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हेल्थ टीम और फ्रंटलाइन वर्कर्स से संवाद में भावुक हुए PMMODI, कहा- इस वायरस ने कई अपनों को छीना है

नई दिल्ली।  कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की।

इस मौके पर डॉक्टरों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। मैं काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का धन्यवाद देता हूं। विशेष रूप से हमारे डॉक्टर्स ने, नर्सेस ने, technicians, वॉर्ड बॉयज़, एम्ब्युलेन्स ड्राईवर्स, आप सभी ने जो काम किया है, वो वाकई सरहनीय है।

पीएम मोदी ने कहा कि बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीज़न और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आपमें एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है। हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी  है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है।

पीएम मोदी ने कहा कि जहां बीमार वहीं उपचार, इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट ज़ोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएं बांट रहे हैं। ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और ANM बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए। कोरोना की सेकंड वेव में हमने वैक्सीन की सुरक्षा को भी देखा है। वैक्सीन की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं।  यही सुरक्षाकवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है।

हमारी इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

 

ऋषिकेश : कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा- IDPL में 24 मई से शुरू होगा अस्थाई कोविड अस्पताल

ऋषिकेश। कोविड-19 से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने के लिए आईडीपीएल में डीआरडीओ के द्वारा तैयार किए जा रहे अस्थाई अस्पताल का शुभारंभ 24 मई को होगा। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने निरीक्षण के बाद आज यह जानकारी दी।

कैबिनेट मंत्री ने निरीक्षण के दौरान डीआरडीओ के अधिकारियों से अस्पताल के स्ट्रक्चर और एम्स के डॉक्टरों से मेडिकल सुविधाओं को लेकर चर्चा की। मौके पर डीआरडीओ के अधिकारियों ने 90% स्ट्रक्चर तैयार होने की जानकारी कैबिनेट मंत्री को दी। वहीं, एम्स के डॉक्टरों ने आगामी 4 दिनों में सभी मेडिकल सुविधाओं को अस्पताल में उपलब्ध कराने की जानकारी कैबिनेट मंत्री को दी है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अस्पताल के शुभारंभ होने के बाद कोविड-19 के मरीजों को राज्य में ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी।

हिमालयी क्षेत्रों तक पहुंचा कोरोना,  सांसद आदर्श गांव सूपी बना माइक्रो कंटोनमेंट जोन

उत्तराखंड। राज्य के बागेश्वर जिले के हिमालयी क्षेत्र और सांसद आदर्श गांव सूपी को माइक्रो कंटोनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुये जिला प्रशासन ने आसपास के क्षेत्रों में सैंपलिंग का दायरा भी अब बढ़ा दिया है।

बागेश्वर जिले के अमरसरकोट, ढूंगापाटली, आरे सहित कपकोट तहसील के तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जहां लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। कुछ विशेष क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ने पर प्रशासन हरकत में आया है। जिसे देखते हुये जिला प्रशासन ने ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां सैंपलिंग तेज करने के निर्देश दिये हैं। कोविड नोडल अधिकारी ने मामले को गंभीर मानते हुये संक्रमित क्षेत्रों की निगरानी बढ़ाने की योजना तैयार की है। मामले को गंभीर मानते हुये नोडल अधिकारी केएन तिवारी ने ऐसे क्षेत्रों के चिन्हिकरण के निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बीआरसी और सीआरसी सहित ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को ऐसे मामलों की सूचना तत्काल कोविड सूचना केंद्र में देने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिये ग्रामीण स्तर पर ठोस प्रयास किये जा रहे हैं।

