा सकते हैं। जरूरी सामान की दुकानें रोज खुलेंगी। दिल्ली मेट्रो 50% क्षमता के साथ शुरू की जाएगी।

बता दें कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के दैनिक मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले 24 घंटे में क़रीब 400 नए केस सामने आए हैं और पॉजिटिविटी रेट क़रीब 0.5% रह गया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि  सरकारी दफ़्तरों में ग्रुप ए ऑफिसर 100% और बाकी इसके नीचे वाले 50% ऑफिसर काम करेंगे। जरूरी सेवाओं में 100% कर्मचारी काम करेंगे।

राजस्थान में वीकेंड कर्फ्यू शुरू, अब तीन दिन बंद रहेंगे बाजार  

राजस्थान। प्रदेश भर में शुक्रवार से वीकेंड कर्फ्यू शुरू हो गया है। राजधानी जयपुर से लेकर हर जिले में अब मंगलवार सुबह 5 बजे तक जरूरी चीजों को छोड़ सब कुछ बंद रहेगा। अब तीन दिन तक सभी बाजार बंद रहेंगे। वीकेंड कर्फ्यू के दौरान पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर्स, दूध डेयरी की दुकानों, फल सब्जी की दुकानें, फल सब्जी के ठेलों को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। अब मंगलवार को सुबह 6 बजे से ही बाजार खुलेंगे।

बता दें कि प्रदेश में हाल ही मोडिफाइड लॉकडाउन (Weekend curfew in Rajasthan) लागू किया है। इसमें सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक सुबह 6 से 11 बजे तक बाजार खोलने की अनुमति दी है। तीन दिन तक वीकेंड कर्फ्यू आगे भी जारी रहेगा। गृह विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जब तक एक्टिव मरीजों की संख्या 10 हजार से कम नहीं हो जाती तब तक वीकेंड कर्फ्यू जारी रखने का फैसला किया है।

8 जून के बाद प्रदेश भर में आवागमन शुरू होगा
मंगलवार (Weekend curfew in Rajasthan) से प्रदेश भर में बाजार खुलने के साथ एक जिले से दूसरे जिले में निजी वाहनों से आने जाने पर रोक हट जाएगी। एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन शुरू करने पर गृह विभाग अलग से आदेश जारी करेगा। गाइडलाइन में गृह विभाग ने लिखा है कि संक्रमण में कमी आने के बाद 8 जून के बाद एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन किया जा सकेगा। प्रदेश में 10 मई से एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन पर रोक लगी हुई है।

कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए खुला नीम करौली कोविड हॉस्पिटल, सरकारी दर पर किया जा रहा इलाज  

रामनगर। प्रदेश में करोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिसकी वजह से करोना संक्रमितव मरीजों को इलाज के लिए दूरस्थ शहरों में जाना पड़ रहा था और उनको वहां पर इलाज भी महंगा मिल रहा था। जिसके चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा रामनगर के ग्राम पीरुमदारा में नीम करोली नामक एक कोविड-19 हॉस्पिटल की शुरुआत की गई है। जिससे आसपास के दर्जनों गांवों को राहत मिली है। अब तक इस अस्पताल में आए मरीजों में से 85 प्रतिशत मरीज स्वस्थ होकर अपने घर गए।

अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि लॉकडाउन के कारण अब कोविड-19 संक्रमण की दर में बहुत कमी आ गई है। अभी तक हमारे पास जितने भी मरीज आए हैं, उसमें 85% मरीज ठीक होकर अपने घरों को गए। कुछ को हायर सेंटर रेफर किया गया। यहां पर सरकारी दरों पर कोविड- संक्रमित मरीजों का उपचार कुशल डॉक्टरों की देखरेख में किया जाता है।

रिपोर्ट- प्रेम शर्मा

 

मेरठ : कोरोना काल में दिल खोलकर लोगों की मदद कर रहा है खालसा हेल्प फाउंडेशन 

मेरठ। कोरोना काल में सहायता के लिए मददगार लगातार आगे आ रहे हैं। गंगानगर से खालसा हेल्प फाउंडेशन की ओर से शहरभर में जरूरतमंदों की सहायता की जा रही है।

फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरप्रीत मान ने बताया कि गंगानगर समेत अन्य जगहों में जरूरतमंद परिवारों के घरों में जा- जाकर फ्री दवाइयां, इलाज व राशन सामग्री मुहैया कराई जा रही है। हरप्रीत मान की संस्था इसी के साथ फ़्री ऑक्सीजन कंसनट्रेटर उपलब्ध कराई है। मेरठ में बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है।

उनकी सारी ज़िम्मेदारी राशन से लेकर मेडिकल खर्च व दवाइयों का सारा खर्च इनकी संस्था ने ली हुई है। हरप्रीत मान का कहना है कि आने वाले समय में उनकी संस्था उत्तर प्रदेश में हर ज़िले में जरूरतमंदों की मदद करेगी।

रिपोर्ट– शाहिद मंसूरी

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- कोविड महामारी के दौरान भारत ने 123 देशों को भेजी दवाओं की खेप

