नई दिल्ली। वॉट्सऐप मामले में इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के निजता के अधिकार का पूरी तरह से सम्मान करती है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वाट्सऐप यूजर्स को इस नए नियम से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इस नए नियम का उद्देश्य यह पता लगाना है कि नियमों में उल्लिखित विशिष्ट अपराधों को अंजाम देने वाले संदेश किसके द्वारा शुरू किए जा रहे हैं।
Government fully recognises and respects the right of privacy. Ordinary users of WhatsApp have nothing to fear about the new Rules. Its entire objective is to find out who started the message that led to commissioning of specific crimes mentioned in the Rules. pic.twitter.com/VCVYkwiftG
नई दिल्ली। मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (WhatsApp ) ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तीन महीने पहले जारी की गई गाइडलाइन में वॉट्सऐप और उस जैसी कंपनियों को अपने मैसेजिंग ऐप पर भेजे गए मैसेज के ओरिजिन की जानकारी अपने पास रखनी होगी। सरकार के इसी नियम के खिलाफ कंपनी ने अब दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने बताया कि मैसेजिंग ऐप से चैट को इस तरह से ट्रेस करना लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। हमारे लिए यह वॉट्सऐप पर भेजे गए सारे मैसेज पर नजर रखने जैसा होगा, जिससे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का कोई औचित्य नहीं बचेगा।
बता दें कि व्हाट्सएप ने केंद्र सरकार के हालिया सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। नए आईटी नियमों के तहत व्हाट्सएप और उस जैसी कंपनियों को अपने मैसेजिंग ऐप पर भेजे गए मैसेज के ऑरिजिन, यानी जहां से सबसे पहले संदेश भेजा गया, का पता रखना होगा। मगर इस नियम को लेकर व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) में याचिका दाखिल की है।
नई दिल्ली। व्हाट्सऐप की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। तमाम विरोध के बावजूद कंपनी अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर डटी हुई है। कंपनी ने ऐलान किया है कि भारत में जो भी यूजर उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, वो 15 मई 2020 के बाद से व्हाट्सऐप का प्रयोग नहीं कर पायेंगे। उसने यूजरों को सिक्यॉरिटी देने का वादा करते हुए कहा कि वो अपने अपडेट से पीछे नहीं हटेगा। इस दौरान कई लोग सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप्स पर शिफ्ट हो रहे हैं।
व्हाट्सऐप्प का कहना है कि वो ‘धीरे-धीरे’ अपने यूजर्स से कहेगा कि वो उसके नए टर्म्स एंड कंडीशंस को स्वीकार करें। ऐसा न करने पर वो एप का प्रयोग ही नहीं कर पाएंगे। वो कॉल करने और रिसीव करने में तो सक्षम होंगे, लेकिन उन्हें मैसेज भेजने और देखने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। Whatsapp ने कहा है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार न करने के बावजूद कुछ दिनों तक यूजर्स को एप का प्रयोग करने दिया जाएगा।
उसने अब यूजर्स को आश्वस्त करने के लिए नया तरीका निकाला है। चैट विंडो के टॉप पर एक एड दिखाया जाएगा, जिसमें नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में लोगों को ‘शिक्षित’ किया जाएगा। एकाध सप्ताह में ये फीचर काम करने लगेगा। इसमें बताया जाएगा कि उसे कौन सी सूचनाएं चाहिए और कैसे इसका गलत उपयोग नहीं हो सकता है। यूजर्स को इस पॉलिसी के रिव्यू के लिए भी विकल्प दिए जाएंगे, ताकि वो और अधिक जानें।
चायनीज कंपनियों जैसी है व्हाट्सऐप की नई पॉलिसी
व्हाट्सएप्प का ये रुख एकदम उन चीनी कंपनियों की तरह है, जो भारत में प्रतिबंधित होने से पहले सरकार और यूजर्स की बातों को अनसुना करते थे। Helo जैसे एप जहां चीन विरोधी कंटेंट्स को जम कर सेंसर किया करते थे, वहीं भारत विरोधी प्रोपेगंडा के लिए वहां जगह ही जगह थी। PUBG ने भी सरकार से बात कर के मामले को उलझना चाहा। TikTok भी कोई भी बात मानने को राज़ी नहीं हुआ था।