वहीं, अगर पिछले एक सप्ताह के कोरोना के आंकड़ों पर गौर करें तो बागेश्वर जिले में लगभग एक दिन में 100 से अधिक कोविड संक्रमण के मामले सामने आए हैं। जिसे देखते हुये जिला प्रशासन हरकत में आने लगा है। मौजूदा समय में 897 कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें 96 कोविड केयर सेंटर जबकि 801 मरीज डाक्टरों की निगरानी में होम आइसोलेट हैं। जिले में अब तक 44 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। जिले के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कपकोट तहसील के हिमालयी क्षेत्र सूपी गांव सहित जिला प्रशासन अब तक जिले में तीन क्षेत्रों को माइक्रो कंटोनमेंट जोन घोषित कर चुका है। इन क्षत्रों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए गए हैं। कोविड के नोडल अधिकारी के.एन तिवारी के मुताबिक जिले के अलग-अलग क्षेत्रों की लगातार निरागनी की जा रही है। जहां लगातार मामले बढ़ते हुये नजर आ रहे हैं, उन्हें माइक्रो कंटोनमेंट जोन घोषित कर दिया जा रहा हैं।

रिपोर्ट- मनोज टंगणिया

जिलाधिकारियों के साथ PMMODI ने किया संवाद, वैक्सीन की बर्बादी को लेकर कही ये बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उन राज्यों के 54 जिलाधिकारियों से बात की। बातचीत को दौरान पीएम मोदी ने दवाओं की कालाबाज़ारी और कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को लेकर बड़ा बयान दिया।

प्रधानमंत्रक्षी मोदी ने कहा कि एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि  वैक्सीन की बर्बादी रोकना बहुत ज़रूरी है। दूसरी लहर के बीच कोरोना वेरिएंट की कारण अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। हमें अधिक तैयार रहना होगा। अपने ज़िले में युवाओं और बच्चों में होने वाले संक्रमण के आंकड़े इकट्ठा कर उस पर विश्लेषण करिए।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं, लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर सस्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है. अगर अधिकारी स्थानीय स्तर पर गांवों में संवाद करेंगे तो लोगों में विश्वास पैदा होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि एक्टिव केस की संख्या कम होने के बाद भी टेस्टिंग और अन्य गाइडलाइन्स का पालन करना ज़रूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि अब वैक्सीन सप्लाई की जानकारी एडवांस मिल रही है, इससे टीकाकरण के अभियान में कुछ आसानी होगी. पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस लगातार रूप बदलता है, ऐसे में हमें इससे निपटने के तरीकों को बदलना होगा।

बड़ी खबर : कोरोना से मौत पर दिल्ली के लोगों को मुआवजा देगी केजरीवाल सरकार

 नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस संकट के वक्त में दिल्ली सरकार चार कदम उठाने जा रही है।

दिल्ली में 72 लाख लोग ऐसे हैं जिनके पास राशन कार्ड है। सरकार ऐसे लोगों को पांच किलो राशन देती है। इस महीने ऐसे लोगों को फ्री राशन दिया जाएगा। इसके साथ ही केंद्र की योजना के तहत पांच किलो राशन और दिया जाएगा। इस तरह इस महीने लोग 10 किलो राशन ले सकेंगे। लेकिन दिल्ली में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें जरूरत है और उनके पास कार्ड नहीं है उन्हें भी राशन दिया जाएगा। दो-चार दिन में यह प्रणाली लागू हो जाएगी।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में कुछ परिवार बेहद मुश्किल हालातों का सामना कर रहे हैं। प्रत्येक परिवार को जिसमें किसी की मौत कोरोना के कारण हुई है, उसे अनुग्रह राशि के रूप में 50,000 रुपये का मुआवजा (एक्स-ग्रेशिया अमाउंट) दिया जाएगा। इसके अलावा केजरीवाल ने ऐलान किया है कि दिल्ली में कोरोना से अनाथ होने वाले बच्चों को 25 साल की उम्र तक दिल्ली सरकार ढाई हजार रुपये पेंशन देगी. इसके अलावा उनके पढ़ाई का भी सारा खर्चा सरकार उठाएगी।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जिस परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई है, उस परिवार को ₹50000 मुआवजे के साथ-साथ 2500 रुपये महीना पेंशन दी जाएगी। पति की मौत होने पर पत्नी को, पत्नी की मौते होने पर पति को और जिनकी शादी नहीं हुई है उनके माता-पिता को पेंशन दी जाएगी।