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घैब्रेसियस भी मौजूद रहे।

बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने सबसे पहले इस संगठन के अध्यक्ष और अज़रबैजान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्री तैमूर मुसायेव को सम्मेलन के आयोजन और भारत को बैठक में शामिल होने और हमारे सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य अधिकार सुनिश्चित करने में अपना सहयोग जारी रखने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमेशा प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि अपनी जरूरतों के बावजूद, कोविड-19 महामारी के दौरान, हमने 59 एनएएम देशों सहित 123 भागीदार देशों को दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की। भारत कोविड-19 के निदान, चिकित्सा और टीके विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में भी सक्रिय रहा है, क्योंकि हम जानते और समझते हैं कि जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा कि सार्वभौम स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए, भारत ने परिवर्तनकारी रणनीतियों को अपनाया है और सार्वभौम स्वास्थ्य प्रणाली के सभी मूल सिद्धांतों, जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सहित स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, मुफ्त दवाओं और निदान तक पहुंच में सुधार और विनाशकारी स्वास्थ्य देखभाल खर्च को कम करने के उद्देश्य से कई पहलों पर तेजी से काम किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सभी के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसका मतलब है कि भारत के हर नागरिक को विश्व स्तर पर उपचार की सुविधाएं मिलनी चाहिए। ग्राम आधारित सूक्ष्म योजनाओं पर अधिक जोर देने के साथ पूर्ण टीकाकरण प्रक्रिया तीव्र गति से आगे बढ़ रही है क्योंकि हमारा लक्ष्य एक वर्ष में कवरेज को 90 प्रतिशत तक बढ़ाना है।

वहीं, भारत की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के बारे में बोलते हुए  डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आयुष्मान भारत नामक हमारी प्रमुख स्वास्थ्य पहल का उद्देश्य 500 मिलियन से अधिक वंचित लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना बन गई है। हमारा सपना है कि इस योजना का दायरा और व्यापक बनाकर, हम इस योजना को हर भारतीय के लिए सुनिश्चित करें! यदि भारत जैसा विकासशील राष्ट्र इस स्तर की ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ नीति का सपना देख सकता है तो, मुझे लगता है कि बाकी दुनिया को भी इससे आगे सोचना होगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने वर्तमान महामारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 ने मानव जाति को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह स्वीकार करते हुए कि हमें अधिक गति और पूर्वावलोकन के साथ कार्य करने का प्रयास करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें बीमारियों से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य योजना की आवश्यकता है, जिन्हें समाप्त किया जा सकता है। हमें दवाओं और टीकों की कमी को दूर करने के लिए एक नई कार्य योजना की आवश्यकता है। हमारा आदर्श वाक्य हमेशा निर्धन लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना होना चाहिए। मुझे यकीन है कि आप सभी की यही भावना है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य दायित्वों के कुशल, प्रभावी और उत्तरदायी निर्वहन के लिए सभी गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। आइए हम एक प्रबुद्ध, समावेशी और सहकारी वैश्विक अनुक्रिया की दिशा में भागीदार के रूप में काम करें। मुझे विश्वास है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन देश सार्वजनिक स्वास्थ्य के सभी क्षेत्रों में मजबूत और अधिक लचीले बनकर उभरेंगे।

 

सीएम केजरीवाल का ऐलान, दिल्ली में सोमवार से खुलेंगी  कंस्ट्रक्शन गतिविधियों और फैक्ट्रियां

नई दिल्ली। देश कई राज्यों में अब कोरोना का कहर कम होता दिख रहा है। दिल्ली में भी कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली हालात की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में संक्रमण दर 1.5% रही और कोरोना के क़रीब 1100 मामले आए हैं। वहीं, इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि 31 मई से दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, बशर्तें कोरोना के मामले कम होते रहे तो।

बता दें कि दिल्ली में कोरोना के मामलों की संख्या अब बेहद कम हो गई है। इस हालात को देखते हुए सीएम केजरीवाल ने फैसला किया है कि, सोमवार, 31 मई को सुबह 5 बजे के बाद से कंस्ट्रक्शन गतिविधियों और फैक्ट्रियों में काम करने को लेकर शर्तों के साथ ढील दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन गतिविधियों और फैक्ट्रियों को सोमवार सुबह से खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम हफ़्ते दर हफ़्ते जनता के सुझावों और विशेषज्ञों की राय के आधार पर इसी तरह धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया जारी रखेंगे।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाया गया निशुल्क आरटी-पीसीआर जांच और दवा वितरण शिविर

उधमसिंह नगर। स्वास्थ्य विभाग खटीमा की टीम ने बृहस्पतिवार को खिलड़िया गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कोविड की RT-PCR जांच और दवा वितरण के लिए शिविर लगाया। शिविर में लोगों की निशुल्क RT-PCR जांचकर मुफ्त में दवाएं दी गईं।

बता दें कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड का संक्रमण तेजी से पैर पसार चुका है। जिसके मद्देनजर कोविड-19 के प्रकोप से बचाव के लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कोविड-19 की जांच व दवा वितरण का कार्य शिविर लगाकर लगातार किया जा रहा है। इसी क्रम में आज ग्राम सभा खिलड़िया मे भी स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शिविर लगाकर निःशुल्क rt-pcr जांच एवं दवा वितरण का काम किया।

शिविर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहने, शारीरिक दूरी बनाए रखने, अनावश्यक घर से बाहर ना निकलने, शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन और दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए भी लोगों को जागरुक किया गया। कोविड-19 की जांच को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भय और दहशत का माहौल देखा जा रहा है, जिस कारण बहुत कम संख्या में लोग शिविर में आ रहे हैं।

डॉ. रितेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 के नियंत्रण एवं लोगों को जागरूक करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है। जांच के बाद यदि कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो उसको होम आइसोलेट कर साथ में दवाई भी दी जाएगी। हमारे विभाग द्वारा चार टीम बनाकर अलग-अलग जगहों में जांच एवं दवा वितरण का कार्य किया जा रहा है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं।

रिपोर्ट- अशोक सरकार