नतीजा ये हुआ कि चीन पर ‘डिजिटल स्ट्राइक’ के क्रम में इन ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया। इन्होंने सरकार के सवालों का जवाब देने की बजाए बातों को गोलमोल घुमाना शुरू कर दिया। TikTok, Alibaba का UC Browser और Tencent का WeChat सहित 59 एप्स को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) मंत्रालय ने हमेशा के लिए बैन कर दिया। मामला उस बार भी सिक्योरिटी और प्राइवेसी से ही जुड़ा था।
नई दिल्ली। व्हाट्सएप (WhatsApp) ने एक बार फिर से अपनी विवादित प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए WhatsApp ने अपनी योजनाओं को उजागर किया है, ताकि यूजर (User) इस पॉलिसी (Policy) को अच्छी तरह समझ सकें। और अगर यूजर इन शर्तों (Condition) को नहीं मानता है तो उसका व्हाट्सएप अकाउंट (WhatsApp Account) बंद (Close) हो जाएगा।
फेसबुक के स्वामित्व वाले ऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को फरवरी में लागू करने की तैयारी की थी और जनवरी में ही इन-ऐप नोटिफिकेशन्स के जरिए यूजर्स को नई पॉलिसी के बारे में जानकारी देनी शुरू कर दी थी। हालांकि, डेटा प्राइवेसी की चिंता को लेकर इस नए अपडेट को यूजर्स की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। भारत सरकार ने भी वॉट्सऐप से नए अपडेट को वापस लेने के लिए कहा था।
नई दिल्ली। भारत में इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Whatsapp काफी लोकप्रिय है और यूजर्स को बेहतर चैटिंग एक्सपीरियंस प्रदान करने के लिए इसमें आए दिन नए फीचर्स शामिल किए जाते हैं। लेकिन अब Whatsapp को टक्कर देने के लिए मेड इन इंडिया ऐप ‘संदेश’ लॉन्च किया गया है। जो कि बनकर पूरी तैयार है और फिलहाल अपने टेस्टिंग फेज में है। इस ऐप को भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया है और फिलहाल ये सरकारी अधिकारियों द्वारा ही इस्तेमाल किया जा रहा है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इस ऐप को सभी के लिए रोलआउट किया जाएगा।
Sandes ऐप की बात करें तो इस ऐप के बारे में जानने के लिए आपको WWW.GIMS.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा, जहां आपको इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी। साथ ही आप यह भी जान सकेंगे कि इसे ऐप में कैसे साइन इन करना है। बता दें कि प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए इस ऐप में साइन इन के लिए ओटीटी का उपयोग किया गया है। इस ऐप को सरकारी इंस्टैंट मैसेजिंग सिस्टम कहा गया है।
ऐप का डिजाइन और लोगो
सरकारी ऐप Sandes के डिजाइन और लोगो की बात करें तो इस ऐप में अशोक चक्र का लोगो दिया गया है। इसमें तिरंगा के रंग की तीन लेयर मौजूद हैं। इस ऐप को डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव के तौर पर लॉन्च किया गया है। यह एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध होगा।
Sandes ऐप के फीचर्स
Sandes ऐप के फीचर्स की बात करें तो इस ऐप में यूजर्स को चैटिंग के अलावा वॉयस कॉलिंग फीचर भी मिलेगा। यानि Whatsapp की तरह ही इसमें भी वॉयस कॉलिंग का लाभ उठाया जा सकता है। इस ऐप को भारत का नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंसर कंट्रोल करेगा। इस ऐप में यूजर्स तीन तरीके से साइन इन कर सकते हैं। इसमें साइन इन संदेश एलडीएपी, साइन इन संदेश ओटीपी और Sandes वेब शामिल हैं। इनमें से किसी भी विकल्प का चयन करने के बाद आपको एक ओटीपी मिलेगा। फिलहाल साइन इन करने की सुविधा केवल सरकारी अधिकारियों को ही है क्योंकि यह अभी टेस्टिंग फेज में है और जल्द ही इसे यूजर्स के लिए रोलआउट किया जाएगा।
इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Signal ने Whatsapp यूजर्स को अपने साथ जोड़ने के लिए दो नए फीचर लॉन्च किए हैं। यह दोनों फीचर Whatsapp से मेल खाते हैं। आपको बता दें कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मचे बवाल की वजह से Signal ऐप को बहुत फायदा हुआ है। वहीं, इस मोबाइल ऐप की डाउनलोड संख्या भी तेजी से बढ़ी है।