 

HC की योगी सरकार पर तल्‍ख टिप्‍पणी, कहा- छोटे शहरों और गांवों में चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 को रोकने और पीड़ितों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई चिकित्सा व्यवस्था पर मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक तल्ख टिप्पणी की। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गांवों और छोटे शहरों में मेडिकल सिस्टम राम भरोसे (भगवान की दया पर) है।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। हाईकोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 22 अप्रैल को शाम 7-8 बजे 64 वर्षीय मरीज संतोष कुमार शौचालय गया था जहां वह बेहोश होकर गिर गया. जूनियर डॉक्टर तुलिका उस समय रात्रि ड्यूटी पर थीं। उन्होंने बताया कि संतोष कुमार को बेहोशी के हालत में स्ट्रेचर पर लाया गया और उसे होश में लाने का प्रयास किया गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, टीम के प्रभारी डाक्टर अंशु की रात्रि की ड्यूटी थी, लेकिन वह उपस्थित नहीं थे। सुबह डॉक्टर तनिष्क उत्कर्ष ने शव को उस स्थान से हटवाया, लेकिन व्यक्ति की शिनाख्त के सभी प्रयास व्यर्थ रहे। वह आइसोलेशन वार्ड में उस मरीज की फाइल नहीं ढूंढ सके। इस तरह से संतोष की लाश लावारिस मान ली गई और रात्रि की टीम भी उसकी पहचान नहीं कर सकी, इसलिए शव को पैक कर उसे निस्तारित कर दिया गया।

इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा, यदि डॉक्टरों और पैरा मेडिकल कर्मचारी इस तरह का रवैया अपनाते हैं और ड्यूटी करने में घोर लापरवाही दिखाते हैं तो यह गंभीर दुराचार का मामला है, क्योंकि यह भोले भाले लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ जैसा है. राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.

गांवों में होगा कोरोना मरीजों का इलाज, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने में जुटी सरकार

उधमसिंह नगर। ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने में जुटी है। खटीमा नागरिक चिकित्सालय में आज स्थानीय विधायक ने ब्लॉक में स्थित चारों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना संक्रमितों को अच्छा इलाज देने के लिए को 4-4 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ ही आवश्यक दवाइयां व उपकरण वितरित किए गए।

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर ने भयानक तबाही मचा रखी है। ऐसे में अब शहरी क्षेत्रों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप दिखाई देने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी ना होने के कारण कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। आज खटीमा नागरिक चिकित्सालय में स्थानीय विधायक पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा ब्लॉक में स्थित चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवरी, चकरपुर, प्रतापपुर, नगला तराई में 4-4 आक्सीजन कंसंट्रेटर वितरित किए। जिससे ऑक्सीजन की कमी वाले मरीजों का ठीक से इलाज मिल सके।

खटीमा ब्लॉक के नोडल अधिकारी डॉ. सुनीता रतूड़ी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर का ग्रामीण क्षेत्रों में काफी प्रभाव है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिसके तहत आज खटीमा ब्लॉक के चारों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 4-4 आक्सीजन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व आवश्यक दवाइयां व उपकरण भेजे जा रहे हैं।

रिपोर्ट -अशोक सरकार

100 साल की बुजुर्ग के हौसले के सामने हारा कोरोना

मेरठ। उत्तर प्रदेश के  मेरठ जिले में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। पिछले 5 दिनों में जहां कोरोना से 60 से ज्यादा मौतें हुईं वहीं एक बुजुर्ग महिला जिनकी उम्र 100 साल है उनके हौसलों के सामने कोरोना ने दम तोड़ दिया।

100 साल की बुजुर्ग सरदार कौर मूलरूप से बागपत की रहने वाली हैं और पिछले दिनों पंचायत चुनाव में अपना कीमती वोट डालने गांव गई थीं, जिसके बाद से उनको तेज बुखार और खासी जुकाम होने लगा। कोरोना की जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बुजुर्ग महिला के बेटे धृष्टद्युम्न सिंह ने बताया कि परिवार के सभी लोगों मे संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद अम्मा जी के हौसले को देखकर परिवार के अन्य सदस्यों में भी हिम्मत आई। उन्होंने बताया कि बीमारी में भी अम्मा जी योग व्यायाम आदि कर रही थीं और प्रोटीन से भरपूर मात्रा में खाने का सेवन करती रहीं। जिसके बाद 15 मई को जब जांच कराई गई तो बुजुर्ग सरदार कौर समेत सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई।

रिपोर्ट:– शाहिद मंसूरी

 

दुर्गापुर से 12 घंटे में गोरखपुर पहुंची पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस,  40 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन को बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

गोरखपुर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से शुक्रवार देर रात चली पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस शनिवार दोपहर 12 बजे गोरखपुर क्षेत्र के नकहा रेलवे स्‍टेशन पहुंच गई। दो कंटेनर में 40 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन को लाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था। ऑक्‍सीजन को गोरखपुर लाने में 12 घंटे का समय लगा। इससे यहां पर आक्‍सीजन की उपलब्‍धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके साथ ही कोविड-19 के जिन मरीजों को ऑक्‍सीजन की दिक्‍कत हो रही है, उसे भी पूरा किया जा सकेगा।

बता दें कि गोरखपुर में वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। ऐसे में आक्‍सीजन की कमी ने भी कई सवाल खड़े किए हैं। दर्जनों ऐसे मरीज रहे हैं, जिन्‍हें ऑक्‍सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऑक्‍सीजन को लेकर शहर से लेकर गांव तक हाहाकार मचा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के पूरे एक माह बाद यानी आज 15 मई को पहली आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस गोरखपुर पहुंची है। इससे यहां पर कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से आक्‍सीजन की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

गोरखपुर के लोगों को ऑक्‍सीजन की किल्‍लत के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी है। आम इंसान से लेकर अस्‍पताल और घरों में अपने परिजनों को ऑक्‍सीजन पर रखने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ऑक्‍सीजन की कमी की के कारण कई लोगों ने अपनों को खो दिया है। यही वजह है कि पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस आक्‍सीजन लेकर 11.52 पर रवाना हुई और 15 मई यानी शनिवार को दोपहर 12 बजे गोरखपुर पहुंच गई।

गोरखपुर के जिलाधिकारी के.विजयेन्‍द्र पांडियन ने बताया कि 12 घंटे में ऑक्‍सीजन पहुंच गई। काशीपुर और बोकारो से आक्‍सीजन मिल‍ता था। अब 2000 सिलिंडर से 8000 सिलिंडर की क्षमता हो गई है। हम ऑक्‍सीजन के सरप्‍लस में हैं। गोरखपुर के साथ 15 जिलों को आक्‍सीजन की सुविधा दी जा रही है। तीन ऑक्‍सीजन प्‍लांट चल रहे हैं।

 

पश्चिम बंगाल में कल से 30 मई तक रहेगा सख्त लॉकडाउन, जानिए कहां किसको मिलेगी छूट

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों को देख पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने 16 से 30 मई तक के लिए सख्त लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। बंगाल में 15 दिन के लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर मेट्रो, बस सेवाएं व अन्य सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी। इस दौरान स्कूल-कॉलेज और अन्य सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।

ममता सरकार में मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के तहत  बंगाल में 16 से 30 मई तक लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाएं ही चालू रहेंगी। निजी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, मेट्रो और बस सेवा सब बंद रहेंगे। फल-सब्जी और राशन की दुकानें भी सुबह 7 बजे से 10 बजे तक ही खुली रहेंगी। रात के 9 बजे से सुबह के 5 बजे तक लोगों के निकलने पर मनाही होगी।

इसके अलावा मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय ने कहा कि मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराया जाएगा। ऐसा न करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों का न सिर्फ चालान किया जाएगा बल्कि महामारी एक्ट के तहत उन पर केस भी दर्ज किया जाएगा।