Signal ऐप के मुताबिक, कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर चैट वॉलपेपर और एनिमेटेड स्टिकर को जोड़ा है। इन दोनों फीचर का उपयोग एंड्राइड और आईओएस यूजर्स कर सकते हैं। चैट वॉलपेपर का इस्तेमाल करने के लिए आपको सिग्नल ऐप की सेटिंग में जाकर Appearance विकल्प पर क्लिक करना होगा। यहां आपको चैट वॉलपेपर मिल जाएंगे, जिन्हें आप अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी भी कॉन्टैक्ट को व्हाट्सएप की तरह एनिमेटेड स्टिकर भेज सकते हैं।
Signal ऐप यूजर्स को मैसेज भेजने, ऑडियो और विडियो कॉल्स करने, फोटोज, विडियोज और लिंक शेयर करने की सहूलियत देता है। ऐप का दावा है कि उसकी तरफ से यूजर डेटा का ना के बराबर इस्तेमाल किया जाता है। यह यूजर्स के असुरक्षित बैकअप को क्लाउड पर भी नहीं भेजता और यह एनक्रिप्टेड डाटाबेस को आपके फोन में ही सिक्योर रखता है। साथ ही ऐप की सिक्योरिटी को अपने हिसाब से तय करने का विकल्प दिया गया है। Signal दिसंबर 2020 में ग्रुप विडियो कॉलिंग का ऑप्शन भी लेकर आया है।
नई दिल्ली। व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद लगातार गहरा रंग लेते नजर आ रहा है। व्हाट्सऐप के सीईओ ने केंद्र सरकार को खत लिखकर पॉलिसी को स्वीकार्य करने की मांग की थी।
केंद्र ने खत का जवाब देते हुए नई प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने से साफ इनकार कर दिया।
बता दें कि केंद्र ने अस्वीकार्य करते हुए कंपनी को इसे वापस लेने को कहा है। केंद्र सरकार ने व्हाट्सऐप के सीईओ विल कैथार्ट को खत लिखकर कहा है कि सेवा, गोपनीयता शर्तों में कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है।
सरकार ने यह भी कहा कि व्हाट्सऐप गोपनीयता नीति में प्रस्तावित बदलाव गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं, उन्हें वापस लेना चाहिए।
वॉट्सएप की प्राइवेसी को लेकर यूजर्स द्वारा बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए नई पॉलिसी पर रोक लगा दी गई है। अब यूजर्स अगर वाट्सएप की पॉलिसी को 8 फरवरी तक मंजूरी नहीं देते हैं तो उनका अकाउंट बंद नहीं किया जायेगा।
दरअसल, फेसबुक ओन्ड़ मैसेजिंग ऐप वाट्सअप 8 फरवरी से अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने वाली थी, जिसे अब अगले तीन महीने तक पोस्टपोन कर दिया गया है। यानी अब यूजर्स के पास 16 मई 2021 तक का समय होगा। इतना ही नहीं, 15 मई 2021 को वाटस्अप का नया बिजनेस ऑप्शन्स भी लॉन्च होगा।
कंपनी ने नई पॉलिसी को लेकर दी सफाई
फेसबुक ओन्ड कंपनी के मुताबिक वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूज़र्स काफी कंफ्यूज नज़र आ रहे थे। जिसे फिलहाल स्थगित किया जा रहा है और साथ ही यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी को समझने में ज्यादा वक्त भी मिल पायेगा। वॉट्सएप अपनी नई प्राइवेसी और सिक्योरिटी पॉलिसी की भ्रामक जानकारियों को लेकर हर स्तर पर लोगों तक पहुंचाना चाहती है। कंपनी ने साफ किया कि 8 फरवरी के बाद भी यूजर का वॉट्सएप अकाउंट सस्पेंड या डिलीट नहीं होगा।
लोगो में दिखा आक्रोश
वॉट्सएप की प्राईवेसी पॉलिसी के ऐलान के बाद भारी संख्या में लोग मैसेजिंग के लिए टेलीग्राम जैसी ऐप का इस्तेमाल कर रहे है। वॉट्सएप की नई प्राईवेसी को लेकर 5 जनवरी के ऐलान कर दिया गया था और साथ ही इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका भा दाखिल की गई थी। जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि यह ह्यूमन राईट्स यानि की राईट टू प्राइवेसी के खिलाफ है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी पूछताछ कर सकती है। ऐसे में वॉट्सएप के खिलाफ चारो ओर से दबाव बनया जा रहा है।
व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को बुधवार को एक पॉप-अप निर्देशन प्राप्त हुआ, जिसमें व्हाट्सएप का उप्योग करने की नई शर्तों बताई गई। अगर ऐप उपयोगकर्ता ने शर्तों का पालन नहीं किया तो वें व्हाट्सएप का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने शर्तों के लिए 8 फरवरी की समय सीमा तय की है, जो अब से एक महीने बाद है। सेवा की शर्तों में कहा गया है कि उपयोगकर्ता अपने व्हाट्सएप डेटा तक पहुंच प्रदान करे और कंपनी इसे संसाधित करेगी। नई शर्तों में यह भी बताया गया है कि व्हाट्सएप चैट को स्टोर करने और प्रबंधित करने के लिए फेसबुक कंपनी की सेवाओं का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
घोषणा के बाद से व्हाट्सएप उपयोगकर्ता सिग्नल और टेलीग्राम जैसे अन्य मैसेंजर एप्स पर जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। टेस्ला के सीईओ और वर्तमान में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलोन मस्क ने गुरुवार को उपयोगकर्ताओं से सिग्नल ऐप का उपयोग करने का आग्रह किया।
गुरुवार को सिग्नल ने अपने ट्वीट में कहा कि कई प्रदाताओं में सत्यापन कोड देरी से आ सकता है, क्योंकि कई नए लोग मैसेजिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ने की कोशिश कर रहे है। कंपनी ने एक गाइड को भी साझा किया है, जो उपयोगकर्ताओं को अन्य मैसेंजर ऐप से एक समूह लिंक का उपयोग करके सिग्नल तक ले जाने के लिए जानकारी देता है। सिग्नल ने यहां स्पष्ट रूप से व्हाट्सएप का नाम नहीं लिया।
A lot of people have been asking how to move their group chats from other apps to Signal, and Signal group links are a great way to get started. Drop a group link into your former chat app of choice like you’re dropping the mic on the way out. pic.twitter.com/q49DeZufBG
हालांकि, गाइड पर साझा की गई अंतिम तस्वीर काफी स्पष्ट है। इतना ही नहीं सिग्नल ने बताया की उपयोगकर्ताओं को ध्यान देना चाहिए कि वे दो ऐप्स के बीच अपनी चैट को ट्रांसफर नहीं कर सकते है। साझा की गई सुविधा केवल उपयोगकर्ताओं को एक मैसेंजर ऐप से दूसरे में ले जाने के लिए है।
नया साल शुरू होने वाला है और नए साल पर व्हाट्सएप भी कुछ नया लेकर आ रहा है। 1 जनवरी से कई पुराने एंड्रॉयड फोन और आईफोन में व्हाट्सएप काम करना बंद कर देगा। दरअसल व्हाट्सएप हर साल कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम में अपना सपोर्ट बंद कर देता है। रिपोर्ट के मुताबिक जिस फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 9 और एंड्रॉयड 4.0.3 से नीचे काम करने वाले स्मार्टफोन में नहीं चलेगा।
आपको बता दें कि पिछले साल व्हाट्सएप ने अपना सपोर्ट विंडोज और ब्लैकबेरी के लिए बंद किया था। वहीं नए साल में 1 जनवरी से भी कई आईफोन और कई एंड्रॉयड फोन पर WhatsApp काम करना बंद कर देगा है।
इन iPhone के मॉडलों पर काम नहीं करेगा WhatsApp
1 जनवरी से iPhone 4 या इससे पहले के आईफोन में व्हाट्सएप काम नहीं करेगा। आपके पास अगर इससे ऊपर का कोई मॉडल है तो आप फोन को अपडेट कर सकते हैं। सरल शब्दों में कहें तो iPhone 4S, iPhone 5, iPhone 5S, iPhone 5C, iPhone 6 और iPhone 6S में आप व्हाट्सएप चला पाएंगे।
इन एंड्रॉयड फोन पर नहीं काम करेगा WhatsApp
ऐसे एंड्रॉयड फोन जो Android 4.0.3 पर नहीं काम करते, उन स्मार्चफोनस पर आप वॉट्सऐप नहीं चला पाएंगे. इसमें HTC Desire, LG Optimus Black, Motorola Droid Razr, Samsung Galaxy S2 जैसे मॉडल शामिल है.
ऐसे पता आपके फोन में कौन-सा ऑपरेटिंग सिस्टम है
अगर आपको नहीं पता कि आपके फोन में कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है तो ये जानने का तरीका बहुत सरल है. आईफोन फोन के लिए यूजर्स को सेटिंग पर जाना होगा.इसके बाद General पर क्लिक करें। फिर Information पर जाने के बाद आपको जानकारी हो जाएगी, आपके आईफोन में कौन सा सॉफ्टवेयर है।
इसी तरह अगर आप Android यूज़र हैं तो सबसे पहले आपको Settings पर जाना होगा. यहां About Phone में जाकर यूज़र फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जान सकेंगे.